शुक्रवार (22मई,20) को पाकिस्तान के कराची में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) का एक यात्री विमान लैंडिंग से कुछ सेंकेंड पहले क्रैश हो गया। इस हादसे में 97 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और सिर्फ़ 2 ही लोगों की जान बची है।
Exclusive CCTV Footage of today Plane Crash Near Karachi Airport#Breaking #PlaneCrash #Karachi #Pakistan #PIA pic.twitter.com/WXlOzLrGPm
— Weather Of Karachi- WOK (@KarachiWok) May 22, 2020
घटना के कुछ सेकंड पहले पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को प्लेन में खराबी की बात बताई थी। साथ ही पायलट लगातार एक शब्द बोल रहा था- मेडे… मेडे (Mayday)। इस शब्द को शायद आप लोगों ने भी पहली बार सुना होगा। आखिर पायलट दुर्घटना से पहले क्या बताना चाह रहा था।
ऑडियो में आप सुन सकते है कि पायलट कह रहा है, “हमारे इंजन खराब हो चुके है” इसके बाद कंट्रोल रूम पूछता है, “क्या आप बेली-लैंडिंग के लिए तैयार हैं? 2:05 पर दोनों रनवे लैंडिंग के लिए उपलब्ध हैं।” इसके बाद पायलट बोलता है- “मेडे..मेडे..मेडे..” इसके ही कुछ देर बाद विमान क्रैश हो जाता है।
Last conversation of #PIA pilots with air traffic controller. It was mayday call.#planecrash #Pakistan #crash pic.twitter.com/Y6pc96iQoq
— Professor (@LacasaDepapel80) May 22, 2020
क्या मेडे (Mayday) कोई खुफिया कोड है? जाहिर सी बात है कि इसका अभी चल रहे महीने यानी (May) ‘मे’ से कोई लेना-देना नहीं है। क्या अंतिम बातचीत के दौरान कंट्रोल रूम से कोई संदेश देना चाहता था? आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में:
मेडे (Mayday) का मतलब
दरअसल, MAYDAY एक फ्रेंच शब्द है। इस शब्द का मतलब होता है मदद करो, हम मुसीबत में हैं और हमारी जान खतरे में है। रेडियो से संपर्क के दौरान डिस्ट्रेस कॉल यानी मुसीबत में होने की जानकारी देने के लिए मेडे..मेडे..का इस्तेमाल किया जाता है। इमरजेंसी सिचुएशन में तीन बार इस शब्द को जोर-जोर से बोला जाता है।
बता दें इस मेडे (Mayday) शब्द का निर्माण इसलिए किया गया ताकि किसी भी इमरजेंसी सिचुएशन में आसानी और जल्दी से बोला जा सके और दुनियाभर के पायलट बिना समय गवाएँ इसका इस्तेमाल कर सके। इस शब्द का चयन इसलिए हुआ क्योंकि किसी भी शोरगुल में इसे अलग से सुना जा सकता है। इससे पहले इमरजेंसी सिचुएशन में SOS शब्द यानी Save Our Souls शब्द का प्रयोग होता था।
ऑडियो में पायलट एक और शब्द का इस्तेमाल करता है, वो है बेली- लैंडिंग। जहाँ कंट्रोल रूम द्वारा पूछा जाता है कि क्या आप बेली- लैंडिंग के लिए तैयार है। लेकिन जब तक पायलट बेली-लैंडिंग कराता उससे पहले हादसा हो गया।
क्या है बेली-लैंडिंग
प्लेन के लैंड होने के लिए उसके निचले हिस्से में लैंडिंग गियर लगे होते हैं। उनके खुलने के साथ ही प्लेन उनके सहारे रनवे पर लैंड करता है। हालाँकि, गियर के न खुलने की स्थिति में प्लेन के निचले हिस्से के सहारे ही लैंडिंग की कोशिश की जाती है ताकि वह एकदम से जमीन पर क्रैश होकर न गिर जाए। कराची क्रैश के केस में भी ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि प्लेन के लैंडिंग गियर खुल नहीं सके और यह मकानों पर जा गिरा।
जानकारी के अनुसार विमान पूँछ के बल लैंड करता है तो विमान के अगले हिस्से को कम नुकसान पहुँचता है यदि विमान अगले हिस्से के बल लैंड करता है तो अधिक नुकसान होता है। यदि बीच के बल लैंड करता है तो वो टूटकर अलग हो जाता है। साथ ही आग लगने का भी खतरा अधिक होता है।
मे-डे की ही तरह दुनियाभर में आपातकाल की सूचना देने के लिए कुछ अन्य शब्द भी प्रचलित हैं। जैसे पैन-पैन। यह फ़्रेंच शब्द ‘पेने’ से लिया गया है जिसका मतलब होता है ‘ब्रेकडाउन’। आम तौर पर इसका इस्तेमाल किसी मैकेनिकल या मेडिकल ज़रूरत के समय किया जाता है।
पैन-पैन कोड
पैन-पैन का सिर्फ़ तभी इस्तेमाल होता है, जब परेशानी बड़ी तो हो लेकिन इतनी भी नहीं कि किसी की जान पर बन आई हो। जैसे कि अगर कोई पायलट पैन-पैन कोड का इस्तेमाल करता है और दूसरा पायलट मेडे-मेडे कोड का इस्तेमाल करता है तो पहले मेडे वाले पायलट की मदद की जाएगी।