Thursday, May 22, 2025
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पाकिस्तान में बलूचों का नरसंहार… फौज ने गायब किए 10 और युवक: रेड के बहाने अपहरण, अत्याचारों पर मानवाधिकार संगठन चुप

पाकिस्तान की फौज के खिलाफ बलूच नागरिकों का विरोध प्रदर्शन रोकने के लिए उनके युवाओं को लापता किया जा रहा है। वहाँ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के साथ मिलकर घर-घर तलाशी अभियान चलाया और 10 लोगों को लापता कर दिया। इनमें कुछ छात्र भी है।

पाकिस्तान की फौज के अत्याचारों के खिलाफ बलूच नागरिकों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इसे रोकने के लिए उनके युवाओं को लापता किया जा रहा है। खबर है कि बलूचिस्तान के डेरा बुगती क्षेत्र में 10 लोग लापता हैं। वहाँ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के साथ मिलकर घर-घर तलाशी अभियान चलाया और 10 लोगों को लापता कर दिया। इनमें कुछ छात्र भी हैं।

जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तानी फौज ने जाफर कॉलोनी में रेड मारी थी जिसके बाद वहाँ जीटीए जिला अध्यक्ष और जम्हूरी वतन पार्टी एक्टिविस्ट मास्टर गौस बख्स के बेटे मीरन बख्स बुगती गायब कर दिए गए।

इसी तरह केच जिले के ताजबन इलाके में शनिवार (27 जनवरी 2024) को एक घर में रेड मारने के दौरान पाकिस्तानी फौज ने बहादुर चक्र नाम के नवयुवक को हिरासत में लिया था। पूछने पर भी जब उसका पता नहीं चला तो उन्होंने M-8 सीपीईसी हाईवे ब्लॉक कर दिया और प्रदर्शन पर बैठ गए। पूरी रात उन्होंने सड़क पर बिताई।

इसी तदरह हनीफ बुगती और शाह हुसैन के बेटे फैजल को भी पाकिस्तानी फोर्स की काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट ने सुई फील्ड के लेबर क्वार्टर से उठाया था। हालाँकि बाद में उसे छोड़ दिया गया। इसी तरह अतीफुल्लाह भी कथिततौर पर पाकिस्ताी खुफिया एजेंसियों द्वारा गाय कर दिया गया। इसी तरह शाहजेन पंप इलाके से भी तीन लोग गायब हुए जिनकी पहचान नहीं हो पाई है।

पाकिस्तानी फौज के खिलाफ बलूच नागरिकों का विरोध

बता दें कि बलूचिस्तान में नागरिकों को लापता करने का इल्जाम हमेशा से पाकिस्तानी फोर्स पर लगता रहा है। लेकिन बलूच के नागरिक हिम्मत जुटाकर समय-समय पर उनके विरुद्ध प्रदर्शन करते हैं। उनकी नीतियों का विरोध करते हैं। इस बार भी वह यही कर रहे हैं।

एक्टिविस्ट महरंग बलूच ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए जानकारी दी। उन्होंने बताया कि असलम, हम्माल और बहादुर चकर बलूच छात्र हैं, जिनका होशाप और ताजबान से अपहरण किया गया है। इनके परिवार के सदस्य ही सीपीईसी मार्ग को ब्लॉक किया है।

उन्होंने ये भी बताया कि बलूचिस्तान के लोग बलूच नरसंहार और मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन फिर भी वहाँ ये सब जारी हैं। उन्होंने मानवाधिकार संगठनों से अपील की है कि वह बलूच युवाओं की बरामदगी की वकालत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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