Sunday, September 1, 2024
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पाकिस्‍तान की हेकड़ी गायब: अब भारत से माँग रहा जीवन रक्षक दवाएँ, अस्‍पतालों में मरीजों को बुरा हाल

एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने पिछले 16 महीनों के दौरान भारत से 250 करोड़ रुपए से ज्यादा की केवल रेबीजरोधी और जहररोधी टीकों की खरीदारी की है।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के बाद से बौखलाए पाकिस्तान ने जोश-जोश में भारत के साथ व्यापार तो रोक दिया, लेकिन उसका यह कदम उसके लिए ही भारी पड़ रहा है। संसाधनों की कमी से जूझ रहा पाकिस्तान अब जीवनरक्षक दवाओं की कमी से परेशान है। युद्ध की धमकी देकर रोज घुसपैठ की कोशिशों में लगा पाक अब घुटने टेकने को मजबूर हो गया है। पाकिस्तान ने फिलहाल सोमवार को भारत के साथ आंशिक रूप से व्यापार को बहाल करते हुए भारत से जीवनरक्षक दवाओं के आयात करने को मंजूरी दे दी है।

खाने के लाले पड़े पाकिस्तान ने अपने हवाई मार्ग भी बंद कर रखे हैं भारत के लिए लेकिन भारत के साथ व्‍यापार पर प्रतिबंध के 30 दिन गुजरते-गुजरते पाकिस्तान को अपने फैसले का असर साफ दिखने लगा। जबकि पाक के इन प्रतिबंधों का भारत पर कुछ खास असर नहीं हुआ, लेकिन पाकिस्तान घुटनों के बल आ गया।

जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत से दवाओं के आयात और निर्यात की अनुमति पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय के द्वारा सोमवार को दी गई। इसके संबंध में एक वैधानिक नियामक आदेश जारी किया गया है। बता दें कि पाकिस्तान बड़े स्तर पर भारतीय दवाओं का आयात करता है। हर तरह की दवाओं के लिए वो भारत पर आश्रित है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने पिछले 16 महीनों के दौरान भारत से 250 करोड़ रुपए से ज्यादा की केवल रेबीजरोधी और जहररोधी टीकों की खरीदारी की है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान के दवा उद्योग का इस समय बुरा हाल है। अनुच्छेद-370 हटाए जाने के विरोध में पाकिस्तान ने जब भारत से व्यापारिक रिश्ते खत्म किए तो वहाँ के व्यापारियों को भारत से दवाएँ मँगवाना बंद करने की मजबूरी थी। जिससे चंद दिनों में ही पाकिस्तान के अस्पताल में जीवन रक्षक दवाओं की भी घोर किल्लत हो गई। दवाओं के अभाव में मरीज तड़पने लगे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुताबिक, पाकिस्तानी दवा कम्पनियाँ अपने उत्पादन के लिए भारत और चीन से 50 प्रतिशत से अधिक कच्चा माल आयात करती हैं। एफपीसीसीआई में दवा समिति के प्रमुख ख्वाजा शाहजेब अकरम ने बताया कि स्थानीय स्तर पर उत्पादित दवाओं में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल का एक बड़ा हिस्सा भारत से आयात किया जाता है, क्योंकि हमारे पड़ोसी देश में दवाओं के लिए कच्चे माल का एक स्थापित उद्योग है।

बता दें कि भारत से पाकिस्तान मुख्‍य तौर पर चीनी, चाय, जीवन रक्षक दवाएँ, ऑयल, केक, पेट्रोलियम तेल, कच्चा कपास, सूती धागे, टायर, रबड, डाई, रसायन समेत 14 सामान आयात करता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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