Wednesday, November 20, 2024
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महाष्टमी की पूजा के बाद माँ दुर्गा के मंदिर में तोड़फोड़, प्रतिमाएँ विखंडित की: Pak के हिन्दू बहुल इलाके में भी सुरक्षित नहीं हिन्दू

हिन्दू समुदाय द्वारा वहाँ पर नवरात्र की पूजा किए जाने के बाद ये घटना हुई। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि माँ दुर्गा की प्रतिमा के मस्तक को ही तोड़ कर अलग कर दिया गया है। साथ ही उनके वाहन शेर की मूर्ति के साथ भी तोड़फोड़ मचाई गई है।

जहाँ एक तरफ पूरी दुनिया में हिन्दू नवरात्र का पर्व मना रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान में माँ दुर्गा की प्रतिमा को ही विखंडित कर दिया गया। पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के नगरपारकर स्थित में माँ दुर्गा के प्राचीन मंदिर में जम कर तोड़फोड़ की गई और साथ ही प्रतिमा को भी विखंडित कर दिया गया। पाकिस्तान की पत्रकार नायला इनायत ने सोशल मीडिया के जरिए विखंडित प्रतिमाओं की तस्वीरें शेयर की।

उन्होंने असामाजिक तत्वों की करतूतों के बारे में बताया। नायला ने लिखा कि हिन्दू समुदाय द्वारा वहाँ पर नवरात्र की पूजा किए जाने के बाद ये घटना हुई। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि माँ दुर्गा की प्रतिमा के मस्तक को ही तोड़ कर अलग कर दिया गया है। साथ ही उनके वाहन शेर की मूर्ति के साथ भी तोड़फोड़ मचाई गई है। पाकिस्तान का हिन्दू समुदाय वहाँ के इस्लामी कट्टरपंथियों के भय के साए में जीता आ रहा है।

हालाँकि, सिंध पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का दावा है कि उन्हें इस घटना की सूचना मिली है और वो दोषियों की गिरफ़्तारी के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जाँच के दौरान उन्हें कुछ इनपुट्स भी मिले हैं। ये घटना महाष्टमी के दिन हुई, जिसे दुर्गा पूजा के 9 दिन में सबसे पवित्र माना जाता है और इस दिन माँ महागौरी की पूजा की जाती है। स्थानीय पुलिस से हिन्दू समुदाय नाराज़ है और दोषियों की जल्द गिरफ़्तारी की माँग की गई है।

ये मंदिर थारपारकर जिले में स्थित है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री के स्पेशल असिस्टेंट पूंजो भील ने इस घटना पर दुःख जताते हुए कहा कि उन्होंने एसएसपी से बात की है। भील ने थारपारकर को मोहब्बत, अमन और भाईचारे की भूमि बताते हुए कहा कि यहाँ के सह-अस्तित्व को इस घटना के द्वारा चुनौती दी जा रही है। भारत और पाकिस्तान के कई अन्य हिन्दुओं ने सोशल मीडिया पर विरोध जताया।

थारपारकर के बारे में बता दें कि इस क्षेत्र में हिन्दू बहुसंख्यक हैं। क्षेत्र की 1.5 लाख की जनसंख्या में से 90,000 हिन्दू समुदाय से आते हैं। यहाँ प्राचीन काल में भी हिन्दुओं की बसावट रही है और आज भी इसे प्रमाण मिलते हैं। ऐतिहासिक जैन मंदिर यहाँ स्थित है। इसके अलावा चूडियो जबल दुर्गा माता मंदिर भी खासा लोकप्रिय है। यहाँ सदियों से जैन और हिन्दू समुदाय के लोग रहते आ रहे हैं, लेकिन अब इस्लामी मुल्क में उनके लिए खतरा पैदा हो गया है।

इससे पहले पाकिस्तान के सिंध के बदीन ज़िला स्थित कड़ियू घनौर शहर में अक्टूबर 10, 2020 को एक हिन्दू मंदिर में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी। स्थानीय पुलिस ने इस मामले में मोहम्मद इस्माइल शैदी नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इस्माइल ने मंदिर में रखी मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया था और फिर मौके से फरार हो गया था। पाकिस्तान में आए दिन ऐसी घटनाएँ होती रहती हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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