Sunday, November 17, 2024
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जो रिजवान नूपुर शर्मा को मारने पाकिस्तान से आया, उसने ही लाहौर में तोड़ी थी महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति

रिजवान के पास से धार्मिक किताबों के अतिरिक्त कुछ भी नहीं मिला। जाँच एजेंसियों का मानना है कि रिजवान काफी शातिर है वो कनेक्शन को लेकर कोई खुलासा नहीं कर रहा है।

पैगंबर मुहम्मद पर न्यूज़ डिबेट में टिप्पणी के बाद से इस्लामिक कट्टरपंथी बीजेपी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा को लगातार हत्या की धमकियाँ दे रहे हैं। इसी क्रम में पाकिस्तान से घुसपैठ कर भारत में घुसे रिजवान (24) नाम के पाकिस्तानी ने भी पकड़े जाने के बाद खुलासा किया है कि वो यहाँ नूपुर शर्मा की हत्या करने के लिए आया था। वो पाकिस्तान के कट्टरपंथी इस्लामिक राजनीतिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से जुड़ा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, रिजवान को श्रीगंगानगर में बीएसएफ, मिलिट्री इंटेलीजेंस और पुलिस ने मिलकर पकड़ा है। एडीजी (सिक्योरिटी) एस सेंगाथिर ने बताया कि 16 जुलाई की रात श्रीगंगानगर से सटे हिंदूमलकोट सीमा के पास से गिरफ्तार किया गया है। अधिकारी ने दावा किया कि किसी लोकल सपोर्ट के बिना वो ऐसा नहीं कर सकता है। ऐसे में अब उसके लोकल कनेक्शन को ट्रेस किया जा रहा है।

रिजवान के पास से धार्मिक किताबों के अतिरिक्त कुछ भी नहीं मिला। उसने जाँच एजेंसियों को बताया कि वो 8वीं पास है उसका एक भाई इटली तो दूसरा दुबई में रहता है। जाँच एजेंसियों का मानना है कि रिजवान काफी शातिर है वो कनेक्शन को लेकर कोई खुलासा नहीं कर रहा है। इसके साथ ही एडीजी ने ये स्पष्ट किया है कि तहरीक-ए-लब्बैक घुसपैठिए को इस इलाके में प्लांट किया गया है या वो खुद ही आया था, इसको लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता। उल्लेखनीय है कि तहरीक ए लब्बैक की स्थापना 2015 में की गई थी। इसका संस्थापक खामिद हुसैन है। भारत भेजने से पहले इसी संगठन के मुख्यालय मंडी बहाउद्दीन में उसकी ट्रेनिंग और ब्रेनवॉश किया गया था।

कौन है रिजवान

रिजवान मुख्यरूप से पाकिस्तान के मंडी बहाउद्दीन का रहने वाला है। वो इससे पहले पिछले साल अगस्त 2021 में उस वक्त चर्चा में आया था, जब लाहौर में ‘या अली या अली’ की नारेबाजी करते हुए शेर ए पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ दिया था। इस मामले में उसे गिरफ्तार भी किया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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