Sunday, September 1, 2024
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लड़के-लड़की का साथ घूमना गैर-इस्लामिक, यूनिवर्सिटी में लगा बैन: लोगों ने कहा- ‘पूरे मुल्क में लागू हो फरमान’

सर्कुलर में बताया गया है कि ऐसी गतिविधियाँ गैर-इस्लामिक हैं। अगर कोई छात्र-छात्रा (जोड़े में) घूमते नजर आते हैं तो उनकी शिकायत उनके माता-पिता तक जाएगी। साथ ही उन्हें भारी जुर्माना भी देना होगा।

पाकिस्तान की बाचा खान यूनिवर्सिटी ने अपने परिसर में ‘शिष्टाचार और अनुशासन’ बनाए रखने के लिए हाल ही में एक फरमान निकाला है। जानकारी के मुताबिक इस फरमान के अनुसार किसी लड़के-लड़की को साथ घूमने की आजादी नहीं है, क्योंकि इसे गैर-इस्लामिक बताते हुए कॉलेज परिसर में बैन कर दिया गया है।

पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के चरसड्डा में स्थित इस विश्वविद्यालय में यह सर्कुलर 23 सितंबर को निकाला गया। इसे जारी करने वाले का नाम असिस्टेंट चीफ प्रॉक्टर फरमानुल्लाहों हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यूनिवर्सिटी में जारी हुए सर्कुलर में स्पष्ट रूप से लिखा है कि कॉलेज परिसर में ‘कपलिंग’ यानी जोड़े में घूमने पर बैन है।

सर्कुलर में बताया गया है कि ऐसी गतिविधियाँ गैर-इस्लामिक है और छात्रों को इनमें शामिल होने से रोका जाता है। इसके अलावा अगर कोई छात्र-छात्रा (जोड़े में) घूमते नजर आते हैं तो उनकी शिकायत उनके माता-पिता तक जाएगी। साथ ही उन्हें भारी जुर्माना भी देना होगा।

अब इस मामले में खास बात ये है कि पाकिस्तान यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किया गया ये सर्कुलर ट्विटर पर वायरल हो गया है, जिसके चलते लोग इस पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, कुछ पाकिस्तानिों का मानना है कि ये यूनिवर्सिटी द्वारा उठाया शर्मनाक कदम है, वहीं कुछ का कहना है कि ऐसे सर्कुलर हर यूनिवर्सिटी में जारी होने चाहिए।

कुछ यूजर्स पाकिस्तान यूनिवर्सिटी के इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर हम कौन सी सदी में जी रहे हैं, तो कुछ इसके लिए बाचा खान यूनिवर्सिटी की सराहना कर रहे हैं।

एक सोशल मीडिया यूजर ने पूछा है कि क्या ऐसे फैसलों से भूकंप जैसी आपदाएँ रुक जाएगीं, तो दूसरा शख्स मजाक उड़ाते हुए बोल रहा है कि ऐसे लोगों के लिए हज पर अलग से इंतजाम किया जाएगा।

ऐसे ही सोशल मीडिया पर ये सर्कुलर वायरल होता देख एक महिला यूजर ने बाचा खान यूनिवर्सिटी में दो पुरुष छात्रों पर एक साथ घूमने पर बैन की माँग उठाई है।

यहाँ बता दें कि सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा इस फैसले को इस्लाम की शिक्षा की ओर एक बेहतरीन कदम भी बताया जा रहा है और ये भी माँग उठाई जा रही है कि उनके पूरे मुल्क में ऐसे पाबंदी औरती पर लगा दी जाए। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस खबर को सुनने के बाद बाचा खान यूनिवर्सिटी से सवाल पूछ रहे हैं कि वो कौन से कानून के तहत ऐसा कर रहे हैं? ये शर्मनाक है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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