Monday, April 21, 2025
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयभारत ने पाकिस्तानी ट्रेन को प्रवेश देने से किया इंकार, सिख समुदाय गुस्से में

भारत ने पाकिस्तानी ट्रेन को प्रवेश देने से किया इंकार, सिख समुदाय गुस्से में

गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर गुरुधामों के दर्शन के लिए पाकिस्तानी दूतावास द्वारा इन श्रद्धालुओं को वीजा दिया गया था। इन सिख श्रद्धालुओं को विशेष ट्रेन से पाकिस्तान जाने की मंजूरी दी गई थी।

शुक्रवार (जून 14, 2019) को पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाया कि भारत ने विशेष ट्रेन को सीमा पार करने और ‘जोर मेला’ उत्सव के लिए आ रहे करीब 200 श्रद्धालुओं को पाकिस्तान आने की इजाजत ही नहीं दी। खबरों के मुताबिक, इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने बताया कि पाकिस्तान ने करीब 200 भारतीय सिखों को जोर मेला में शामिल होने के लिए वीज़ा जारी किया था। ये श्रद्धालु एक विशेष पाकिस्तानी ट्रेन से शुक्रवार को पाकिस्तान पहुँचने वाले थे, ट्रेन उन्हें लेने भारत आने वाली थी, लेकिन भारत सरकार ने ट्रेन को अपनी सीमा में प्रवेश देने से इंकार कर दिया।

हाशमी का कहना है कि भारत ने अनुमति न देने की कोई वजह नहीं बताई है, जबकि अन्य जानकारी एवं खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि इन श्रद्धालुओं को वीजा होने के बाद भी पाकिस्तान इसलिए जाने से रोका गया क्योंकि ये एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) के माध्यम से नहीं जा रहे थे। इसी कारण इनको अटारी रेलवे स्टेशन पर दाखिल नहीं होने दिया गया। बता दें सिख श्रद्धालुओं को एसजीपीसी की निगरानी और उसकी अगुवाई में ही पाकिस्‍तान जाने दिया जाता है। 

सिखों के इस जत्थे में देश के विभिन्न राज्यों के 200 (कुछ खबरों के मुताबिक 130) सिख श्रद्धालु शामिल थे, इन लोगों ने पाकिस्तान जाने नहीं देने पर रेलवे स्टेशन के बाहर ही नारेबाजी की। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के अनुसार जत्थे की अगुआई परमजीत सिंह जिजेआनी कर रहे थे। परमजीत ने बताया कि गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर गुरुधामों के दर्शन के लिए पाकिस्तानी दूतावास द्वारा इन श्रद्धालुओं को वीजा दिया गया था। इन सिख श्रद्धालुओं को विशेष ट्रेन से पाकिस्तान जाने की मंजूरी दी गई थी। इस जत्थे में बच्चे और 60-70 वर्ष के बुजुर्ग भी थे। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा सुरक्षा का हवाला देकर स्पेशल ट्रेन को भारत में दाखिल नहीं होने दिया गया।

इसके बाद ये श्रद्धालु रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करने लगे। इस दौरान सिख श्रद्धालुओं को रोकने के लिए आरपीएफ, जीआरपी व कई सुरक्षा एजेंसियों के जवानों का पहरा गेट पर लगाया गया। जत्थे की अगुआई कर रहे जिजेआनी मुताबिक सिख श्रद्धालुओं को बिना वजह ही परेशान किया गया। उन्हें संघर्ष करने पर मजबूर किया गया। जब ट्रेन के सीमा के अंदर न आने की बात उन्हें पता चली तो उन्होंने अपना गुस्सा दिखाया और नारेबाजी की। रेलवे के कुछ अधिकारियों ने उन्हें कहा कि वे अटारी सीमा पर बनी इंटरग्रेटिड चेकपोस्ट के रास्ते पाकिस्तान जा सकते है। जब श्रद्धालु चेकपोस्ट पर पहुँचे तो उन्‍हें वहाँ भी निराशा हाथ लगी।

पाकिस्तान में ईटीपीबी जो कि एक सरकारी विभाग है और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों एवं मामलों को देखता है, उसने भारतीय निर्णय का विरोध किया है। उनका कहना है पाकिस्तानी उच्चायोग ने जब सिख यात्रियों के लिए वीजा जारी किया था तो उन्हें लाहौर आने से रोकने की कोई वजह ही नहीं थी। पाकिस्तान ने इस मुद्दे को सरकारी स्तर पर उठाने की बात की है। पाक सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष तारा सिंह का कहना है कि भारत के इस फैसले ने सिख समुदाय को निराश किया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनजातियों को जगाने के लिए जमीन पर चंपई सोरेन का अभियान: बोले – संथाल परगना में 9% से 24% हो गए मुस्लिम, धर्मांतरण के...

"आदिवासियों का इतिहास संघर्ष से भरा हुआ है। बाबा तिलका माँझी से लेकर सिद्धू-कान्हू, चाँद भैरव, बिरसा मुंडा सबने आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी।"

कर्नाटक में 30 साल में 94% बढ़े मुस्लिम, आबादी 39 लाख से 77 लाख पहुँची: सर्वे ने बताया- हिन्दू लिंगायत सिर्फ 8% बढ़े, रिपोर्ट...

कर्नाटक में मुस्लिम आबादी 1984 से 2015 के बीच तीन दशक में लगभग दोगुनी हो गई। 2015 में राज्य उनकी आबादी लगभग 77 लाख थी।
- विज्ञापन -