इजरायल पर हमास के आतंकी हमलों की निंदा करने और फिर कुछ ही घंटों में पीछे हटने की घटना के कुछ दिन बाद ही फिलिस्तीनी राष्ट्रीय अथॉरिटी ने कथित तौर पर “यहूदियों की हत्या” करने का फरमान जारी किया है।
फिलिस्तीनी अथॉरिटी के इस्लामी मामलों के मंत्रालय द्वारा 18 अक्टूबर, 2023 को एक पेज का फरमान जारी किया गया था। जिसमें मस्जिदों के इमामों और मौलियों को जारी किए गए फरमान में जुमा की नमाज के बाद मुस्लिमों को हिंसा के लिए उकसाने के निर्देश दिए गए हैं। इस फरमान में मुस्लिमों द्वारा सभी यहूदियों की हत्या का आह्वान किया गया है। हदीस का हवाला देते हुए यहूदियों को मार डालने के लिए उकसाया गया है।
दस्तावेज़ में गाजा के अल-अहली बैपटिस्ट अस्पताल पर हमले, जिसमें कथित तौर पर 500 से अधिक लोग मारे गए थे, को “क्राइम ऑफ़ द एरा” अर्थात सबसे भयंकर अपराध करार दिया है और इस हमले के लिए इजरायल को दोषी ठहराया गया है जबकि यह तथ्य पहले भी सामने आ चुका है कि यह हमास का एक फेल रॉकेट था जिसकी वजह से अस्पताल में ब्लास्ट हुआ और लोगों की जाने गई।
प्राधिकरण के दस्तावेज़ में दावा किया गया है कि फ़िलिस्तीन तब तक सफ़ेद झंडा नहीं उठा सकता यानी शांत नहीं हो सकता जब तक कि इजरायल की हार न हो जाए और फ़िलिस्तीनी राज्य की स्थापना न हो जाए। इसमें इजरायल को हराने के बाद यरूशलेम को फ़िलिस्तीनी राज्य की राजधानी बनाने का भी जिक्र है।
This post from @Regavim_IL:
— Gadi Taub שומר סף (@GadiTaub1) October 20, 2023
The Palestinian Authority declares war – it must be stopped!
An official document of the Palestinian Authority calls for incitement to murder Jews in the sermons that will take place in an hour (!!!) in mosques "O Abd Allah, there is a Jew behind… pic.twitter.com/7aIMRZ9Rh6
अथॉरिटी द्वारा अरबी में जारी दस्तावेज में लिखा है, “मृतक बच्चों और माताओं के अवशेष उन लोगों के लिए शर्म से डूब मरने की बात है जिन्होंने गाजा पर कब्जे की बात कही… हमारे फिलिस्तीनी लोग, जख्मों और त्रासदियों के बावजूद इजरायल की हार तक सफेद झंडा नहीं उठा सकते। एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी राज्य की स्थापना होगी, जिसकी राजधानी यरूशलेम होगी, उसके बाद ही अमन की बात होगी”
यहूदियों के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए लोगों को उकसाने वाले फरमान में कुरान की आयतों और हदीसों का हवाला दिया गया है, उनमें से एक साहिह अल बुखारी से है, जिसमें लिखा है, “वह समय तब तक नहीं आएगा जब तक मुस्लिम यहूदियों से नहीं लड़ते और उन्हें मार नहीं डालते। जब तक यहूदी पत्थरों और पेड़ों के पीछे छिप न जाएँ और पत्थर या पेड़ न कहें, हे मुसलमान, हे अल्लाह के बंदे, यह मेरे पीछे एक यहूदी छिपा है, आओ और उसे मार डालो।”
प्राधिकरण के इस फरमान का खुलासा एनजीओ रेगाविम मूवमेंट ने किया है, जिसमें कहा गया कि यह सबूत है कि हमास और फिलिस्तीनी अथॉरिटी के बीच कोई अंतर नहीं है। रेगाविम मूवमेंट ने कहा, “यह फरमान इस बात का सबूत है कि हमास और फिलिस्तीनी प्राधिकरण के लक्ष्यों के बीच कोई बुनियादी अंतर नहीं है, दोनों का एक ही निशाना है, यहूदियों की हत्या, चाहे वे कहीं भी हों, और पूरे इजरायल से यहूदियों का खात्मा।”
गौरतलब है कि फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने पिछले हफ्ते इजरायल पर आतंकी हमले के लिए हमास की आलोचना की थी, जिसमें 1400 से अधिक इजरायली नागरिक मारे गए थे। हालाँकि, फिलिस्तीनी प्राधिकरण की आधिकारिक समाचार एजेंसी WAFA (विकलात अल-अनबा अल-फिलास्टिनिजा) ने 15 अक्टूबर को ही इस्लामी आतंकवादी संगठन हमास के बारे में उनकी टिप्पणियों के सभी संदर्भ हटा दिए थे।
अपने वेनेजुएला समकक्ष निकोलस मादुरो के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान अब्बास ने कहा था कि हमास फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है और फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) फिलिस्तीनी लोगों का एकमात्र प्रतिनिधि है।
इसके अलावा, अब्बास ने दोनों पक्षों के नागरिकों की हत्या की भी निंदा की थी और कैदियों और बंदियों की रिहाई की माँग की थी। हालाँकि, कुछ घंटों बाद ही हमास के सभी संदर्भ बिना किसी स्पष्टीकरण के हटा दिए गए।
बता दें कि फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण ने पहले हमास की निंदा की, फिर चुपचाप आतंकवादी समूह के संदर्भ हटा दिए और अब मुस्लिमों को “यहूदियों की हत्या” करने के लिए उकसा रहा है।