दो दिवसीय भूटान यात्रा के आखिरी दिन रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहॉं के छात्रों से रूबरू हुए। भूटान के रॉयल यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते उन्होंने अंतरिक्ष और डिजिटल भुगतान जैसे नए क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच व्यापक सहयोग का प्रस्ताव भी रखा।
मोदी ने कहा कि भूटान के छात्रों में असाधारण चीजें करने की क्षमता है। छात्रों से लगन से काम कर अपने देश को ऊंचाइयों पर ले जाने को कहा। उन्होंने कहा, “विश्व आज पहले से कई अधिक अवसर मुहैया कराता है। आप में असाधारण चीजें करने की क्षमता है जो भावी पीढ़ी को प्रभावित करेगी। अपनी रुचि को पहचानें और पूरे जुनून के साथ उसपर काम करें।”
मोदी ने भूटान के साथ प्राचीन रिश्तों को याद करते हुए कहा कि मौजूदा समय में दोनों देशों के बीच शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में साझेदारी है। उन्होंने कहा, “आपके 130 करोड़ भारतीय दोस्त सिर्फ़ आपके आगे बढ़ने पर गौरवान्वित ही नहीं होंगे बल्कि आपकी प्रशंसा भी करेंगे। वे आपको भागीदार बनाएँगे, आपके साथ अपने ज्ञान को साझा करेंगे और आपसे सीखेंगे।”
उन्होंने कहा कि भारत और भूटान के बीच एक ख़ास रिश्ता है, दोनों ऐसे पड़ोसी देश हैं जो एक-दूसरे की परंपरा को समझते और उसका सम्मान करते हैं।
PM Narendra Modi in Thimpu: It is natural that the people of Bhutan and India experience great attachment to each other, as we are close not just due to our geography. Our history, culture and spiritual traditions have created unique and deep bonds between our peoples and nations pic.twitter.com/MSKn0WfJp9
— ANI (@ANI) August 18, 2019
उन्होंने कहा, “भूटान का संदेश खुशहाल मानवता है। खुशी सद्भाव से मिलती है और दुनिया इसके साथ बहुत अधिक ख़ुश रह सकती है। यह नासमझ नफ़रत पर हावी होगी। यदि लोग ख़ुश हैं, तो सद्भाव होगा।”
उन्होंने कहा कि भूटान ने सद्भाव, एकता और करुणा को समझा है। उन्होंने कहा,
“मैं कल उन प्यारे बच्चों के बीच से निकला जो मेरे स्वागत के लिए सड़कों पर खड़े थे। मैं हमेशा उनकी मुस्कुराहट को याद रखूँगा।”
भूटानी प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग के एक फेसबुक पोस्ट को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उस पोस्ट ने मेरे दिल को छू लिया। इस पोस्ट में उन्होंने उनकी पुस्तक ‘एग्ज़ाम वारियर्स’ का उल्लेख किया था और परीक्षार्थियों को इसे पढ़ने की सलाह दी थी। पीएम मोदी ने बताया कि यह पुस्तक उन्होंने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से प्रेरित होकर लिखी थी।
PM Modi in Thimpu,Bhutan: Much of what I wrote in my book ‘Exam Warriors’ is influenced by teachings of Lord Buddha, especially the importance of positivity, overcoming fear and living in oneness, be it with the present moment or with mother nature pic.twitter.com/0WXF4pi4Xp
— ANI (@ANI) August 18, 2019
इसके अलावा उन्होंने इस बात का ज़िक्र किया कि 20वीं शताब्दी में, कई भारतीय शिक्षक के रूप में भूटान आए। उन्होंने कहा, “पुरानी पीढ़ी के अधिकांश भूटानी नागरिकों का कभी न कभी एक भारतीय शिक्षक रहा होगा।”
भूटान की ख़ूबसूरती की तारीफ़ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो एक बार भूटान आ जाएगा वो यहाँ की नेचुरल ब्यूटी और यहाँ के लोगों की सादगी से ज़रूर प्रभावित होगा।
PM Narendra Modi at Royal University of Bhutan, in Thimpu: Anyone visiting Bhutan is struck as much by its natural beauty as by the warmth and simplicity of its people pic.twitter.com/Xz9qsmE5XP
— ANI (@ANI) August 18, 2019
भूटान दौरे पर पहुँचे पीएम मोदी ने अपने देश के संदर्भ में कहा कि भारत ग़रीबी से तेज़ी से लड़ रहा है, जिससे जल्द ही इससे निजात पाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि भूटान और भारत का आपसी रिश्ता काफ़ी अच्छा है और उन्होंने संभावना जताई है कि दोनों देश आगे भी इसी तरह एक-दूसरे का साथ देते रहेंगे।
ग़ौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (अगस्त 17, 2019) को भूटान पहुँचे थे। इस मौके पर भारत और भूटान के बीच हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट, नॉलेज नेटवर्क, मल्टी स्पेशलिएटी हॉस्पिटल, स्पेस सैटेलाइट, रूपे कार्ड के इस्तेमाल समेत कुल 9 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। प्रधानमंत्री मोदी की इस भूटान यात्रा को दोनों देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में निरंतर किए जा रहे प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।