प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर हैं। उन्होंने शनिवार (21 सितंबर 2024) की देर रात डेलावेयर में क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इसमें वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा करते हुए सदस्य देशों के नेताओं ने पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई। इसके साथ ही अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की स्थायी सदस्यता की जमकर वकालत की।
संयुक्त बयान में कहा गया है, “हम पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति को लेकर गंभीर हैं। हम विवादित क्षेत्रों के सैन्यीकरण और दक्षिण चीन सागर में जबरदस्ती करने और डराने वाले युद्धाभ्यास पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं। हम तटरक्षक और समुद्री मिलिशिया जहाजों के इस्तेमाल की निंदा करते हैं, जिसमें खतरनाक युद्धाभ्यास का बढ़ता उपयोग भी शामिल है।”
QUAD Leaders' Joint Statement: "…We are seriously concerned about the situation in the East and South China Seas. We continue to express our serious concern about the militarization of disputed features, and coercive and intimidating maneuvers in the South China Sea. We condemn… pic.twitter.com/a0o8ef3JI5
— ANI (@ANI) September 22, 2024
हिंद महासागर में भारत की भूमिका को लेकर क्वाड के नेताओं ने भारत और पीएम मोदी की जमकर तारीफ की। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत हिंद महासागर में महाशक्ति बनकर उभरा है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि भारत के अनुभवों से अमेरिका को बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्व तनाव और संघर्षों से घिरा हुआ है। इसलिए साथ मिलकर चलना जरूरी है। क्वाड को वैश्विक भलाई की शक्ति बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि क्वाड सहयोग और साझेदारी के लिए है, किसी के खिलाफ नहीं। बता दें कि QUAD में चार सदस्य देश हैं, जिनमें अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल है।
Four years after my proposal to elevate the Quad, the U.S., Australia, India, and Japan are more strategically aligned and delivering more positive impact across the Indo-Pacific than ever before.
— President Biden (@POTUS) September 21, 2024
While challenges will come and the world will change – the Quad is here to stay. pic.twitter.com/UYbFnYMYLB
पीएम मोदी ने कहा, “स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझा प्रतिबद्धता है।” उन्होंने कहा कि गठबंधन ने पहले ही स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा, उभरती हुई तकनीक और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में पहल की है। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जो बिडेन को भी संबोधित किया और गठबंधन में उनके योगदान को स्वीकार किया।
उन्होंने कहा, “अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान इस क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने पर मुझे बहुत खुशी हो रही है। आपके नेतृत्व में 2021 का पहला शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। इतने कम समय में हमने हर दिशा में अपने सहयोग को अभूतपूर्व तरीके से बढ़ाया है। आपने इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैं क्वाड के प्रति आपकी प्रतिबद्धता और योगदान के लिए आपका शुक्रिया अदा करता हूँ।”
क्वाड सम्मेलन से हटकर प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात की। विदेश मंत्री ने एक बयान में कहा कि बातचीत ‘पारस्परिक हितों के क्षेत्रों’ में अमेरिका-भारत द्विपक्षीय साझेदारी को बेहतर बनाने पर केंद्रित थी। नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी अपने विचार साझा किए, जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र भी शामिल था।
इसी तरह व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, “राष्ट्रपति बिडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने निरंतर विश्वास व्यक्त किया कि हमारे लोगों, हमारे नागरिक और निजी क्षेत्रों और हमारी सरकारों के गहरे संबंधों को मजबूत करने के अथक प्रयासों ने अमेरिका-भारत साझेदारी को आने वाले दशकों में और भी अधिक ऊँचाइयों की ओर अग्रसर किया है।”
MQ-9B ड्रोन: पीएम मोदी और राष्ट्रपति बिडेन ने दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी पर चर्चा की, जिसमें ड्रोन की खरीद और संयुक्त सैन्य अभ्यास शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत द्वारा 31 जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9B (16 स्काई गार्जियन और 15 सी गार्जियन) ड्रोन की खरीद का स्वागत किया। यह ड्रोन भारत के सशस्त्र बलों की खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) क्षमताओं को बढ़ाएगा।
इस साल फरवरी में अमेरिका ने भारतीय सेना को 3.99 बिलियन डॉलर (लगभग 33,000 करोड़ रुपए) की अनुमानित लागत से 31 MQ-9B ड्रोन की बिक्री को मंजूरी दी थी। 31 ड्रोन में से भारतीय नौसेना को 15 सी गार्डियन ड्रोन मिलेंगे, जबकि भारतीय वायुसेना और सेना को आठ-आठ स्काई गार्डियन ड्रोन मिलेंगे।
MQ-9B प्रीडेटर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बिना किसी शोर-शराबे के काम कर सकता है। यह ड्रोन जमीन से 250 मीटर की दूरी तक उड़ सकता है और लक्ष्य को इसकी भनक तक नहीं लगती, जब तक कि इसे देखा न जाए। यह ड्रोन किसी कमर्शियल विमान से भी ज्यादा ऊँचाई पर उड़ सकता है, जो जमीन से करीब 50,000 फीट ऊपर है और इसकी अधिकतम गति 442 किमी/घंटा है।
सुपर हरक्यूलिस विमान: प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ने सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान पर लॉकहीड मार्टिन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा हस्ताक्षरित संयुक्त समझौते पर भी चर्चा की। व्हाइट हाउस ने कहा, “नेताओं ने जेट इंजन, युद्ध सामग्री और ग्राउंड मोबिलिटी सिस्टम के लिए प्राथमिकता वाले सह-उत्पादन व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए चल रहे सहयोग को मान्यता दी।”
पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन ने राजस्थान में चल रहे द्विपक्षीय युद्ध अभ्यास के दौरान भारत में जैवलिन और स्ट्राइकर प्रणालियों के पहले प्रदर्शन सहित रक्षा अभ्यास के दौरान नई तकनीकों और क्षमताओं को शामिल करने की भी सराहना की। दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग की भी सराहना की।
सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन: पीएम मोदी और बाइडेन ने कोलकाता में एक नए सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट की स्थापना पर चर्चा की। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने “राष्ट्रीय सुरक्षा, अगली पीढ़ी के दूरसंचार और हरित ऊर्जा अनुप्रयोगों के लिए उन्नत संवेदन, संचार और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स पर केंद्रित एक नए सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट की स्थापना के लिए समझौते की सराहना की।”
बयान में कहा गया है कि यह संयंत्र भारत सेमीकंडक्टर मिशन के समर्थन के साथ-साथ भारत सेमी, थर्डटेक और अमेरिकी अंतरिक्ष बल के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी से स्थापित किया जाएगा। व्हाइट हाउस ने कहा कि ग्लोबलफाउंड्रीज कोलकाता पावर सेंटर चिप निर्माण में अनुसंधान और विकास में पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को बढ़ाएगा।
UN में भारत की स्थायी सदस्यता: वार्ता के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि अमेरिका भारत की महत्वपूर्ण आवाज़ को प्रतिबिंबित करने के लिए वैश्विक संस्थानों में सुधार की पहल का समर्थन करता है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता भी शामिल है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की हाल ही में पोलैंड और यूक्रेन की यात्राओं की भी सराहना की।