कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी यूरोप दौरे पर हैं। इस बीच उन्होंने 8 सितंबर को पेरिस की एक यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित किया। इस दौरान लेखक और कॉलमिस्ट क्रिस्टोफ जैफरलॉट उनके साथ मंच पर नजर आया। क्रिस्टोफ जैफरलॉट भारत और हिंदुओं के खिलाफ नफरत उगलने के लिए कुख्यात रहा है। राहुल के इस कार्यक्रम की फोटो कॉन्ग्रेस के ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट्स से शेयर की गई थीं।
Glimpses from Shri @RahulGandhi's public interaction with Professor Christophe Jafflerlot at Sciences Po.
— Congress (@INCIndia) September 9, 2023
📍 Paris, France pic.twitter.com/9wGb5AW2a7
भारत विरोधी बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाले राहुल गाँधी के साथ मंच पर नजर आया क्रिस्टोफ जैफरलॉट का भारत के खिलाफ लिखने का लंबा इतिहास रहा है। वह आमतौर पर केंद्र की भाजपा सरकार और उसके नेतृत्वकर्ता प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करता रहा है।
हिंदू संगठनों का विरोध
क्रिस्टोफ जैफरलॉट ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को भारत की धर्मनिरपेक्ष भावना के खिलाफ करार दिया था। उसने CAA की तुलना इजरायल और वहाँ के यहूदियों से तुलना करते हुए कहा था, “इस तरह का दृष्टिकोण जातीय और धार्मिक आधार पर किसी भी देश की दृष्टि को दर्शाता है। जहाँ बहुसंख्यक आबादी के अलावा बाकी सभी दोयम दर्जे की जिंदगी जीने को मजबूर होते हैं। यह इजरायल की तरह है, जहाँ यहूदी बहुतायत में हैं।”
दिलचस्प बात यह है कि अल्पसंख्यकों को (मुस्लिमों को छोड़ कर) नागरिकता देने के भारतीय कानून में जैफरलॉट को समस्या तो नजर आती है। लेकिन, भारत के 3 पड़ोसी इस्लामी मुल्कों में अल्पसंख्यकों खासतौर से हिंदुओं की दयनीय स्थिति दिखाई नहीं देती।
क्रिस्टोफ जैफरलॉट हिंदुओं में आत्मसम्मान की कमी होने और भाजपा नेताओं पर मुस्लिम जनसंख्या विस्फोट का ‘झूठ’ फैलाने का भी आरोप लगाता रहा है। उसे यह नहीं दिखता कि भारत में मुस्लिम आबादी 20 करोड़ की दहलीज पर खड़ी है। वहीं पड़ोसी मुल्कों में हिंदू शून्य की ओर जाते दिखाई दे रहे हैं। यही नहीं, वह भारत विभाजन के लिए अंग्रेजों को तो जिम्मेदार ठहराता है। लेकिन, इस्लामिक चरमपंथियों और मुस्लिम लीग जैसे कट्टरपंथी संगठनों के नापाक इरादों का जिक्र करना भूल जाता है।
राहुल गाँधी ने व्यक्ति के साथ मंच साझा किया वह भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोशिश करते और निर्दोष लोगों की हत्या करने वाले आतंकियों को दोषी नहीं ठहराता। बल्कि वह यह कहता है कि भारत में 1993 से लेकर 2008 तक जो आतंकी हमले हुए उसका फायदा भाजपा को मिला। वह कहता है कि भाजपा ने भय की राजनीति कर चुनाव जीता है। क्रिस्टोफ जैफरलॉट को दुनिया के सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खुद को ‘संघ परिवार’ कहने से भी समस्या है।
जैफरलॉट ने राष्ट्रवादी संगठन ‘बजरंग दल’ पर हिंसा करने, चर्च और मुस्लिमों के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया। वह हिंदुओं द्वारा किए गए किसी पलटवार का हर बार जिक्र करता है। लेकिन, इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा आए दिन हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा और मिशनरी चर्च के माध्यम से हिंदुओं के खिलाफ रची जा रही साजिशों पर चुप्पी साध लेता है।
प्रधानमंत्री मोदी पर हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साल 2014 और 2019 में केंद्र में भाजपा सरकार सत्ता में है। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि पीएम मोदी के केंद्र की सत्ता में आने से पहले और बाद में विरोधियों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। इनमें से एक नाम क्रिस्टोफ जैफरलॉट का भी है। भाजपा की लगातार जीत पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए उसने ‘मोदीज इंडिया: हिंदू नेशनलिज्म एंड द राइज ऑफ एथनिक डेमोक्रेसी’ नामक अपनी पुस्तक में लिखा है, “पिछले दो दशकों में नरेंद्र मोदी की वजह से हिंदू राष्ट्रवाद को एक तरह के राष्ट्रीय लोकप्रियता के साथ जोड़ा गया है। इससे चुनावों में पहले गुजरात में और फिर भारत में बड़े पैमाने पर सफलता मिली है।”
उसने अपनी इस किताब में भारतीय जनता पार्टी पर विकास का वादा करने के साथ ही जातीय-धार्मिक आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण कर देश की जनता को बहकाने का आरोप लगाया। हालाँकि, जैफरलॉट ने अपनी किताब में पीएम मोदी की लोक-कल्याणकारी, विकासवादी और महत्वाकांक्षी योजनाओं डिजिटल इंडिया, जन धन योजना, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना का जिक्र नहीं किया। क्योंकि सच्चाई यह है कि देश की जनता अब किसी बहकावे की जगह विकास के नाम पर वोट देती है।
क्रिस्टोफ जैफरलॉट ने दावा किया है कि उसने पीएम मोदी को लेकर भारतीयों का इंटरव्यू किया है। इस इंटरव्यू के आधार पर उसने लिखा है, “मोदी सरकार ने भारत को लोकतंत्र के एक नए रूप में बदल दिया है। यह एक तरह का जातीय लोकतंत्र है, जिसमें बहुसंख्यक समुदाय के साथ देश में समानता का व्यवहार होता है। लेकिन मुस्लिम और ईसाइयों को दोयम दर्ज के नागरिकों की तरह ट्रीट किया जाता है।” जैफरलॉट ने दावे तो बड़े-बड़े किए हैं। लेकिन, भारत के अन्य विरोधियों की तरह उसके पास भी इस दावे की पुष्टि के लिए कोई सबूत नहीं है। इसके अलावा, अनुच्छेद-370 को लेकर सुनवाई में देरी के लिए उसने भारत की न्यायपालिका पर लांछन लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट पर भी हमला बोला।
डिसमेंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व इंवेट
साल 2021 में आयोजित ‘डिसमेंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व इंवेट’ में क्रिस्टोफ जैफरलॉट को बतौर वक्ता आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य हिंदुत्व के खिलाफ लड़ना और हिंदू धर्म को टारगेट करना था। जैफरलॉट ने इस कार्यक्रम में बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और हिंदुत्व हमला किया था।
(यह लेख मूल तौर पर अंग्रेजी में प्रकाशित किया गया है। मूल कॉपी पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।)