फेसबुक (Facebook) की बच्चों को लेकर बनी ‘इंस्टाग्राम किड्स’ (Instagram Kids) योजना मुश्किल में पड़ती जा रही है। इसका लगातार विरोध किया जा रहा है। इसी क्रम में एडवोकेसी समूह फेयरप्ले और चिल्ड्रेन्स स्क्रीन टाइम एक्शन नेटवर्क (CSTAN) के साथ-साथ पादरी, रब्बी और अन्य धार्मिक नेताओं ने फेसबुक (मेटा) के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को एक पत्र लिखकर कंपनी से इसे स्थायी तौर पर बंद करने का आग्रह किया है।
फेयरप्ले द्वारा लिखे गए पत्र में 70 से अधिक धार्मिक नेताओं के हस्ताक्षर हैं। इस पत्र में कहा गया है, “सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लाभ कमाने के उद्देश्य के लिए जिस तरह से अपरिपक्व बच्चों को टार्गेट करता है और अनैतिक रूप से डेटा को एकत्रित करता है, उससे बच्चों की अच्छाई के लिए यह सही उपकरण नहीं है। “
हाल के महीनों में इंस्टाग्राम (Instagram) और उसकी पैरेंट कंपनी फेसबुक (मेटा) के व्हिसिलब्लोअर फ्रांसिस हॉगेन द्वारा लीक किए गए आंतरिक दस्तावेजों के बाद बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य, प्लेफॉर्म की बॉडी इमेज और इनकी सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। पिछले साल दिसंबर में बच्चों की ऑनलाइन सेफ्टी को लेकर एक सीनेट पैनल ने इंस्टाग्राम के प्रमुख एडम मोसेरी से पूछताछ की थी। संभावित जोखिम को ध्यान में रखते हुए मेटा की भी जाँच की जा रही है।
हालाँकि, लीक डॉक्यूमेंट पर मेटा ने स्पष्टीकरण दिया था कि इन दस्तावेजों का इस्तेमाल कंपनी की इमेज को धूमिल करने के लिए किया जा रहा है। अपने विवादित ‘इंस्टाग्राम किड्स’ का बचाव करते हुए कंपनी ने ये भी कहा था कि उसका मकसद यूथ यूजर्स को बातचीत करने के लिए एक सुरक्षित और समर्पित फील्ड देना है। बता दें कि पत्र में धार्मिक नेताओं ने बाइबिल, कुरान, पोप फ्रांसिस और बौद्ध भिक्षु थिच नहत हान के संदर्भों का जिक्र किया गया था।
गौरतलब है कि दूसरी सोशल मीडिया साइटों की तरह ही इंस्टाग्राम ने भी 13 साल से कम उम्र के बच्चों के प्लेटफॉर्म के उपयोग को प्रतिबंधित कर रखा है। हालाँकि, बाद में कंपनी ने 13 साल के बच्चों को टार्गेट कर ‘इंस्टाग्राम किड्स’ को लॉन्च करने की योजना बनाई थी। अमेरिका में इसका काफी विरोध हुआ, जिसके बाद इसे रोक दिया गया है।