ब्रिटेन की डरहम यूनिवर्सिटी सेक्स इंडस्ट्री के लिए छात्रों को ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑफर कर रही है। खबर है कि वहाँ की स्टूडेंट यूनियन ने हाल ही में ईमेल के जरिए इस ट्रेनिंग विज्ञापन को जारी किया। हर छात्र और स्टाफ को भेजे गए ईमेल में लिखा था कि सेक्स वर्क करने वाले छात्रों को किसी भी पूर्वाग्रह से मुक्त अच्छी जानकारी और समर्थन हासिल करने में किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना चाहिए।
You can be trained to become a prostitute at University now! What is the lefty woke world coming too!!!🤦🏻♂️🤷🏻♂️🤦🏻♂️
— Simon_Templar2021 PhD 💎 (@DrSpock_PhD) November 13, 2021
Durham University offers training for students working in sex industry https://t.co/fOEWNTorby
इस प्रोग्राम के जारी होने के बाद कुछ जगह इसका विरोध हो रहा है। सोशल मीडिया पर लोग इसे ‘वेश्या’ बनाने की ट्रेनिंग बता रहे हैं। वहीं ब्रिटेन की उच्च शिक्षा मंत्री मिशेल डोनेलन भी छात्र संघ की इस ट्रेनिंग के ख़िलाफ़ हैं। उन्होंने कहा, “यह ट्रेनिंग यौन कार्य को सामान्य कार्य के रूप में मान्यता देने का एक प्रयास है… मुझे इस बात को लेकर बेहद गंभीर चिंता है कि यूनिवर्सिटी एक ऐसे खतरनाक धंधे को वैध बना रहा है, जहाँ महिलाओं का शोषण होता है।” वह बोले, “यह ठीक है कि शोषण की शिकार पीड़िताओं को महत्वपूर्ण सपोर्ट दिया जाता है। लेकिन यह कोर्स सेक्स सेलिंग को सामान्य कार्य बनाने का प्रयास है, जिसकी हमारे विश्वविद्यालयों में कोई जगह नहीं है।”
ट्रेनिंग प्रोग्राम पर भारी विरोध झेलने के बाद यूनिवर्सिटी ने बताया कि शुरू किए गए इस प्रोग्राम का उद्देश्य छात्रों को सेक्स कार्यों के लिए प्रोत्साहित करना नहीं है। मगर कुछ लोग इसे बदनाम कर रहे हैं। विश्वविद्यालय की प्रवक्ता ने कहा, “हम सेक्स वर्क को प्रोत्साहित नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम अपने स्टूडेंट्स की मदद कर रहे हैं। हम किसी भी छात्र को जज नहीं करते। हम उनकी सुनते हैं, उनकी सहायता करते हैं और उन्हें व्यवहारिक मदद पहुँचाते हैं। हम छात्रों और कर्मचारियों के लिए कई पाठ्यक्रम चलाते हैं, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य से लेकर वेल बीइंग , ड्रग्स और अल्कोहल अवेयरनेस भी शामिल हैं।” यूनिवर्सिटी के मुताबिक, सेक्स वर्क पर धब्बा लगा हुआ है। ऐसे में इस ट्रेनिंग के जरिए उन छात्रों की मदद कर रहे हैं जो ज्यादा खतरे में हैं। यूनिवर्सिटी उन्हें मदद दे रही है जिसकी उन्हें जरूरत है और जिसके वो हकदार हैं।