स्वीडन के स्टॉकहोम में न्यू ईयर इवनिंग पर गोलीबारी की घटना प्रकाश में आई है। वहाँ वलिंगबाय (Vallingby) जिले में घटी इस घटना में 3-4 लोग बुरी तरह घायल हो गए। वहीं एक की इलाज के दौरान मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि हमलावरों ने गोली मैकडॉनल्ड के नजदीक शाम करीबन 7 बजे चलाई। लोगों को इस बारे में अधिक न पता चले इसके लिए उन्हें कन्फ्यूज करने के लिए रॉकेट छोड़े जाते रहे।
A man was fatally shot and others injured on New Year’s Eve in Stockholm, Sweden. In other parts of the country, rockets were fired at people and their homes, according to Swedish police. https://t.co/I0MMoAnvzL
— The Local Sweden (@TheLocalSweden) January 1, 2023
बाद में पुलिस ने पुष्टि की कि घटना में 2 लोगों को गोली लगी है पर आरोपित अभी तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं।
लोकल स्वीडन की रिपोर्ट के अनुसार, न्यू ईयर इवनिंग के वक्त छोड़े गए रॉकेट घरों और कारों तक में जाकर लगे। स्केन में कई लोगों के अपार्टमेंट और कार में इन रॉकेट्स से आग लगी। जब एक व्यक्ति ने ऐसा करने से लोगों को रोका तो उसे पीटने का मामला भी स्वीडन में देखा गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस अधिकारियों और फायर ब्रिगेड के ऊपर भी रॉकेट छोड़े गए।
BREAKING:
— Visegrád 24 (@visegrad24) December 31, 2022
4 people shot in front of a McDonald’s in Stockholm, Sweden.
The perpetrators were firing off fireworks in the minutes leading up to the attack in an attempt to confuse witnesses. pic.twitter.com/TeHNjZICZX
स्वीडन की खोजी पत्रकार ने उस शाम की एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर की है। इस वीडियो में उन्होंने बताया कि कैसे लोगों के घरों और कारों पर पटाखे जलाए जा रहे हैं।
Stockholm, Sweden
— Amy Mek (@AmyMek) January 1, 2023
Hordes of military-age migrants from 3rd world countries are launching fireworks at people’s homes and cars.
Allahu Akbar! pic.twitter.com/l8e56kbVsz
उनकी शेयर की गई वीडियो में देख सकते हैं कि कुछ लोग मुँह ढककर कारों को टारगेट कर रहे हैं और जोर-जोर से कुछ चिल्ला रहे हैं। हम इसकी पुष्टि नहीं करते कि वीडियो में क्या कहा जा रहा है लेकिन एमी मेक के ट्वीट में ‘अल्लाहु अकबर’ लिखे जाने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स इसे इस्लामी कट्टरपंथियों का काम बता रहे हैं।
Illegal Migrants or refugees are THE problem in all countries. It is curious to note that Islamic refugees never go to Islamic countries.And it is US that has triggered this refugee flow in 90% of the cases.
— Charvakan (@Charvakans) January 1, 2023