दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को इसी महीने 7 जुलाई 2021 को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसके बाद से वहाँ पर अराजकता औऱ दंगे के हालात हैं। देश में लूटपाट, आगजनी और हिंसा की घटनाएँ बढ़ी हैं। ऐसे में वहाँ रहने वाले भारतीय मूल के लोगों, उनके घरों व व्यवसायों को भी खतरों को सामना करना पड़ा रहा है। इन हालातों से निपटने के लिए अब वहाँ रहने वाली भारतीय समुदाय ने अपनी सुरक्षा और लुटेरों के खिलाफ जंग छेड़ दी है।
हिंसा के पीछे का मुख्य कारण
दक्षिण अफ्रीका में कभी रंगभेद की लड़ाई के अगुआ रहे जैकब जुमा को अदालती आदेश की अवहेलना करने के मामले में एस्टकोर्ट सुधार गृह में 15 महीने के लिए कैद किया गया है। कथित तौर पर उन पर 2009-2018 के बीच भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और इसी मामले की जाँच न्यायिक आयोग कर रहा था, जिसके सामने पूछताछ के लिए उन्हें उपस्थित होना था। लेकिन, जैकब जुमा आयोग के सामने उपस्थित ही नहीं हुए। इसी मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। देश की सुप्रीम कोर्ट ने जब उनकी सजा को खत्म करने से इनकार कर दिया तो इसके विऱोध में लोग सड़कों पर उतर गए। जुमा के समर्थकों ने गौतेंग, और क्वाज़ुलु-नताल (केजेडएन) प्रांतो की सड़कों पर आगजनी व हत्या जैसे अपराधों को अंजाम देने में लगे हैं।
दक्षिण अफ्रीका में शॉपिंग सेंटर, फार्मेसियों को लूटा जा रहा है और कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान को ठप कर दिया गया है। अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है और कुल 489 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है।
प्रदर्शनकारियों के इस कृत्य को लेकर दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा, “अब हम जो देख रहे हैं वह अपराध और अवसरवादी कृत्य हैं। लोगों के कई समूह अराजकता को केवल लूटपाट और चोरी के लिए भड़का रहे हैं। हम इन कृत्यों को अंजाम देने वाले लोगों को गिरफ्तार कर उन पर मुकदमा चलाने में जरा सा भी संकोच नहीं करेंगे। साथ ही हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारा कानून इनका मजबूती से सामना करे।”
#ShutdownSA Game Nandi Drive in KZN looted. Protesters have emptied the store. Despite the address by President @CyrilRamaphosa the lawlessness continues unabated. Businesses are losing millions of Rands in stolen stock by criminals. #Looting pic.twitter.com/JJcBFBZ4ON
— 🚀 𝔽𝕒𝕚𝕫𝕖𝕝 ℙ𝕒𝕥𝕖𝕝 (@FaizelPatel143) July 13, 2021
अफ्रीकन नेशनल कॉन्ग्रेस (एएनसी) ने सोमवार (12 जुलाई 2021) को बयान दिया है कि जैकब जुमा के समर्थकों के इस दंगे में सबसे ज्यादा गरीब लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ा है। पूर्व राष्ट्रपति पर वर्ष 1999 में 2 बिलियन डॉलर (करीब डेढ़ खरब रुपए) के हथियारों के सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। इसके अलावा जुमा पर देश के संसाधनों के मामले में भारतीय मूल के गुप्ता परिवार के तीन भाइयों अतुल, अजय और राजेश गुप्ता की मदद करने का भी आरोप था। हालाँकि, उनके समर्थकों ने इस तरह के आरोपों से इनकार करते हुए उन्हें राजनीतिक रूप से शिकार बनाने का आरोप लगाया है।
रिपोर्ट के अनुसार, दंगाइयों से जान-माल की सुरक्षा करने के लिए देश के कई स्थानों पर आवासीय समुदायों ने सशस्त्र समूह बना लिए हैं। कथित तौर पर डरबन शहर के कई हिस्सों में नागरिकों ने अपनी सुरक्षा का जिम्मा खुद ही उठाते हुए हथियारबंद ग्रुप्स का गठन किया है। दरअसल, पुलिस बल औऱ निजी सुरक्षा बल पहले से ही अपनी क्षमता से अधिक काम कर रहे हैं। ऐसे नागरिकों ने व्यवसायों की सुरक्षा करने के लिए कानून को अपने हाथ में लेना शुरू कर दिया है।
अपनी सुरक्षा के लिए भारतीयों ने खुद उठाया हथियार
रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के गुप्ता बंधुओं के साथ जुड़ाव होने के कारण डरबन और जोहान्सबर्ग में रहने वाले भारतीय समुदायों को टारगेट किया जा रहा है। इसी तरह से एक ट्विटर हैंडल ने भारतीयों के खिलाफ दंगे को भड़काते हुए लिखा, ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जैकब जुमा ने हमारे देश को इंडियन मोनोपोली कैपिटल (IMC) को बेच दिया है। यूजर्स ने दोषी गुप्ता बंधुओं की एक तस्वीर भी साझा की है।
LET US NOT FORGET THAT JACOB ZUMA SOLD OUR COUNTRY TO INDIAN MONOPOLY CAPITAL (IMC) #GautengShutdown pic.twitter.com/0HCjwylc5x
— SOUTH AFRICA 4 SOUTH AFRICANS (@Amika94855371) July 11, 2021
एक अन्य ट्विटर यूजर एनिमी स्लेयर ने दक्षिण अफ्रीका के कई शहरों में अराजकता के माहौल के बीच अपनी दुकानों को लूटने से बचाने की कोशिश करते हुए भारतीयों की तस्वीरेों के विजुअल्स को शेयर किया है।
Some Indian and White property owners resorted to firing to protect their shops from looting as chaos and looting is happening in many major cities of South Africa. pic.twitter.com/2ZCC58yPgv
— Enemy Slayer (@EnemySlayer24_7) July 12, 2021
इसमें भारतीय समुदाय दंगाइयों, लुटेरों और आगजनी करने वालों को भगाने के लिए हथियारों से लैस दिख रहा है। इस मामले में दक्षिण अफ्रीका के टैक्सपेयर्स यूनियन के अध्यक्ष विलेम पेटज़र ने ट्वीट किया, “मुझे कहना होगा, आज जो कुछ भी हुआ उसे देखने के बाद मैं डरबन के भारतीय समुदाय को दूसरे नजरिए से देख रहा हूँ। इन लोगों ने हमें दिखाया है कि जब भी उन्हें खतरा होता है तो वे अपने समुदायों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार रहते हैं, चाहे कुछ भी करना पड़े।”
I have to say, after watching everything that happened today, I am looking at the Durban Indian community in a whole different light.
— Willem Petzer (@willempet) July 12, 2021
These guys showed us they are willing to go all the way to defend their communities when they are threatened, whatever it takes. pic.twitter.com/GsD8rO6x3k
दूसरे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक भारतीय निजी सुरक्षाकर्मी दक्षिण अफ्रीका में दंगाइयों को भगाने की कोशिश कर रहा है।
Indian private security shooting rioters in #SA #SouthAfrica
— DiversityVictim 🇩🇪🇬🇧🇺🇸 (@DiversityVictim) July 12, 2021
They are closing tickets. pic.twitter.com/qIJ72qPQET
भारतीय समुदाय के द्वारा आत्मरक्षा के लिए किए गए साहसिक कार्यों को लेकर सोशल मीडिया यूजर डेवी मालन ने ट्वीट किया, “आज रात मैं भारतीय समुदायों को कानून अपने हाथ में लेने के लिए सलाम करता हूँ।”
Tonight I salute the Indian communities for taking law into their own hands.
— Dawie Malan (@DawieMalan3) July 12, 2021
देश में अराजकता के माहौल पर नेटिजन्स ने राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा को आड़े हथों लिया। नेटिज़न्स ने मौजूदा राष्ट्रपति को आगजनी, लूटपाट और दंगों को रोक पाने से फेल रहने का आरोप लगाया। क्राइम स्टॉपर्स इंटरनेशनल के वीपी यूसुफ अब्रामजी ने ट्वीट किया, “राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा किसका इंतजार कर रहे हैं? क्या वे चाहते हैं कि और मॉल जलें? क्या वे और अधिक लूटपाट चाहते हैं? यह अराजकता रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। देश जल रहा है।”
What is President @CyrilRamaphosa @GovernmentZA waiting for? Do they want more malls to burn? Do they want more looting? This lawlessness is not stopping. ACT!! The country is on fire. @SANDF_ZA @PresidencyZA @SAPoliceService
— Yusuf Abramjee (@Abramjee) July 12, 2021
इस मामले में जोहान्सबर्ग के पूर्व मेयर हरमन माशाबा ने ट्वीट किया, “दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय रक्षा बल को तैनात किया जा रहा है। इस गलत कार्यों को समझने में राष्ट्रपति रामफोसा को इतना अधिक समय क्यों लगा? उन्हें यह देखने में इतना समय क्यों लगा कि हमारे लोग निराशा में हैं? आज सुबह हमने जो देखा है, वह निर्णय लेने में अक्षम नेतृत्व की कीमत है!”
The SANDF is being deployed.
— Herman Mashaba (@HermanMashaba) July 12, 2021
Why did it take President Ramaphosa so long to realise the levels of lawlessness? Why did it take him so long to see how overwhelmed our law enforcement authorities are?
What we have seen this morning, is the cost of indecisive leadership!
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने देश में हिंसा को नियंत्रित करने के लिए कुछ स्थानों पर सेना को तैनात करने का फैसला किया है। सेना के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है।