तालिबान (Taliban) ने इस्लाम और कुरान के अपमान के आरोप में अफगानिस्तान (Afghanistan) के मशहूर फैशन मॉडल अजमल हकीकी (Ajmal Haqiqi) और उनके तीन साथियों को गिरफ्तार किया है। इसके बाद ट्विटर पर एक तस्वीर वायरल हुई है, जिसमें हकीकी के हाथों में हथकड़ी लगी दिखाई देती है।
Taliban intelligence has accused several Afghan YouTubers of insulting Muslim shrines and forced them to confess.
— Koustuv 🇮🇳 🧭 (@srdmk01) June 7, 2022
A video posted by the Taliban on social media shows the 4 detained youths. One of them confesses against himself and says that he has insulted the Quran on YouTube. pic.twitter.com/8L1aZl19u0
अफगान में एक वीडियो वायरल है। इसमें कॉमेडियन गुलाम साखी (Ghulam Sakhi) अरबी में कुरान की आयतें पढ़ रहे हैं। गुलाम साखी ठीक से बोल नहीं पाते हैं। अपनी इस खामी को वह लोगों को हँसाने के लिए भी इस्तेमाल करते रहे हैं। लेकिन जब वह कुरान की आयतें पढ़ रहे थे तो अजमल हकीकी हँस रहे थे। यही वीडियो वायरल हो गया। जिसके बाद अजमल हकीकी समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
🗓️8 June 22
— Afghan Witness (@afghan_witness) June 8, 2022
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The Taliban’s General Directorate of Intelligence (GDI) has arrested #AjmalHaqiqi, a YouTuber and Afghan model, and his colleagues on charges of “blasphemy.”
Reported by @RFERL https://t.co/Z4LFeRXKWr pic.twitter.com/3DeUJoFzTO
गिरफ्तारी के बाद तालिबान सरकार ने अजमल हकीकी और उनके साथियों का वीडियो जारी किया है, इसमें वे लोग तालिबान सरकार से माफी माँग रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वीडियो के साथ लिखा गया है, “किसी को भी कुरान या फिर पैगंबर द्वारा कही गई बातों का अपमान करने का हक नहीं है।” अजमल हकीकी अपने फैशन शो, यूट्यूब क्लिप्स और मॉडलिंग इवेंट्स की वजह से चर्चा में रहते हैं।
Ajmal Haqiqi, model, activist & owner of a traditional clothes shop in Kabul has been arrested. Ajmal supported Ghulam Sakhi financially (red shirt), a homeless with mental disorder. 1 week ago, Ghulam Sakhi misread a verse of Quran & now his entire companions have been arrested. pic.twitter.com/UPDTTSqeuQ
— Afghan Army🇺🇸🇦🇫🇬🇧🇺🇦 (@AfghanATF555) June 8, 2022
गौरतलब है कि हाल ही में तालिबान ने अफगानिस्तान में मानवाधिकार संस्थानों समेत 4 विभागों को खत्म कर दिया था। तालिबान सरकार का कहना था कि उसके पास फंड की कमी है, ऐसे में इन विभागों का संचालन कर पाना आसान नहीं होगा। तालिबान ने मानवाधिकार आयोग जैसे विभाग को गैर-जरूरी करार दिया था। तालिबान सरकार के उप-प्रवक्ता इनामुल्लाह समांगनी ने कहा था, “ये विभाग बहुत जरूरी नहीं थे और इन्हें बजट में शामिल नहीं किया गया था। इसलिए इन्हें भंग कर दिया गया है।” इसमें मानवाधिकार आयोग के अलावा संविधान को लागू करने के लिए बना आयोग भी शामिल था।