अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज तालिबान ने दावा किया है कि उसके सुरक्षाबलों ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के दो प्रमुख कमांडरों को मार गिराया है। तालिबान ने यह भी कहा है कि आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के दौरान राजधानी काबुल में दोनों कमांडर मारे गए। तालिबान ने यह बयान सोमवार (27 फरवरी 2023) को जारी किया।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा है कि मारे गए आतंकवादियों की पहचान कारी फतेह और एजाज अहमद अहंगर के रूप में हुई है। कारी फतेह इस्लामिक स्टेट के खुफिया तंत्र का प्रमुख था। वहीं दूसरा आतंकी एजाज अहमद अहंगर इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत (ISKP) का बड़ा कमांडर और सेना प्रमुख था। ISKP को इस्लामिक स्टेट का सहयोगी और तालिबान का विरोधी रहा है।
जबीहुल्ला मुजाहिद ने यह भी कहा है कि कारी फतेह कथित तौर पर इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत (ISKP) के लिए रणनीति बनाने का काम करता था। राजधानी काबुल में रूसी, पाकिस्तानी और चीनी राजनयिक मिशनों के खिलाफ हुए हमलों के लिए भी कारी फतेह ही जिम्मेदार था।
मुजाहिद ने यह भी कहा है कि 14 फरवरी को इस्लामिक स्टेट हिंद प्रांत (ISHP) का एक सीनियर कमांडर एजाज अहमद अहंगर अपने दो सहयोगियों के साथ मारा गया था। अहंगर को अबू उस्मान अल कश्मीरी के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा मुजाहिद ने खुरासान के कुछ अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी की भी पुष्टि की है। इससे पहले बीते सप्ताह खुरासान ने भी अहंगर की मौत की बात कही थी।
बता दें कि अबू उस्मान अल-कश्मीरी के नाम से मशहूर अहंगर को इसी साल जनवरी में भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया था। श्रीनगर में जन्मा अहंगर आतंकवादी गतिविधियों में लंबे समय से शामिल रहा है। इस कारण ही बीते 2 दशकों से जम्मू कश्मीर में भी वांछित था।
अफगानिस्तान के खुफिया विभाग ने मार्च 2020 में हुए आत्मघाती हमले के लिए अहंगर को जिम्मेदार ठहराया था। खुफिया विभाग का कहना था कि इस बम धमाके का मास्टरमाइंड अहंगर ही है। बता दें कि काबुल के गुरुद्वारा कार्त-ए परवान में हुए बम धमाके में एक सुरक्षा गार्ड समेत 25 लोगों की मौत हो गई थी। अहंगर का अलकायदा समेत कई अन्य आतंकी संगठनों से संबंध रहे हैं।