अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद से तालिबान ने वहाँ की महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। अब तालिबान ने महिलाओं के सभी सैलून और ब्यूटी पार्लर बंद करने का फरमान जारी किया है। तालिबान के वाइस और सदाचार मंत्रालय ने रविवार (2 जुलाई, 2023) को आदेश जारी कर सैलून मालिकों को एक महीने का समय दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तालिबान के सदाचार मंत्रालय ने कहा है, “महिलाओं द्वारा संचालित सभी ब्यूटी पार्लर को तुरंत बंद किया जाना चाहिए। काबुल समेत सभी प्रांतों में हमारे आदेश का पालन किया जाए। आदेश का उल्लंघन करने वालों को कड़ी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।” वहीं मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि इस फैसले के बारे में उसे 2 जुलाई को बताया गया था। इसके बाद सैलून और ब्यूटी पार्लर चलाने वालों को एक महीने का समय दिया गया।
तालिबानी शासन के चलते अफगानिस्तान के भागकर अब तुर्की में रहने वाली एक अफगान महिला कार्यकर्ता जमीला ने ब्लूमबर्ग से हुई बातचीत में कहा है, “तालिबान का नया फरमान हजारों मेकअप आर्टिस्टों को प्रभावित करेगा। इस आदेश के चलते सैकड़ों ब्यूटी पार्लर बंद हो जाएँगे। तालिबान महिलाओं को इंसान के रूप में नहीं बल्कि दमन करने वाली वस्तु के रूप में देखता है।”
बता दें कि इससे पहले 1996 से लेकर 2001 तक अफगानिस्तान में शासन के दौरान भी तालिबान ने वहाँ ब्यूटी पार्लर पर बैन लगा दिया था। अब अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर एक बार फिर कब्जा करने के 2 साल के भीतर ही तालिबान ने ब्यूटी पार्लर पर बैन लगाने का फरमान जारी कर दिया है।
पुतलों पर नकाब
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद नकाब और हिजाब वाले पुतले वहाँ की पहचान बनते जा रहे हैं। दरअसल, तालिबान ने पुतलों को लेकर फरमान जारी किया था। इस फरमान में पुतलों को हटाने या फिर उनका गला काटने की बात कही गई थी।
इसके बाद दुकानदारों ने गुजारिश करते हुए कहा था कि यदि पुतले हट जाएँगे तो उन्हें कपड़े बेचने में समस्या होगी। इसलिए अब तालिबान ने कहा है कि सभी पुतलों पर नकाब होना चाहिए। इस आदेश के बाद दुकानदारों ने पुतलों के चेहरे को प्लास्टिक या एल्युमिनियम फाइल से ढँक दिया है।
प्रतिबंधों के बोझ तले दबी अफगान महिलाएँ
साल 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने कहा था कि वह महिलाओं के अधिकारों की बात करेगा। हालाँकि, सत्ता में काबिज होने के बाद तालिबान ने महिलाओं के अधिकारों का लगातार हनन किया है। दुनिया भर में निंदा के बावजूद अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार आए दिन महिलाओं के खिलाफ नए-नए पाबंदियों वाले फरमान जारी करती रहती है।
अफगानिस्तान में महिलाओं पर लगे प्रतिबंधों की लंबी फेहरिस्त है। अफगान महिलाओं को अकेले घर से बाहर निकलने की मनाही है। साथ ही, यदि कोई महिला सार्वजनिक स्थानों पर बिना हिजाब के देखी जाती है तो उसके अभिभावक को जुर्माना और जेल की सजा होगी।
तालिबान ने हमेशा ही महिलाओं को शिक्षा से दूर रहने की वकालत की है। इसलिए, वहाँ छठी कक्षा के बाद लड़कियों की उच्च शिक्षा पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके अलावा, एनजीओ या किसी अन्य संस्थान में महिलाओं की नौकरी पर भी कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं।