कोरोना काल में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किए गए कार्यों की गूँज अब दुनिया भर में सुनाई दे रही है। अंतरराष्ट्रीय ‘Time’ मैगजीन में छपे एक लेख में इसकी चर्चा हुई है। ‘Time’ मैगजीन में छपे लेख में कहा गया है कि कोरोना से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए क़दमों से पूरी दुनिया प्रभावित है और WHO ने भी इसकी प्रशंसा की है। WHO ने कहा था कि यूपी सरकार ने कांटेक्ट ट्रेसिंग जो कदम उठाए, वो अनुकरणीय हैं।
पत्रिका मे लिखा गया है कि पूरे उत्तर प्रदेश में 70,000 स्वास्थ्य कर्मचारियों ने दिन-रात मेहनत की और इन फ्रंटलाइन वर्कर्स ने कोरोना मरीजों के हाई-रिस्क संपर्कों को ट्रेस किया। भारत में सबसे ज्यादा कोरोना टेस्टिंग करने के लिए उत्तर प्रदेश पहले ही रिकॉर्ड स्थापित कर चुका है। एक दिन में राज्य में 1.75 लाख टेस्ट्स किए जा रहे हैं। सीएम योगी के कामकाज को ‘विषम परिस्थितियों में निपुण प्रबंधन का अभूतपूर्व उदाहरण’ करार दिया। यह आलेख ‘उत्तर प्रदेश द्वारा प्रदान की गई सामग्री’ लिख कर छापा गया है।
‘Time’ के इस लेख में लिखा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तभी से सक्रियता दिखानी शुरू कर दी, जब कोरोना का पहला मामला आया। लिखा है कि उन्होंने कई राज्यों और यहाँ तक कि देश में सबसे पहले कदम उठाए और स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना शुरू कर दिया। कोरोना के फ्लो चार्ट, रोकथाम, सतर्कता, अन्य जागरूकता के लिए मेडिकल कर्मचारियों का ‘सीएम योगी के योग्य प्रशासन के अंतर्गत’ प्रशिक्षण हुआ।
मुख्यमंत्री ने 11 वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम बनाई, जिनमें सभी को कोरोना से निपटने के लिए होने वाली तैयारियों की लगातार समीक्षा का काम दिया गया। इस ‘टीम-11’ के सभी अधिकारियों को अलग-अलग काम सौंपे जाते थे। आलेख कहता है कि बाकी राज्यों ने भी इसका अनुकरण किया। आगे लिखा है कि सीएम योगी 3 दिन के लॉकडाउन का ऐलान करने वाले पहले सीएम थे और उन्होंने ज़रूरी सामाग्रियों की जनता तक पहुँच सुनिश्चित करने के बाद ही ये कदम उठाया।
Time’ मैगजीन में जिक्र किया गया है कि जब कोरोना की रोकथाम का एक ही मिशन था और वो था ‘टेस्टिंग’, तब यूपी में मात्र एक ही टेस्टिंग लैब हुआ करता था और मार्च 22, 2020 तक तो मात्र 60 टेस्ट्स की ही क्षमता थी। लेकिन, सरकारी संसाधनों और मशीनरी का ऐसा उपयोग किया गया कि आज राज्य में 234 टेस्टिंग लैब्स और इनमें से 131 सरकारी हैं। राज्य में अब तक 2.5 करोड़ कोरोना टेस्टिंग हो चुकी हैं।
साथ ही बताया गया है कि कैसे सभी जिलों में ‘इंटीग्रेटेड कण्ट्रोल एंड कमांड सेंटर्स (ICCC)’ की स्थापना की गई और टेस्टिंग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, होम आइसोलेशन और मेडिकल टीम को लोगों के घर भेजने सहित कई मामलों में ये ICCC का बहुत बड़ा रोल साबित हुआ। लेकिन, पत्रिका ने सबसे कड़ा टास्क माना है 40 लाख प्रवासी मजदूरों के रहने-खाने की व्यवस्था करना। 1660 ट्रेनों के जरिए इन प्रवासी मजदूरों को घर वापस लाया गया।
पत्रिका में इसे मास्टरस्ट्रोक करार दिया है। मजदूरों को स्वच्छ भोजन और पानी देने, कम्युनिटी किचेंस की व्यवस्था और लॉकडाउन में उनके बीच 6.75 करोड़ फ़ूड पैकेट्स बाँटने जैसे क़दमों की प्रशंसा की गई है। विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत 86.8 लाख लोगों को 2 महीने का एडवांस पेंशन दिया गया। अप्रैल से ही अनाज देने शुरू हो गए। 40 लाख मजदूरों की ‘स्किल मैपिंग’ हुई और सबके लिए MNREGS (मनरेगा) कार्ड बने।
‘Time’ मैगजीन के इस आलेख के अनुसार, 8 लाख MSME यूनिट्स को सक्रिय किया गया और लेबर एम्प्लॉयमेंट कमीशन का गठन किया गया। वहाँ 51 लाख मजदूरों को रोजगार मिला। ‘आत्मनिर्भर योजना’ के तहत 4.35 लाख इंडस्ट्री यूनिट्स को 10744 करोड़ रुपए बतौर लोन बाँटे गए। इन सबके अलावा 5.81 लाख नए इंडस्ट्री यूनिट्स की स्थापना हुई और उन्हें 15541 करोड़ रुपए लोन दिए गए। अकेले मई 14, 2020 को 98743 यूनिट्स को 2447 करोड़ रुपए के लोन बाँटे गए।
“Being positive in a negative situation is not naive, it is leadership. No other leader exemplifies this than the UP CM Shri @myogiadityanath Ji”
— Swatantra Dev Singh (@swatantrabjp) January 6, 2021
Time magazine has published an article on UP’s covid management model.
A matter of great pride for Uttar Pradesh. pic.twitter.com/tsunTNmdVR
साथ ही इसका भी जिक्र किया गया है कि जिस तरह से युवाओं के बीच खुद का बिजनेस शुरू करने के उद्देश्य से नई स्टार्टअप नीति लाई गई, उससे 50000 लोगों को सीधे और 1 लाख को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा होगा। राज्य में कोरोना के कारण मृत्यु दर मात्र 1.3% है जबकि, रिकवरी दर 94% हो गया है। खुद पीएम मोदी ने कहा था कि यूपी सरकार की कड़ी तैयारियों से कम से कम 85,000 जानें बची हैं, जिसके बारे में 2017 से पहले सोचा भी नहीं जा सकता था।
बता दें कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश की सरकार ने तो शुरू से केंद्र सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर वुहान वायरस (कोविड 19) के खिलाफ लड़ाई जारी रखी हुई है। उन्होंने संवेदना के आधार पर एक-एक कर ऐसे अनेक निर्णय लिए जो गरीब, दिहाड़ी मज़दूर और कमज़ोर तबके के लोगों के लिए इस लॉकडाउन के दौरान अति आवश्यक हैं या होंगी। उन्होंने गरीबों के लिए स्वास्थ्य, खाद्यान्न, निश्चित धनराशि और अन्य मूलभूत सुविधाएँ प्रदान करने के लिए प्रबंध किया।
नोट: नए तथ्यों के आलोक में इस लेख को अपडेट किया गया है।