Friday, November 15, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयFBI के दबाव में ट्विटर ने छिपाए थे जो बायडेन के बेटे के कारनामे,...

FBI के दबाव में ट्विटर ने छिपाए थे जो बायडेन के बेटे के कारनामे, विजया गाड्डे ने रचा था सारा ‘खेल’: एलन मस्क ने खोली ‘ट्विटर फाइल्स’

हंटर बाइडन 2015 में यूक्रेन की कंपनी बुरिस्मा के निदेशक मंडल में 50,000 डॉलर प्रति माह के वेतन पर शामिल हुए थे। कंपनी पर हंटर के प्रभावों का इस्तेमाल करने का भी आरोप है। ईमेल में कंपनी के सलाहकार वडिम पॉजर्स्की ने 17 अप्रैल 2015 को हंटर को एक ईमेल लिखकर इस बात के लिए शुक्रिया कहा था कि उन्होंने अपने पिता से उनकी मुलाकात करा दी।

ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क ने शनिवार (3 दिसंबर 2022) को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे हंटर बाइडन के कारनामों की जानकारी देने की घोषणा करके दुनिया भर में सनसनी मचा दी है। उन्होंने बताया कि माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर साल 2020 में टीम बाइडन के दबाव में इस रिपोर्ट को दबाया गया था।

मस्क ने कहा कि ट्विटर द्वारा हंटर बाइडेन स्टोरी को हटाने के लिए क्या किया गया था, इसे प्रकाशित किया जाएगा! मस्क द न्यूयॉर्क पोस्ट की 2020 की उस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के बारे में बात कर रहे थे, जिसे ट्विटर द्वारा हटा दिया गया था। अब मस्क रिपोर्ट को हटाने के दौरान ट्विटर अधिकारियों द्वारा साझा किए ईमेल को सार्वजनिक करेंगे।

मस्क ने कहा कि 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान कंपनी ने रिपोर्ट को हटाने के टीम बाइडन के आग्रह को मान लिया था। ‘द न्यूयॉर्क पोस्ट’ ने यह मीडिया रिपोर्ट हंटर बाइडन के लैपटॉप से रिकवर किए गए ईमेल पर तैयार किया था। इस स्टोरी को लेकर रूसी हैकिंग की बात कही है और कहा गया कि FBI ने इसे हटाने के लिए दबाव डाला था।

मस्क ने इस मामले का खुलासा करते हुए स्वतंत्र पत्रकार और लेखक मैट टैबी के अकाउंट का लिंक ट्वीट किया। इसके बाद टैबी ने ‘हंटर बाइडन लैपटॉप स्टोरी’ को ट्विटर पर सेंसर किए जाने के फैसले के पीछे के राज उजागर किए। उन्होंने ट्वीट्स की एक पूरी सीरीज पोस्ट की और बताया कि कैसे क्या हुआ था। टैबी ने इसे ‘द ट्विटर फाइल्स, पार्ट वन’ नाम दिया है। उसमें टैबी ने बताया कि ट्विटर ने हंटर बाइडन लैपटॉप स्टोरी को कैसे और क्यों ब्लॉक किया था।

टैबी के अनुसार, ट्विटर ने न्यूयॉर्क पोस्ट की हंटर बाइडेन स्टोरी (Hunter Biden Story) को दबाने के लिए असाधारण कदम उठाए थे। कंपनी ने लिंक हटा दिए और चेतावनी पोस्ट की कि यह ‘असुरक्षित’ हो सकता है। टैबी ने आगे कहा, “ट्विटर ने डाइरेक्ट मैसेज के माध्यम से इसके प्रसारण को भी ब्लॉक कर दिया, जैसे कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी को किया जाता है।”

दरअसल, 14 अक्टूबर 2020 को न्यूयॉर्क पोस्ट ने हंटर बाइडन का एक गोपनीय ईमेल प्रकाशित किया था, जो उनके लैपटॉप से हासिल किया गया था। टैबी ने दावा किया कि इसे सेंसर करने का फैसला ट्विटर के उच्चाधिकारियों ने किया था। हालाँकि इसकी जानकारी ट्विटर के तत्कालीन सीईओ जैक डोर्सी को नहीं थी। इसमें कंपनी की कानूनी मामलों की पूर्व प्रमुख विजया गाड्डे ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 

न्यूयॉर्क पोस्ट की स्टोरी

द न्यूयॉर्क पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि हंटर बाइडन ने अपने पिता और अमेरिका के तत्कालीन उपराष्ट्रपति जो बाइडन को यूक्रेन की एक ऊर्जा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी से लगभग एक साल पहले मिलवाया था। उस वक्त बाइडन ने यूक्रेन में सरकारी अधिकारियों पर उस वकील पर गोलीबारी के लिए दबाव डलवाया था, जो कंपनी की जाँच कर रहा था। 

हंटर बाइडन 2015 में यूक्रेन की कंपनी बुरिस्मा के निदेशक मंडल में 50,000 डॉलर प्रति माह के वेतन पर शामिल हुए थे। कंपनी पर हंटर के प्रभावों का इस्तेमाल करने का भी आरोप है। ईमेल में कंपनी के सलाहकार वडिम पॉजर्स्की ने 17 अप्रैल 2015 को हंटर को एक ईमेल लिखकर इस बात के लिए शुक्रिया कहा था कि उन्होंने अपने पिता से उनकी मुलाकात करा दी।

यूक्रेन की ऊर्जा कंपनी में सलाहकार पॉजर्स्की ने यह मेल हंटर बाइडेन के निदेशक बनने के एक साल बाद किया गया था। इसके पहले मई 2014 में पॉजर्स्की ने हंटर को ईमेल कर सलाह माँगी थी कि वे कंपनी के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।

इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय न्यूजपेपर डेली मेल ने कहा था कि तस्वीरों, दस्तावेजों, ईमेल और टेक्स्ट मैसेज से पता चला है कि 2013 से 2016 तक 6 मिलियन डॉलर (60 लाख डॉलर) से ज्यादा की आय होने के बाद भी उनके शाही खर्चों ने उन्हें कर्ज में डुबो दिया था। जब हंटर की कई बिजनेस डील रद्द हो गई और उनके खिलाफ फेडरल इन्वेस्टिगेशन (FBI) चल रही थी, तब उन्होंने एक ईमेल लिखा था। इसमें उन्होंने खुद को जेल भेजे जाने का डर जताया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

थीसिस पेश करने से लेकर, डिग्री पूरी होने तक… जानें जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ होता है कैसा बर्ताव, सामने आई रिपोर्ट

'कॉल फॉर जस्टिस' की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट से पता चलता है कि जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ न केवल भेदभाव हुआ बल्कि उन्हें धर्मांतरण के लिए उकसाया भी गया।

बांग्लादेश में संविधान का ‘खतना’: सेक्युलर, समाजवादी जैसे शब्द हटाओ, मुजीब से राष्ट्रपिता का दर्जा भी छीनो – सबसे बड़े सरकारी वकील ने दिया...

युनुस सरकार बांग्लादेश के संविधान से 'सेक्युलर' शब्द निकालने की तैयारी कर रही है। इसे इस्लामीकरण की दिशा में एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -