चीन के शिनजियांग प्रांत में नरक से भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर उइगर मुसलमानों पर अत्याचार दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में अभी तक चीनी अधिकारियों की तानाशाही और जुल्म की खबरें आती थीं। मगर, अब पता चल रहा है कि वहाँ किस तरह री-एड्यूकेशन के नाम पर उइगर महिलाओं का एक सिस्टम के तहत बलात्कार किया जाता है और कैसे शीं जिनपिंग के नेतृत्व में चीन का मकसद किसी समुदाय में कोई सुधार करना नहीं बल्कि उन्हें पूरी तरह बर्बाद करना है।
हाल में बीबीसी में प्रकाशित खबर में उइगर मुस्लिम महिलाओं पर होते जुल्म की विस्तृत चर्चा है। रिपोर्ट में बीबीसी ने कुछ पीड़िताओं का जिक्र किया है, जिन्हें उस डिटेंशन कैंप में महीनों रखा गया। इनमें से तुरसुनय जियावुडुन (Tursunay Ziawudun) आरोप लगाती हैं कि कैंप में चीनी अधिकारी देर रात जेल में आते हैं और अपने लिए एक महिला का चुनाव करते हैं। इसके बाद उसे अंधेरे कमरे में ले जाया जाता है, जहाँ सर्विलांस के लिए कोई कैमरे नहीं होते।
कई रात चीनी पुरूषों के हवस का शिकार हो चुकी जियावुडुन अब अमेरिका में हैं। लेकिन उनके लिए वो समय भुला पाना असंभव है। वह कहती हैं कि महिलाएँ हर रात जेल से निकाली जाती हैं और एक के बाद एक मास्क पहना हुआ चीनी आदमी उनका रेप करता है। वह खुद कई बार प्रताड़ित की जा चुकी हैं। इसके अलावा 3 मौकों पर उनके साथ गैंग रेप भी हुआ। एक समय में दो या तीन लोग उन पर हावी हुए।
बीबीसी की रिपोर्ट में एक अन्य महिला गुलजिरा ऑलखान (Gulzira Auelkhan) का भी जिक्र है। वह भी कैंप में 18 महीने रही थीं। गुलजिरा बताती हैं कि कैंप में उनसे महिलाओं के कपड़े उतरवा कर उन्हें चीनी मर्दों के पास भेजने को कहा जाता था। जिसके कारण वह महिलाओं को नंगा करती थीं, उन्हें हथकड़ी लगाती थीं और फिर चीनी मर्दों के पास उन्हें कमरे में भेज कर बाहर बैठती थीं। जैसे ही सारे मर्द निकलते थे, वह वहाँ दोबारा जाती थीं। कमरे को साफ करती थीं और महिलाओं को नहलाने के लिए ले जाती थीं।
पीड़िताओं के अनुसार, चीनी पुरूष रात बिताने के लिए सबसे खूबसूरत उइगर महिलाओं को चुनते थे और उसके लिए भुगतान भी करते थे। गुलजिरा इस पूरे तंत्र को संगठित बलात्कार की व्यवस्था कहती हैं। वह बताती हैं कि उन्हें कमरे में अपना काम करने के बाद बाहर लौट आना होता था। वह शक्तिहीन होने के कारण विरोध भी नहीं कर पाती थीं। वहीं जियावुडुन बताती हैं कि जो महिलाएँ सेल से निकलती थीं, उनमें कुछ तो लौट आती थीं और कुछ हमेशा के लिए गायब हो जाती थीं। जो लौटती थीं, उन्हें कुछ भी बताने की मनाही होती थी।
जियावुडुन के अनुसार, आप किसी को कुछ बता नहीं सकते सिर्फ़ चुपचाप वहाँ जाकर लेट जाना है। पूरी व्यवस्था पर बात करते हुए वह कहती हैं कि ये सब सिर्फ़ हर किसी की आत्मा को मारने के लिए किया जाता है। कई-कई लोगों के सामने एक अकेली महिला का बलात्कार होता है। शरीर के हरेक हिस्से पर दाँतों से काटा जाता है। पता ही नहीं चलता बलात्कार करने वाला इंसान है या जानवर।
शिनजियांग की एक महिला केलबिनूर सेदिक जो कैंप में चीनी भाषा सिखाने के लिए भेजी जाती थीं, वह भी अब चीन से कहीं और जा चुकी हैं और अपने अनुभवों पर खुलकर बताती हैं। उनके अनुसार कैंप में महिलाओं को बहुत नियंत्रित रखा जाता है। उन्हें एक पुलिस महिला ने स्वयं बताया कि वहाँ रेप एक कल्चर बन गया है। महिला पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि बात सिर्फ़ रेप तक सीमित नहीं है। महिलाओं को बिजली के करंट से भी मारा जाता है।
चार तरह से उइगर महिलाओं को बिजली के करंट दिए जाते हैं- पहला चेयर से, दूसरा दस्तानों से, तीसरा हेलमेट से और चौथा गुदा द्वार में छड़ी घुसा कर। वह कहती हैं कि ये दर्द इतना भयंकर होता है कि क्लास के दौरान भी उन्हें आवाजें सुनाई पड़ती हैं।
मालूम हो कि पहली बार उइगर मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार की कहानी प्रकाश में नहीं आई है। इससे पहले भी कई बार विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा चुका है कि कैसे वहाँ चीनी अधिकारी मुस्लिम महिलाओं का रेप करते हैं। उनका गर्भ गिरवाते हैं। उनके गुप्तांगों में मिर्ची का पेस्ट आदि डालते हैं।
इसके अलावा कॉन्सनट्रेशन कैंप में रह चुके पूर्व बंदी इन बातों को भी बता चुके हैं कि उइगर मुस्लिमों को वहाँ सुअर का माँस जबरन खिलाया जाता है और मंडारिन बोलने का दबाव बनाया जाता है। इतना ही नहीं, चीन में जिन मुस्लिमों को डिटेंशन कैम्प में भेजा जाता है, उनके घर की निगरानी रखने के लिए चीनी नागरिकों को हायर किया गया है। ये चीनी नागरिक उइगर मुस्लिमों के घर पर निगरानी रखते हैं। निगरानी के नाम पर इन उइगरों के घर-परिवार की महिलाओ के साथ जाकर उनके बिस्तर पर भी सोते हैं।