Monday, December 23, 2024
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दिल्ली पहुँचते ही PM मोदी से मिले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता पर दिया समर्थन: रक्षा-AI सहित कई क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति

दोनों नेताओं ने अपनी साझेदारी को मजबूत करने में प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डाला और महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) पर भारत-अमेरिका पहल की सराहना की। सितंबर 2023 में iCET की मध्यावधि समीक्षा की योजना बनाई गई है।

नई दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन जारी है। इसमें भाग लेने के लिए विश्व के 25 से अधिक शक्तिशाली देशों के राष्ट्राध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि दिल्ली पहुँच चुके हैं। इस बीच शुक्रवार (8 सितंबर 2023) को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दिल्ली पहुँचते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों ने कई मुद्दों पर चर्चा की।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के शुक्रवार, 8 सितंबर 2023 को दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुँचने पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह ने स्वागत किया। शाम के लगभग 7 बजे दिल्ली पहुँचने की साथ ही बाइडेन सीधे प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए उनके आवास पर पहुँच गए।

राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली भारत यात्रा पर जो बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया। इसके साथ ही उन्होंने भारत द्वारा की जा रही जी-20 की अध्यक्षता की सराहना भी की और कहा कि जी-20 की ये बैठक सतत विकास और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बैठक के बाद राष्ट्रपति बाइडेन और पीएम मोदी ने संयुक्त रूप से बयान दिया।

दोनों पक्षों ने अपने संयुक्त बयान में कहा, “इस विचार को साझा करना जारी रखते हुए कि वैश्विक शासन अधिक समावेशी और प्रतिनिधि होना चाहिए, राष्ट्रपति बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता पर अपने समर्थन की पुष्टि की।” बता दें कि साल 2028-29 में UNSC में भारत फिर से अस्थायी सदस्य बनेगा।

दोनों नेताओं ने स्वतंत्र, खुले, समावेशी और लचीले इंडो-पैसिफिक को बढ़ावा देने में QUAD के महत्व की पुष्टि की। बता दें कि भारत 2024 में अगले क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इसके साथ ही भारत ने व्यापार कनेक्टिविटी और समुद्री परिवहन पर इंडो-पैसिफिक ओसन इनिसिएटिव (IPOI) का सह-नेतृत्व करने के अमेरिकी फैसले का स्वागत किया।

दोनों नेताओं ने अपनी साझेदारी को मजबूत करने में प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डाला और महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) पर भारत-अमेरिका पहल की सराहना की। सितंबर 2023 में iCET की मध्यावधि समीक्षा की योजना बनाई गई है।

दोनों नेताओं ने रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों की भागीदारी को और मजबूत करने का निर्णय लिया। भारत-अमेरिका प्रमुख रक्षा साझेदारी में AI और अंतरिक्ष सहित उभरते डोमेन में विस्तार देने पर सहमति व्यक्त की गई। यह सहयोग विनिर्माण क्षेत्र तक बढ़ाने की बात कही गई, जिसमें जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) एक ऐतिहासिक सह-उत्पादन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पहल का नेतृत्व कर रहे हैं।

दोनों देशों के बीच सहयोग विशेष रूप से अगली पीढ़ी के छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर प्रौद्योगिकियों के विकास पर केंद्रित है। अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत को शामिल करने के लिए समर्थन व्यक्त किया और भारत की स्थिति को आगे बढ़ाने के लिए इस परिप्रेक्ष्य को साझा करने वाले भागीदारों के साथ निरंतर प्रयास करने का वादा किया।

नवीकरणीय ऊर्जा पर नज़र रखते हुए, दोनों देशों ने अगस्त 2023 में भारत-अमेरिका नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी एक्शन प्लेटफ़ॉर्म (RE-TAP) की शुरुआत की। दोनों देशों ने अपने संयुक्त बयान में कहा, “इस मंच का उद्देश्य लैब-टू-लैब सहयोग और पायलट नवीन प्रौद्योगिकियों को सुविधाजनक बनाना, नवीकरणीय ऊर्जा और सहायक प्रौद्योगिकियों में नीति और योजना प्रगति को बढ़ावा देना है।”

रक्षा क्षेत्र में अभिनव सहयोग के लिए दोनों नेताओं ने India-U.S. Defence Acceleration Ecosystem (INDUS-X) की सराहना की। इसके अलावा, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए दोनों नेताओं ने मिलकर काम करने की घोषणा की।

बताते चलें कि शिखर सम्मेलन में उपस्थित लोगों की एक प्रभावशाली सूची में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डी सिल्वा शामिल हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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