काबुल एयरपोर्ट पर हुए भीषण हमले में अपने 13 लोगों के मारे जाने के बाद अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि वो इसके साजिशकर्ता को ढूँढ कर मारेगा। अब अमेरिका ने अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में एक जबरदस्त ड्रोन स्ट्राइक की है। राजधानी काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद ये पहली अमेरिकी कार्रवाई है। इस हमले में ISIS का एक सरगना मारा गया। कहा जा रहा है कि नंगरहार प्रांत में हुए हमले में मारे जाने वाले आतंकी ने ही काबुल एयरपोर्ट पर हमले की साजिश रची थी।
काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले ने कुल 175 लोगों की जान ले ली थी। IS-K ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले के अगले ही दिन ये कार्रवाई हुई है। अमेरिका ने ‘शुरुआती संकेतों’ के आधार पर ISIS के सरगना के मारे जाने का दावा किया है। अमेरिका ने कहा कि इस हमले में कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ है। ISIS की जिस शाखा ने हमला किया था, उसे ISKP (इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस) या IS-K भी कहते हैं।
अमेरिका ने अपने सभी नागरिकों को सलाह दी है कि वो हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर न जाएँ और जल्द से जल्द वहाँ से निकलें। अमेरिका का मानना है कि एयरपोर्ट पर अभी भी बड़ा खतरा बना हुआ है। वहाँ से लोगों को निकालने की प्रक्रिया भी कई घंटों तक ठप्प पड़ी थी। चूँकि कई विमानों को वहाँ से उड़ान भरनी थी और इस हमले के कारण वो जा नहीं पाए, एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ और बढ़ ही गई है।
अमेरिका ने कहा है कि उसने शुक्रवार (27 अगस्त, 2021) को 12 घंटों में 4200 लोगों को अफगानिस्तान से बचा कर निकालने में सफलता पाई है। 14 अगस्त से अब तक अमेरिका ने 1,09,200 लोगों को अफगानिस्तान से निकाला है। वहीं जुलाई से जोड़ें तो ये आँकड़ा 1,14,800 हो जाता है। फ्रांस ने अफगानिस्तान से अपने सारे नागरिकों को निकाल लिया है। 3000 लोगों को निकालने के बाद फ़्रांस ने अपने अभियान की समाप्ति की घोषणा कर दी।
US military strikes back: Here's what we know about the drone strike that killed an ISIS-K member. MORE: https://t.co/F02OYDrKgq pic.twitter.com/krxqYpCgOa
— FOX 11 Los Angeles (@FOXLA) August 28, 2021
तुर्की ने भी अपने सभी लोगों को वहाँ से निकाल लिया है। अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को बसाने के लिए अमेरिका ने प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद वहाँ जिस तरह से आतंकी संगठन सक्रिय हुए हैं, उसने भारत के लिए भी खतरे की घंटी बजा दी है। अमेरिका ने कहा है कि तालिबान व हक्कानी नेटवर्क अलग-अलग समूह हैं। राष्ट्रपति जो बायडेन ने हर कीमत पर अपने नागरिकों की सुरक्षा की बात कही है।
बताते चलें कि ISIS-K या इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) – ISIS या इस्लामिक स्टेट का क्षेत्रीय सहयोगी है, जिसकी स्थापना ईराक और सीरिया में हुई थी। इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत, या ISKP, इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह की अफगान शाखा है। यह अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत में सक्रिय है। साल 2015 में ISKP की स्थापना अफगान तालिबान के असंतुष्ट सदस्यों और उसके पाकिस्तानी समकक्ष TTP को मिलाकर की गई थी। इस खतरनाक इस्लामिक आतंकी संगठन के अधिकतर रंगरूट अफगानिस्तान और पाकिस्तान के मदरसों से निकलते हैं।