आखिरकार 20 वर्षों के युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी सेना की वापसी की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसके साथ ही अब अमेरिका का अफगानिस्तान से लोगों को निकालने का अभियान भी थम गया है। सोमवार (30 अगस्त, 2021) को ये प्रक्रिया पूरी हुई। अमेरिका और उसके साथी देशों ने 15 दिनों से अपने लोगों को निकालने का अभियान छेड़ रखा था, जो खूब-खराबे और हड़बड़ी से भरा हुआ था।
हालाँकि, कई हजार ऐसे अफगानिस्तानी नागरिक अब भी वहाँ फँसे हुए हैं, जिन्होंने अमेरिका व उसके साथी देशों की तालिबान के खिलाफ युद्ध में मदद की थी। वहाँ से निकाले जाने के वो भी इच्छुक थे, लेकिन अमेरिका उन्हें खतरे में छोड़ कर निकल गया है। वहीं कई अमेरिकी नागरिक भी हैं जो अब भी वहीं फँसे हुए हैं। अमेरिका का मिशन पूरा होने के बाद तालिबान ने काबुल में गोलीबारी कर के जश्न मनाया।
WASHINGTON (AP) — General says some American citizens who wanted to leave Afghanistan remain in country after US departure.
— Zeke Miller (@ZekeJMiller) August 30, 2021</blockquoteतालिबान के प्रवक्ता क़री युसूफ ने कहा कि अमेरिका का अंतिम सैनिक भी अब अफगानिस्तान से रवाना हो गया है और इसके साथ ही मुल्क को आज़ादी मिल गई है। अमेरिका के स्टेट सेक्रेटरी एंटोनी ब्लिंकेन ने स्वीकार किया है कि 100-200 के बीच अमेरिकी नागरिकों का एक समूह अंतिम अमेरिकी फ्लाइट पर चढ़ने में सफल नहीं रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन ने डेडलाइन के हिसाब से मिशन की समाप्ति की घोषणा का बचाव किया है, भले ही कई अमेरिकी वहाँ छूट गए हैं।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बेटे डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर ने जो बायडेन प्रशासन की आलोचना करते हुए उन अमेरिकी नागरिकों के लिए प्रार्थना की, जिन्हें अफगानिस्तान में ही छोड़ दिया गया है। अब अफगानिस्तान से निकलने की इच्छा रखने वाले अफगान व अमेरिकी नागरिकों को सामान्य प्रक्रिया के तहत वहाँ से निकलना होगा, वो भी अगर कूटनीतिक दबाव तलिबान के खिलाफ रहा तो। तालिबान के ऊपर है कि वो इस प्रक्रिया को सुरक्षित होने देगा या नहीं।
Good luck to the Americans and our friends and allies who were apparently left behind and stranded in Afghanistan by the Biden administration. pic.twitter.com/V4OTkq5DY1
— Donald Trump Jr. (@DonaldJTrumpJr) August 30, 2021रिपब्लिकन सीनेटर बेन सस्से ने जो बायडेन को अफगानिस्तान में अमेरिका की थू-थू कराने के लिए अयोग्य व डरपोक करार दिया है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अपने लोगों को छोड़ कर उन्होंने अक्षम्य अपराध किया है। वहीं सत्ताधारी डेमोक्रेट पार्टी का कहना है कि इस भयानक स्थिति में 1.20 लाख लोगों को निकालने का काम कोई और नहीं कर सकता था। पिछले 20 वर्षों में वहाँ 2500 अमेरिकी सैनिकों व 2.40 लाख अफगान नागरिकों की जान गई है।
मेजर जनरल क्रिस डोनहुए अफगानिस्तान से निकलने वाले अंतिम अमेरिकी सैनिक हैं। ‘Reuters’ के एक पोल से पता चला है कि मात्र 38% अमेरिकी नागरिकों ने जो बायडेन की अफगानिस्तान नीति का समर्थन किया है और 51% इस मामले में उनसे नाखुश हैं। 75% लोग चाहते हैं कि जब तक अंतिम अमेरिकी नागरिक को न निकाल लिया जाए, तब तक अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को मौजूद रहना चाहिए था।