चीन में अब उइगर मुस्लिमों के साथ हो रहा अत्याचार दूसरे स्तर पर पहुँच गया है। अब शी जिनपिंग की सरकार को उइगर भाषा से भी समस्या है। शिनजियांग के सभी शैक्षणिक संस्थानों से उइगर भाषा को पूरी तरह हटा दिया गया है। अब कहीं भी, कोई भी स्कूल या कॉलेज, उइगर भाषा में शिक्षा नहीं दे सकता है। ‘रेडियो फ्री एशिया (RFA)’ ने इसका खुलासा किया है। खुद चीन के अधिकारियों ने ही इस बात की पुष्टि की है।
बताया गया है कि उत्तर-पश्चिम चीन के शिनजियांग उइगर ऑटोनोमस रीजन (XUAR) में स्थित केप्लिन काउंटी के पास अब उइगर भाषा में कोई भी कोर्स उपलब्ध नहीं है। ये सब तब हो रहा है, जब वहाँ केवल उइगर मुस्लिमों की आबादी ही रहती है और चीन में ऐसा कानून भी है, जिसके तहत किसी भी नागरिक को दो भाषाओं में शिक्षा प्राप्त करने की छूट है। RAF उइगर सेवा को इस सम्बन्ध में ऑडियो रिकॉर्डिंग्स मिले हैं।
इस ऑडियो में वहाँ के एक व्यक्ति ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर ये जानकारी दी, क्योंकि उसे डर है कि नाम सामने आने के बाद चीन का प्रशासन उसे छोड़ेगा भी नहीं। उसने अपने शहर के शिक्षा ब्यूरो को एक फोन कॉल किया था और पूछा था कि वो अपने पड़ोसियों के बच्चों का दाखिला कहाँ कराए? उसने बताया था कि उक्त पड़ोसी किसी प्रताड़ना कैम्प में बंद है। दोनों बच्चों की उम्र 5 और 7 वर्ष है।
इसके बाद केप्लिन एजुकेशन ब्यूरो के अधिकारी ने उसे दोनों बच्चों को अपने दफ्तर में लाने को कहा। जब उस व्यक्ति ने पूछा कि बच्चों को किस भाषा में शिक्षा दी जाएगी, तो अधिकारी ने बताया कि शिनजियांग में चीन की राष्ट्रीय भाषा ‘मेंडेरियन चाइनीज’ में ही शिक्षा दी जाती है। जब उस व्यक्ति ने पूछा कि क्या इन बच्चों को उइगर भाषा में शिक्षा दी जा सकती है, तो अधिकारी ने कहा कि यहाँ एक ही ‘स्टैण्डर्ड भाषा’ है और वो है चाइनीज।
An administrator at the Kelpin County No. 1 Intermediate School said schools in Kelpin no longer offer Uyghur language instruction, adding that not even teachers or other employees are permitted to use the Uyghur language when speaking to one another.https://t.co/p4LgtCK5yM
— Radio Free Asia (@RadioFreeAsia) January 29, 2021
केप्लिन के काउंटी इंटरमीडिएट स्कूल में भी यही व्यवस्था है। उसने बताया कि अब उइगर भाषा में शिक्षा का कोई प्रावधान नहीं है। यहाँ तक कि स्कूलों में बच्चों, शिक्षकों या माता-पिता का उइगर भाषा में बोलने की भी अनुमति नहीं है। स्कूल के शिक्षकों-कर्मचारियों को आपस में भी इस भाषा में बात नहीं करनी है। अब जब अमेरिका ने भी चीन में चल रहे इस दमनकारी अभियान को ‘नरसंहार’ कह दिया है, इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार आवाज़ें उठ रही हैं।
बता दें कि अमेरिका ने चीन की इस तरह से भर्त्सना अब तक नहीं की थी, जैसा हाल ही में उइगर मामले में किया गया है। यूएस ने कहा था कि एक राष्ट्रीय, एथ्निकल, रेसियल और धार्मिक समूह को बर्बाद किया जा रहा है। स्टेट डिपार्टमेंट के कई अधिकारी और अधिवक्ता इस पर कई दिनों से बहस कर रहे थे, लेकिन रिपोर्ट ट्रम्प प्रशासन के अंतिम दिन पेश की गई थी। इस मामले में भी अमेरिका के कई अधिकारी आमने-सामने थे। कुछ चीन पर कड़े प्रतिबंध की वकालत नहीं भी करते।