Wednesday, May 21, 2025
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दशकों बाद वापस अपने घर पधारे राम, लक्ष्मण व सीता: ब्रिटिश पुलिस ने भारत को सौंपा 1978 में चोरी हुई विजयनगर काल की मूर्तियाँ

इस कार्यक्रम के दौरान मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि 1947 से 2014 के बीच हमें केवल 13 मूर्तियों को वापस किया गया था। लेकिन सरकार के बढ़ते प्रयासों के परिणामस्वरूप 2014 के बाद विदेशी देशों द्वारा 40 से अधिक कलाकृतियों को भारत को सौंप दिया गया है।

1978 में तमिलनाडु के विष्णु मंदिर से चोरी हुई विजयनगर काल की भगवान राम, माँ सीता और लक्ष्मण की 3 बेशकीमती मूर्तियाँ ब्रिटिश पुलिस द्वारा लंदन में भारतीय वाणिज्य दूतावास को सौंप दी गई हैं।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस अवसर पर लंदन में भारतीय उच्चायोग के भवन में इंडिया हाउस में एक औपचारिक समारोह आयोजित किया गया। जिसमें मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अधिकारी, इंडिया हाउस के कर्मचारी और केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया।

वहीं इस समारोह के दौरान एक हिंदू पुजारी द्वारा देवताओं की एक पारंपरिक पूजा- अर्चना भी की गई थी। इन मूर्तियों की वापसी भारत की सांस्कृतिक विरासत की चोरी और तस्करी की गई कलाकृतियों को वापस लाने के लिए भारत सरकार के बढ़ते प्रयासों का एक हिस्सा है।

इस कार्यक्रम के दौरान मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि 1947 से 2014 के बीच हमें केवल 13 मूर्तियों को वापस किया गया था। लेकिन सरकार के बढ़ते प्रयासों के परिणामस्वरूप 2014 के बाद विदेशी देशों द्वारा 40 से अधिक कलाकृतियों को भारत को सौंप दिया गया है।

स्वराज्य की एक रिपोर्ट के अनुसार, मूर्तियों को आनंदमंगलम राम, लक्ष्मण और सीता के नाम से जाना जाता है। ये मूर्तियाँ विजयनगर काल में कांस्य प्रतिमाओं से विशेष रूप से तैयार की जाती थी। इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट के एस विजय कुमार की रिपोर्ट के अनुसार इन मूर्तियों की उपस्थिति की पुष्टि पिछले साल हुई थी जब एक स्वयंसेवक ने एक तस्वीर भेजी थी। तस्वीरों को श्री राजगोपाला स्वामी मंदिर, आनंदमंगलम, मयूरम तालुक, तंजावुर जिले से चोरी की गई मूर्तियों के साथ मिलान किया गया था।

तमिलनाडु सरकार के मूर्ति विंग के अधिकारियों की मदद से, लंदन में भारतीय दूतावास और एएसआई ने मूर्तियों की पहचान और उत्पत्ति की पुष्टि की थी।

कथिततौर पर भारत के पहले उच्चायुक्त, लंदन के सचिव राहुल नंगारे ने उस डीलर का पता लगाया था जिसके पास ये मूर्तियाँ थी। कथित तौर पर वह भी इन मूर्तियों की चोरी की स्थिति से अनजान थे। डीलर ने इन मूर्तियों के महत्व को समझने के बाद वापस इन मूर्तियों को उन्हें सौंप दिया।

इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट ने बताया कि उसी समूह की एक और हनुमान मूर्ति है, जिसे वर्तमान में दक्षिण पूर्व एशिया के एक संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया है।

अब मूर्तियों को वापस मंदिर में पूजा के लिए लाया जाएगा। गौरतलब है कि लंदन पुलिस ने 2018 में 12 वीं शताब्दी की बुद्ध प्रतिमा सौंपी थी, जो 1961 में नालंदा में एएसआई संग्रहालय से चोरी हो गई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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