दुनिया भर में ईसाई मिशनरियों द्वारा दूसरे धर्म के लोगों का धर्मान्तरण कराए जाने की बातें सामने आती रहती हैं। ख़ासकर ऐसे लोगों को ज़्यादा निशाना बनाया जाता है, जो आर्थिक रूप से पिछड़े इलाक़ों में रहते हैं या फिर मुख्यधारा से दूर हैं। तरह-तरह के प्रलोभन देकर और ईसाई मजहब को सबसे श्रेष्ठ बता कर ऐसी करतूतों को अंजाम दिया जाता है। ऐसे ही एक मिशनरी को एक बौद्ध भिक्षु ने करारा सबक सिखाया। श्रीलंका के पूर्वी क्षेत्र में स्थित बट्टीकलोआ में बौद्ध भिक्षु सुमनरत्ना थेरो ने एक ईसाई मिशनरी को खींच कर चाटा मारा।
ईसाई मिशनरी भोले-भाले लोगों को प्रलोभन दे रहा था और अपने मजहब की श्रेष्ठता का बखान कर रहा था। तभी वहाँ पहुँचे बौद्ध भिक्षु सुमनरत्ना ने उसे ऐसा चाटा मारा कि उसका चश्मा ज़मीन पर जा गिरा और वो व्यक्ति कुछ क़दम पीछे जा खड़ा हुआ। इस घटना के समय वहाँ कई अन्य बौद्ध भिक्षु और स्थानीय लोग भी उपस्थित थे। नीचे संलग्न किए गए वीडियो में आप देख सकते हैं:
Only Language the Missionary groups understand ?
— #CongressMuktBharat (@sagenaradamuni) December 29, 2019
Srilankan Buddhist Monk slaps an idiot who came to convert people.pic.twitter.com/22AuKpK8ZC
इसके बाद बौद्ध भिक्षु ने वहाँ के पुलिस अधिकारियों की भी क्लास लगाई। सुमनरत्ना थेरो ने पुलिसकर्मियों को जम कर फटकारा और पूछा कि वो अपने क्षेत्रों में ईसाई धर्मान्तरण को रोकने में विफल क्यों साबित हो रहे हैं? सुमनरत्ना ने एक अन्य क्रिस्चियन मिशनरी को उसकी बाइक रोक कर उसे फटकार लगाई। कई लिबरल लोगों ने जहाँ इस घटना को लेकर कहा कि अगर ग़लत हो रहा था तो क़ानून को कार्रवाई करनी चाहिए थी, वहीं आम लोगों ने बौद्ध भिक्षु की सराहना की।
‘कोलोंबो टेलीग्राफ’ के अनुसार, श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे के सत्ता में आने के बाद से ही क्रिस्चियन मिशनरियों व इस्लामिक कट्टरपंथियों के ख़िलाफ़ लोग आवाज़ उठा रहे हैं। श्रीलंका की सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि ये सिंहला प्रभुत्व वाली सरकार है और तमिलों को उनका हक़ नहीं मिल रहा। हाल ही में भारत दौरे पर आए राष्ट्रपति राजपक्षे ने ऐसे किसी भेदभाव से इनकार किया था। लेकिन, इस्लामिक आतंकवाद और कटवारपंथ को लेकर उन्होंने कड़े तेवर दिखाए थे।
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