दुनिया भर में इस समय कोरोना की दूसरी लहर सबसे घातक साबित हो रही है। इस दौरान भारत में कोरोना के सबसे अधिक केस सामने आ रहे हैं। इस तबाही के लिए कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है, जिसे विश्व भर में बड़ी चालाकी से लेफ्ट मीडिया द्वारा इंडियन वेरिएंट के नाम से पुकारा जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दस्तावेज का हवाला देते हुए इंडियन वेरिएंट शब्द का उपयोग किया गया था। हालाँकि, इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने इस पूरे मामले पर अपनी सफाई दी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने ट्वीट में साफ किया है कि वह किसी वायरस का नाम किसी देश के नाम पर नहीं रखता है। उन्होंने लिखा, ”विश्व स्वास्थ्य संगठन किसी वायरस या उसके वेरिएंट का नाम उन देशों के नाम के आधार पर नहीं रखता जहाँ से वे सबसे पहले आए हैं। इस संदेश के बाद डब्ल्यूएचओ ने भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय समाचार एंजेसी के साथ कुछ समाचार समूहों को भी टैग किया है।”
WHO does not identify viruses or variants with names of countries they are first reported from. We refer to them by their scientific names and request all to do the same for consistency. @PTI_News @PIB_India @ANI @timesofindia @htTweets @IndianExpress @the_hindu @MoHFW_INDIA
— WHO South-East Asia (@WHOSEARO) May 12, 2021
वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस ट्वीट को आधार बनाकर एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ”ध्यान दें विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नोवल कोरोना वायरस के B.1.617 वेरिएंट को भारतीय (Indian) वेरिएंट नहीं कहा है। उसे विश्व स्वास्थ्य संगंठन ने वेरिएंट ऑफ कंसर्न कहा था।” भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को बिना आधार का बताया है, जिन्होंने B.1.617 म्यूटेंट स्ट्रेन के लिए इंडियन वेरिएंट शब्द का उपयोग किया है।
#Unite2FightCorona
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) May 12, 2021
*ATTENTION*
➡️@WHO has not associated the term “Indian Variant” with B.1.617, now classified as Variant of Concern.https://t.co/w8plx3nIY1 pic.twitter.com/AJSUaUSxDb
बता दें कि इन मीडिया रिपोर्ट्स में खबर दी गई थी कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वेरिएंट को ‘वेरिएंट ऑफ ग्लोबल कंसर्न’ कहा था। वहीं, मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने 32 पेज के दस्तावेज में भारतीय वेरिएंट शब्द का उपयोग नहीं किया है। वहीं, डब्ल्यूएचओ के ट्वीट पर लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ ने वायरस को चीनी वायरस कहने पर डर का इशारा भी किया है।