Sunday, May 19, 2024
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बलात्कारियों को चुन-चुन कर मारने वाले ‘हरक्युलिस’, हत्या के बाद गले में लटका देता था तख्ती: ‘सीरियल किलर’ की पहचान के लिए देशभर में चला अभियान

हरक्युलिस ने 17 जनवरी को रिपन को मार दिया और बदला ले लिया। रिपन की लाश पर एक नोट भी छोड़ा गया। इस पर लिखा, "मैं बलात्कार के मामले में मुख्य आरोपित हूँ। मैं एक बलात्कारी हूँ। बलात्कार के लिए यह मेरी सजा है। सावधान रहें। सावधान रहें - हरक्युलिस।" इसके बाद इसी तरह की हत्याओं की जाँच चालू हुई।

बांग्लादेश में हरक्युलिस नाम के एक हत्यारे ने कई बलात्कारियों को खोज-खोज कर मारा। उसने बलात्कार के आरोपितों को मार कर उनके गले में एक तख्ती टांगनी चालू कर दी थी। उसने तीन बलात्कार के संदिग्धों की हत्या कर दी थी। लोगों को आश्चर्य में डालने वाला मामला 2019 में सामने आया था।

इस आदमी की पहचान अब तक सामने नहीं आई है। उसका किरदार लोगों को एक फिल्म ‘डार्क नाईट’ की याद दिला रहा है। उसने हत्या करके लाशों पर सन्देश भी छोड़े, और खुद को ग्रीक हीरो ‘हरक्युलिस’ बताया। इससे मामला और गहरा हो गया।

यह पूरी कहानी 7 जनवरी, 2019 को एक घटना से शुरू हुई। इस दिन आशुलिया जिले की रहने वाली एक फैक्ट्री कर्मचारी ने पुलिस को अपने बलात्कार की शिकायत की, इसके कुछ ही घंटों के बाद उसकी लाश उसके घर में मिली। इस मामले में रिपन नाम का कपड़ा मिल कर्मचारी और उसके तीन साथियों को संदिग्ध माना गया।

हरक्युलिस ने 17 जनवरी को रिपन को मार दिया और बदला ले लिया। रिपन की लाश पर एक नोट भी छोड़ा गया। इस पर लिखा, “मैं बलात्कार के मामले में मुख्य आरोपित हूँ। मैं एक बलात्कारी हूँ। बलात्कार के लिए यह मेरी सजा है। सावधान रहें। सावधान रहें – हरक्युलिस।” इसके बाद इसी तरह की हत्याओं की जाँच चालू हुई।

यह तख्ती मारे गए लोगों के गले में टंगी मिली।

इसके बाद पुलिस को 1 फरवरी को जलकाठी जिले के राजापुर में कूड़ेदान में एक शव मिलने की सूचना मिली। मृतक के सिर पर गोली लगने के निशान थे, उसके सर पर गोली के निशान थे। पुलिस को मृतक के गले में एक संदेश लटका हुआ मिला, इसमें लिखा था, “मैं रकीब हूँ। मैं भंडारिया की एक मदरसा में पढ़ने वाली लड़की (अनाम) का बलात्कारी हूँ। बलात्कार की यही सजा है। बलात्कारियों सावधान रहो – हरक्युलिस।” यह बलात्कार के एक आरोपित रकीब मोल्लाह का शव था।

गौरतलब है कि एक महीने पहले ही बांग्लादेश की पुलिस ने एक 13 वर्षीय बालिका की पहचान करके उसके साथ हुई भयानक घटना के बारे में पता लगाया था, जब वह 14 जनवरी को जब वह अपनी दादी से मिलने जा रही थी, तो दो पुरुषों ने उसका यौन शोषण किया था।

यह अपराध पिरोजपुर जिले के भंडारिया क्षेत्र में हुआ। बालिका के पिता ने 17 जनवरी को इस मामले में स्थानीय पुलिस को सूचना दी थी, बालिका के पिता ने बाद में रकीब हुसैन मोल्ला और सजल जमादार को इस मामले में आरोपित बनाया था।

इसके बाद रकीब का शव भी सामने आया। इस चौंकाने वाली घटना के साथ, ‘हरक्युलिस’ की चर्चा पूरे देश में फ़ैल गई। यह मामला सामने आने पर मीडिया से इसकी पड़ताल की और पाया कि एक और हरक्युलिस के नाम से ही जाने जाने वाले एक सीरियल किलर ने इससे पहले भी हत्याएँ की थीं।

जाँच के पूरे ना होने तक अधिकारियों का मानना ​​था कि हरक्युलिस ने दो बार हत्याएँ की थी और रकीब की हत्या रिपन के बाद की गई थी। उन्हें जल्द पता चला कि रकीब असल में तीसरा मामला था। रकीब से एक सप्ताह पहले, हरक्युलिस ने रकीब के दोस्त सजल को भी सजा दी थी।

पुलिस ने इसे एक अलग मामला माना था। पुलिस ने बताया कि सजल के सर में गोलियाँ मारी गई थीं और सर पर धारदार हथियार से वार किए गए थे। सजल के शव पर भी एक तख्ती मिली थी जिसमें लिखा था- मैं सजल हूँ। मैं एक बलात्कारी हूँ। यह मेरे अपराध की सज़ा है। सावधान, बलात्कारियों। सावधान – हरक्युलिस।

हरक्युलिस कौन था?

हरक्युलिस के बारे में पता लगाने के लिए देश भर की पुलिस ने अभियान चलाया लेकिन हत्या के मामले बढ़ते रहे। ‘हरक्युलिस’ मामले के प्रभारी अधिकारी एम. जाहिदुल इस्लाम ने यह बात मानी कि वह इस हरक्युलिस को पहचान नहीं पाए हैं। इन हत्याओं को पाँच साल होने के बाद भी हरक्युलिस की पहचान, उसने हत्याएँ क्यों की, ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

हरक्युलिस की बड़े स्तर पर सराहना हुई है। हालाँकि, कुछ लोगों ने कानून को हाथ में लेकर काम करने को लेकर उसकी निंदा भी की। मानवाधिकार संगठन ऐन-ओ-सलिश की कार्यकारी प्रमुख शीपा हाफ़िज़ ने प्रेस को दिए एक बयान में उसे चेतावनी दी थी। शीपा हाफ़िज़ ने ऐसे मामलों में लोगों और न्यायपालिका को सावधानी से काम करने की चेतावनी दी। “हमें इस बात पर बहुत ध्यान से विचार करना होगा कि ऐसी घटनाएँ क्यों हो रही हैं।”

पुलिस महानिरीक्षक शोहेल राणा ने इस मामले में कहा, “पुलिस को यह मालूम नहीं है कि इस तरह की गुप्त हत्याओं के पीछे कौन है। हम उसकी पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं।” हालाँकि, जिनके घर के लोग मारे गए थे, उन्होंने दावा किया कि मृतकों को पुलिस उठा कर ले गई थी। पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया। हालाँकि कुछ समय के बाद यह हत्याएँ रुक गईं और यह मामला हमेशा के लिए दब गया।

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