इन दिनों योग प्रशिक्षक इरा त्रिवेदी अपने सबसे बुरे दिनों से गुज़र रही हैं। दरअसल, उन्होंने एक झूठे आँकड़े को आधार बनाकर बताया था कि गाय का माँस प्रोटीन का सबसे बेहतर स्रोत होता है। इरा के गौ माँस के प्रचार के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने उनका काफ़ी विरोध किया था, जिसके चलते दूरदर्शन ने अपने योग कार्यक्रम ‘योग विद इरा त्रिवेदी’ से उनकी छुट्टी कर दी। हालाँकि, दूरदर्शन ने अपने इस योग कार्यक्रम में इरा की जगह यामिनी मुथाना को जगह दी है। ऑपइंडिया ने पहले अपनी एक ख़बर के ज़रिए इस मामले पर जानकारी दी थी।
काफ़ी हो-हल्ला के बाद, इरा त्रिवेदी ने माफ़ी माँगते हुए ट्वीट किया कि वो शुद्ध शाकाहारी हैं और हिंदू धर्म का सम्मान करती हैं। इरा के इस ट्वीट के बाद भी जब लोगों का ग़ुस्सा शांत नहीं हुआ, तो उन्होंने झूठ का सहारा लिया।
एक नई मनगढंत कहानी गढ़ते हुए इरा त्रिवेदी ने अपने ख़ुद के उस ट्वीट को अस्वीकार कर दिया, जिसमें उन्होंने लिखा था, “कुरान प्रगतिशील है, जबकि आधुनिक हिंदू धर्म प्रतिगामी (पीछे ढकेलने वाला) है।”
I would like to clarify that this tweet below does NOT EXIST on my twitter time line. There is no DATE on this tweet, there is no SOURCE of this tweet. Anyone circulating this is party to a hate/smear campaign by trolls. Where did it come from? @TwitterIndia please take note. pic.twitter.com/ig3BClzubn
— Ira Trivedi (@iratrivedi) July 28, 2019
अपने ट्विटर अकाउंट को पाक-साफ़ साबित करने के बाद, इरा त्रिवेदी अब लोगों को यह समझाने की कोशिश कर रही हैं कि जिस ट्वीट में उन्होंने क़ुरान को प्रगतिशील और आधुनिक हिंदू धर्म को प्रतिगामी बताया, वह एक फ़ेक ट्वीट है। हालाँकि, जैसा कि कहा जाता है, इंटरनेट कभी कुछ नहीं भूलता। ऐसा ही कुछ इरा त्रिवेदी के साथ भी हुआ जिससे उनके दावे की पोल खुल गई।
बता दें कि इरा त्रिवेदी ने ख़ुद को पाक-साफ़ घोषित करने के लिए जिस ट्वीट का इस्तेमाल किया, उसकी सच्चाई से यूज़र्स ने ही उन्हें अवगत करा दिया। दरअसल, वो ट्वीट 2017 का था, जिस पर समय और तारीख़ दोनों स्पष्ट हैं।
इसके अलावा, कई लोगों ने इरा त्रिवेदी को बताया कि मूल ट्वीट लिंक भी मौजूद है। इससे यह बात साफ़ हो गई कि इरा त्रिवेदी ने अपनी टाइमलाइन से उस ट्वीट को ख़ुद ही डिलीट किया था।
Here’s the link of the tweet which you deleted- https://t.co/h1lFYf7fah
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) July 28, 2019
Also here are the tweets of people who quoted your tweet https://t.co/9ADaV1UcGb
Also here’s the screenshot with date and time. pic.twitter.com/HMV35zliyJ
इरा त्रिवेदी द्वारा हटाए गए ट्वीट के इतर सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें इस बात का का भी सबूत दे डाला, जिसमें वो (इरा त्रिवेदी) हिन्दू धर्म को कोसती नज़र आईं।
Hi!
— Shwetank (@shwetankbhushan) July 28, 2019
This tweet of yours only proves that you are not only a Hinduphobe bigot but a stupid liar too.
Of course, a deleted tweet doesn’t exist on the TL.
How would you delete your recorded interview that now confirms you are an opportunist hypocrite who blabbers mindlessly.
Shame!! pic.twitter.com/kvvRbu9LuB