चारा घोटाला में दोषी पाया गया और राँची में सजा काट रहा बिहार का पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के वकील ने ज़मानत के लिए कोर्ट में गुहार लगाई। लालू की ज़मानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उसका वकील कपिल सिब्बल CJI रंजन गोगोई के समक्ष पेश हुए। कपिल सिब्बल ने अदालत में लालू की तरफ से ज़िरह की। इस से पहले सिब्बल अनिल अम्बानी के लिए भी पैरवी कर चुके हैं। एक ही दिन में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अनिल अम्बानी पर तथाकथित राफेल घोटाले में शामिल होने का आरोप भी लगाया था और फिर एरिक्शन मामले में उसी दिन अम्बानी की तरफ से अदालत में पेश भी हुए थे। सिब्बल राम मंदिर के विरोधी पक्ष की तरफ से भी अदालत में पैरवी कर चुके हैं।
सिब्बल के माध्यम से लालू यादव ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, “अगर मुझे ज़मानत पर रिहा किया तो मैं भाग नहीं जाऊँगा। मेरे निवेदन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अगर मुझे ज़मानत पर रिहा किया जाता है तो इसमें ख़तरा ही क्या है?” लालू की इस अपील के जवाब में सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, “कोई ख़तरा नहीं है सिवाए इसके कि तुम दोषी करार दिए जा चुके हो। हम ऐसा नहीं सोचते कि तुमको ज़मानत पर रिहा किया जाएगा। तुम्हारी ‘Special Leave Petition’ को खारिज किया जाता है।“
“We dont think we will release you on bail, SLP stands dismissed”, Supreme Court rejects bail plea by Lalu Prasad Yadav in fodder scam. @laluprasadrjd
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इससे पहले सीबीआई ने लालू यादव की ज़मानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उसे किसी भी क़ीमत पर अपनी राजनीतिक गतिविधियों को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। सीबीआई ने कहा कि अगर लालू यादव को मिली सारी सज़ाओं को एक साथ रखें तो उसको मिली सजा कुल 27.5 वर्ष हो जाती है। सीबीआई ने कहा कि लालू द्वारा बिहार का मुख्यमंत्री रहते की गई कुटिल और बेईमान हरकतों ने पूरे देश की अंतश्चेतना को हिला कर रख दिया था।
सीबीआई ने कहा कि लालू स्वास्थ्य कारणों का बहाना बनाते हुए ज़मानत की माँग कर अदालत को गुमराह कर रहा है। वैसे भी देखा जाए तो लालू अपना अधिकतर सज़ा-काल राँची स्थित अस्पताल RIMS में ही गुज़र रहा है, जहाँ उससे मिलने कई विपक्षी नेता भी पहुँचते रहते हैं। अभी हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद सुप्रीमो लालू यादव पर बड़ा आरोप लगते हुए कहा था कि वह जेल से ही चुनाव को प्रभावित कर रहा है। इसके बाद सूचना मिलते ही सिटी एसपी व सदर डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस ने लालू यादव के पेइंग वार्ड की गहन तलाशी ली थी। झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी कहा था कि लालू से मिलने आने वाले लोगों के लिए जेल के नियम ताक पर नहीं रखे जा सकते।
#दिल्ली– लालू यादव को बड़ा झटका. @laluprasadrjd pic.twitter.com/NvN7P5nBLi
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जनवरी में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माँझी लालू से मिलने पहुँचे थे। जदयू के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा से अयोग्य करार दिए गए शरद यादव भी लालू से मिले। फरवरी में पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश साहनी ने लालू के साथ बैठक की। सजा के बावजूद लालू यादव उम्मीदवार चुनने से लेकर पार्टी के आंतरिक निर्णयों तक, सभी चीजों पर नेताओं से मिलकर सलाह देता है और अपनी राजनीति चला रहा है। पिछले कुछ सप्ताह में विधायक भोला यादव और वामपंथी नेता सीताराम येचुरी, डी राजा ने भी लालू से मुलाक़ात की।