गणतंत्र दिवस के मौके पर इस साल देश के लिए समर्पित सैनिकों को अशोक चक्र के अलावा 5 कीर्ति और 12 शौर्य चक्र दिए जाएँगे। इन सभी पुरस्कारों की घोषणा की जा चुकी है। इस सूची में एक नाम बहुत दिलचस्प है – शहीद लांस नायक नज़ीर वानी। शहीद वानी को अशोक चक्र के लिए चुना गया है। यह जान लें कि अशोक चक्र शांति काल में देश के सैनिकों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सैन्य वीरता पुरस्कार है।
अब कहानी शहीद लांस नायक नज़ीर वानी की। शहीद लांस नायक वानी को अशोक चक्र वीरता पुरस्कार मरणोपरांत दिए जाने की घोषणा हुई है। देश के लिए शहीद होने वाले नायक वाणी की ज़िंदगी का किस्सा बेहद ही दिलचस्प है।
नज़ीर वानी कश्मीर के एक छोटे से गाँव अश्मुजी के रहने वाले थे। यह गाँव कश्मीर के कुलगाम शहर के करीब है। नज़ीर का बचपन अपने गाँव में गुजरा था। इसी दौरान नज़ीर पत्थरबाज़ों और आतंकियों के संपर्क में आ गए। लेकिन जल्द ही उन्हें यह अहसास हो गया कि उन्होंने गलत रास्ता चुन लिया है।
इसके बाद उन्होंने 2004 में टेरिटोरियल आर्मी की 162वीं बटालियन को ज्वॉइन कर लिया। इसके बाद मानो देश के लिए नजीर ने अपनी ज़िन्दगी ही समर्पित कर दी। उनकी बहादुरी और वीरता के लिए उन्हें 2007 व 2018 में सेना द्वारा मेडल से भी नवाजा गया था।
अब एक घटना घटती है नवम्बर 2018 में। कुलगाम के शोपियाँ में आतंकियों व सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में नज़ीर ने अपने साथियों के साथ अंतिम साँस तक आतंकियों को मुँहतोड़ जवाब दिया।
नज़ीर व उनके साथियों ने 6 आतंकियों को मुठभेड़ में मार भी गिराया। लेकिन लांस नायक नज़ीर अहमद वानी शहीद हो गए। देश के लिए शहीद हुए वानी के परिवार में पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं।
A serving #IndianArmy officer consoling father of Lance Naik Nazir Ahmad of 34 Rashtriya Rifles, who lost his life fighting terrorists in #Shopian in Kulgam district of J&K. #IndianArmy #SalutingtheBraveheart #Braveheart @PIB_India @SpokespersonMoD pic.twitter.com/k2Yklmf1Ev
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) November 28, 2018
नज़ीर वानी के शहीद होने के बाद करीब 600 लोग उनके परिवार से मिलने पहुँचे थे। शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर जब सेना के जवान नज़ीर के गाँव पहुँचे, तो गाँव वालों ने लांस नायक को अश्रुपूर्ण विदाई दी थी।
केंद्र सरकार ने शहीद नज़ीर के परिवार को अशोक चक्र से सम्मानित करने की घोषणा की है। जिस कश्मीर घाटी में नौजवान पत्थरबाज़ी करके अपनी ज़िन्दगी को बर्बाद कर रहे हैं, उसी कश्मीर घाटी के युवाओं के लिए देशभक्त अशोक चक्र विजेता शहीद नज़ीर एक उदाहरण बन सकते हैं।