वामपंथी कार्यकर्ता अमूल्या लियोना ने खुलासा किया है कि वो एक पेड प्रोटेस्टर है। बता दें कि ये वही अमूल्या है, जिसने पिछले दिनों नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ बेंगलुरु में आयोजित AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की रैली में मंच से ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए थे। फिलहाल वो देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद है। लियोना ने पुलिस को बताया कि पिछले साल दिसंबर में सीएए के खिलाफ आंदोलन शुरू होने के बाद से सीएए के विरोध में रैली आयोजित करने वाले आयोजक उसका खर्च उठा रहे हैं।
अमूल्या के गिरफ्तारी के ठीक बाद उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। फिलहाल अमूल्या से कर्नाटक पुलिस की विशेष टीम पूछताछ कर रही है। पुलिस ने दावा किया कि दिसंबर में सीएए लागू होने के बाद से विरोध-प्रदर्शन आयोजित करने को लेकर अमूल्या ने अपने और प्रदर्शन में भाग लेने वाले अन्य प्रदर्शनकारियों पर लगभग 2 लाख रुपए खर्च किए।
अमूल्य ने पुलिस को बताया कि सीएए विरोधी आयोजकों ने उसके टिकट बुक कराए और साथ ही उसके दौरे को भी प्रायोजित किया। इतना ही नहीं उसके लिए भाषण भी आयोजक ही तैयार करते थे। पुलिस ने बताया, “वह मंगलुरू में विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए गई थी। उसके टिकट आयोजकों ने बुक किए गए थे। इसी तरह विभिन्न आयोजकों ने राज्यों में उसके दौरे को प्रायोजित किया।” अमूल्या के मुताबिक वह पैसे खर्च करती थी और आयोजक राशि की भरपाई करते थे। अमूल्य का दावा है कि उसके भाषणों का एक बड़ा हिस्सा आयोजकों द्वारा तैयार किया गया था। भाषण में वो अपनी तरफ से कुछ ही लाइन्स जोड़ती थी। हालाँकि उसका कहना है कि पाकिस्तान समर्थित नारे लगाना उसका अपना आइडिया था।
In this dated video, the girl who raised ‘Pakistan zindabad’ slogans at Asaduddin Owaisi’s ‘anti-CAA’ rally, explains that she may be the face but there is a big ‘lobby’ of senior activists and advisors, who advise her on what to speak…
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 20, 2020
The rot is deeper than what is visible! pic.twitter.com/qOD8Wkg3Rw
अमूल्या लियोना की गिरफ्तारी से एक महीने पहले उसे एक यूट्यूब चैनल पर इंटरव्यू देते हुए देखागया था, जिसमें वह देशद्रोही, भारत-विरोधी एजेंडे का समर्थन करने के लिए वामपंथियों के मोडस ऑपरेंडी को समझा रही थी।
इस इंटरव्यू में उसने खुलासा किया था कि एक कंटेंट राइटर टीम होती है, जो उसके जैसे लोगों के लिए स्क्रिप्ट लिखने का काम करती है और फिर उन्हें वो स्क्रिप्ट देकर जाकर वही बोलने के लिए कहा जाता है जो कि उसमें लिखा होता है। उसने इंटरव्यू में कहा था, “मैं मीडिया के कारण इसका चेहरा बन गई हूँ, लेकिन इसके पीछे एक सलाहकार समिति, एक कंटेट टीम, वरिष्ठ कार्यकर्ता, मेरे माता-पिता और एक बहुत बड़ा छात्र समूह है जो काम कर रहा है। मैं सिर्फ इसका चेहरा हूँ लेकिन वे वही हैं जो वास्तव में कड़ी मेहनत कर रहे हैं, असली नायक वही हैं।”
बता दें कि अमूल्या की गिरफ्तारी के बाद संजीव मराडी नामक इस व्यक्ति ने मीडिया के सामने राज्य सरकार से अमूल्य नामक इस “छात्र एक्टिविस्ट” को जमानत पर न छोड़ने की अपील करते हुए कहा था कि इसे जमानत पर न छोड़ा जाए अन्यथा हम इसका एनकाउंटर करेंगे या जो भी ऐसा करेगा उसको 10 लाख रुपए इनाम देंगे।