भगोड़े शराब व्यापारी विजय माल्या ने सीबीआई द्वारा धोखाधड़ी और मनी लॉन्डरिंग के केस में अपनी सम्पत्ति को अटैच किए जाने पर आज शुक्रवार (फ़रवरी 1, 2019) को एक के बाद एक ट्वीट के माध्यम से आलोचना की।
लगातार एक के बाद एक ट्वीट करते हुए माल्या ने सवाल किया, “इस तरह सम्पत्ति को अटैच करना न्याय है, या अन्याय?”
विजय माल्या ने लिखा, “डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल (DRT) ने भारत में 13,000 करोड़ रुपए की माल्या ग्रुप की सम्पत्ति को बैंक के कंसोर्टियम के रूप में अटैच किया है। जबकि कहा गया है कि मैं पब्लिक सेक्टर बैंक का 9000 करोड़ रुपए लेकर भाग गया हूँ। न्याय कहाँ है? क्या ये सही है?” माल्या ने अपने पहले ट्वीट में पूछा।
माल्या ने अपने सेकंड ट्वीट में सवाल किया, “मेरी हर सुबह DRT के एक नए अटैचमेंट से होती है। सम्पत्ति की कुल वैल्यू पहले ही 13,000 करोड़ की सीमा को क्रॉस कर गई है। बैंक 9000 करोड़ रुपए क़र्ज़ के ब्याज के रूप में 13000 करोड़ रुपए की कुल राशि क्लेम करता है। जो कि अभी पुनर्विचार के दायरे में है। ये जब्ती का कार्यक्रम कब तक और कहाँ तक चलेगा?”
“भारत में मेरी प्रॉपर्टी की तमाम अटैचमेंट्स के बाद भी बैंकों ने अपने वकीलों को इंग्लैंड में मेरे ख़िलाफ़ झूठे केस करने के लिए रखा है। इस पर जो लीगल फ़ीस आएगी क्या वो पब्लिक के पैसे की बर्बादी नहीं है? उसका ज़िम्मा कौन लेगा?” माल्या ने ट्विटर पर अपने तीसरे ट्वीट में लिखा।
इसके बाद माल्या ने अपने अंतिम ट्वीट में लिखा, “और अंत में, इंग्लैंड में उपस्थित बैंक वकीलों ने लिखित रूप में मेरे द्वारा HMRC के उचित टैक्स ड्यूज़ के भुगतान के अनुरोध पर सवाल उठाए। विडम्बना यह है कि भारत के बैंक, मुझसे इंग्लैंड में उस भारतीय उधार को चुकता करने की बात कर रहे हैं जो पहले से ही सिक्योर किया जा चुका है, और UK को किए जाने वाले भुगतान को रोक रहे हैं। शर्मनाक!”
With respect where have I defrauded Banks ? I did not borrow a single rupee. The borrower was Kingfisher Airlines. Money was lost due to a genuine and sad business failure. Being held as guarantor is not fraud. https://t.co/CygZODV5Xv
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) December 6, 2018
इससे पहले माल्या ने अपने बचाव में लिखा था की उसने कुछ भी गलत नहीं किया, गलती कंपनी की थी जिसका बिज़नेस डूब गया, “मैं यह जानना चाहता हूँ कि मैंने कब बैंकों के साथ धोखा किया? मैंने एक रुपया उधार नहीं लिया था। उधार लेने वाली थी किंगफ़िशर एयरलाइन्स। पैसों का नुकसान एक दुखद व्यवसायिक असफलता थी। गारंटर के रूप में पकड़ा जाना फ्रॉड नहीं है। “