ममता बनर्जी सरकार द्वारा सीबीआई के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई और फिर केंद्र सरकार के विरुद्ध धरने पर बैठने के मामले पर भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस (INC) का दोहरा रवैया सामने आ रहा है। जहाँ कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी इस मामले में ममता बनर्जी के साथ खड़े नज़र आ रहे हैं, वहीं पश्चिम बंगाल कॉन्ग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के ख़िलाफ़ राग छेड़ा है। उन्होंने ममता बनर्जी के रवैये और सीबीआई पर कार्रवाई को संविधान के ख़िलाफ़ बताया। सबसे पहले, संक्षेप में पूरे घटनाक्रम को समझते हैं।
रविवार (फरवरी 3, 2019) को जब CBI के अधिकारीगण कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के बंगले पर पहुँचे, तब बंगाल पुलिस ने न सिर्फ़ केंद्रीय एजेंसी के कामकाज में बाधा पहुँचाई, बल्कि उनके साथ दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें अपराधियों की तरह उठा कर थाने ले गई। सैंकड़ों की संख्या में पुलिस फ़ोर्स ने केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के आधिकारिक परिसरों को घेर लिया। स्थिति की गंभीरता को भाँपते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सक्रिय हुईं और उन्होंने राज्य पुलिस की इस निंदनीय कार्रवाई को ढकने के लिए इसे राजनीतिक रंग से पोत दिया। फिर उन्होंने केंद्र सरकार पर ‘संवैधानिक तख़्तापलट’ का आरोप लगाया और धरने पर बैठ गईं।
इसके बाद राहुल गाँधी समेत कई विपक्षी नेता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समर्थन में उतर आए और उन्होंने ट्वीट कर केंद्र सरकार को घेरा। चंद्रबाबू नायडू, शरद यादव, उमर अब्दुल्ला, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव सहित तमाम विपक्षी नेताओं ने ममता बनर्जी का समर्थन किया। राहुल गाँधी ने अपने बयान में कहा:
“मैंने ममता बनर्जी से फोन पर बात की। पूरा विपक्ष उनके साथ है और हम फ़ासीवादी ताक़तों को हरा कर रहेंगे। पश्चिम बंगाल में जो कुछ भी हुआ है, वह देश की संस्थाओं पर प्रधानमंत्री और भाजपा की तरफ से किए जा रहे हमलों का हिस्सा है।”
कॉन्ग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी रविवार को कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी की ममता बनर्जी के प्रति नफ़रत जगज़ाहिर है। इसी बीच ख़बर आई बंगाल कॉन्ग्रेस से – ख़बर जो खुद कॉन्ग्रेस और विपक्षी दलों को चुभने वाली है, BJP के पक्ष में है। बंगाल कॉन्ग्रेस ने केंद्र सरकार से पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार को बरख़ास्त करने की माँग की है। उन्होंने केंद्र सरकार से निवेदन किया है कि संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत पश्चिम बंगाल सरकार को तत्काल बरख़ास्त किया जाए। बता दें कि अधीर रंजन चौधरी यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं।
बंगाल प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी के प्रमुख सोमेंद्र नाथ मित्रा ने भी ममता बनर्जी को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि अगर पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार निर्दोष हैं, तो फिर वह पूछताछ से क्यों बच रहे हैं? इसके अलावा बंगाल कॉन्ग्रेस ने 6 फरवरी को राज्यव्यापी प्रदर्शन का ऐलान भी कर दिया है। मित्रा ने कहा कि उनकी लड़ाई भाजपा और तृणमूल कॉन्ग्रेस- दोनों से ही है।
आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, जब कॉन्ग्रेस की प्रदेश इकाई ने किसी राज्य में आलाकमान से अलग राग अलापा हो। सबरीमाला मंदिर विवाद को लेकर भी केरल कॉन्ग्रेस और राहुल गाँधी की अलग-अलग राय थी। राहुल ने जहाँ सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया था, वहीं प्रदेश कॉन्ग्रेस श्रद्धालुओं के साथ खड़ी थी। बाद में राहुल गाँधी ने यू-टर्न लेते हुए अपना बयान बदल दिया था।