प्रोपेगेंडा पोर्टल ‘द वायर’ ने इस बार खुल कर पाकिस्तानी अजेंडे को आगे बढ़ाया है। अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्त कर जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने और राज्य का 2 केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में पुनर्गठन करने वाले सरकार के निर्णय के बाद कई राजनीतिक दलों, नेताओं व मीडिया पोर्टल्स का असली चेहरा पूरी तरह से बेनक़ाब हुआ है। जहाँ अधीर रंजन चौधरी ने संसद में कश्मीर को भारत का आंतरिक मुद्दा मानने से इनकार कर दिया, वहीं संसद के बाहर वे अपने ही बयान से पलट गए।
‘द वायर’ के सिद्धार्थ वरदराजन ने अपने पोर्टल के यूट्यूब चैनल पर पोस्ट की गई एक वीडियो में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने की चर्चा की। इस वीडियो में जम्मू कश्मीर का नक्शा दिखा कर वहाँ की भौगोलिक स्थिति पर प्रकाश डाला गया और सभी क्षेत्रों की स्थिति का विवरण दिया गया। लेकिन, नक़्शे में साफ़ देखा जा सकता है कि श्रीनगर सहित जम्मू कश्मीर के कई अन्य क्षेत्रों को ‘Indian Occupied Part’ यानी ‘भारत के कब्जे वाला भाग’ कहा गया है।
Original video here.https://t.co/Edtnvs6uZn
— Abhishek (@AbhishBanerj) August 8, 2019
पाकिस्तान भी यही मानता है। पाकिस्तान का रुख है कि जम्मू कश्मीर के इस हिस्से पर ‘भारत का कब्जा’ है। ‘द वायर’ के वीडियो में पाक के कब्जे वाले हिस्से को ‘आजाद कश्मीर’ लिखा गया है। नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट में आप देख सकते हैं कि कैसे श्रीनगर सहित अन्य हिस्सों को ‘भारत के कब्जे वाला भाग’ बताया गया है। इस वीडियो में 5:31 से 5:35 तक बताया गया कि जम्मू कश्मीर का श्रीनगर सहित अन्य हिस्सा ‘भारत के कब्जे’ में है। ताज़ा सूचना मिलने तक ‘द वायर’ ने इस वीडियो को ट्रिम कर के इस नक़्शे वाले हिस्से को हटा दिया है। आपको बता दें कि यूट्यूब पर अपलोड करने के बाद भी वीडियो को एडिट किया जा सकता है।
आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही साफ़ कर दिया है कि जब जम्मू कश्मीर की बात की जाती है तो जम्मू और लद्दाख के अलावा कश्मीर के उन हिस्सों की भी बात की जाती है जो पाकिस्तान और चीन के कब्जे में हैं। जब भारत सरकार का रुख साफ़ है कि पूरा का पूरा जम्मू कश्मीर देश का अभिन्न अंग है और यह हमारा आंतरिक मुद्दा है, ऐसे में इन प्रोपेगेंडा पोर्टल्स द्वारा पाकिस्तानी अजेंडे को आगे बढ़ाना कहाँ तक उचित है?