अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा बेरहमी से मारे गए रॉयटर्स के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी (Danish Siddiqui) के परिवार ने मंगलवार (1 फरवरी 2022) को एक बयान जारी किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ‘हम देखेंगे’ नाम की एक फोटो किताब के लेखकों ने मीडिया साक्षात्कार में अपने कथित दावों और प्रोजेक्ट में मेरे बेटे दानिश सिद्दीकी का नाम जोड़ा है, इसके लिए उन्होंने हमसे अनुमति भी नहीं माँगी। दरअसल, ‘हम देखेंगे’ फोटो बुक में एंटी सीएए प्रदर्शन और हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों की तस्वीरों का प्रयोग किया गया है। पत्रकार के परिवार ने कहा कि ‘हम देखेंगे’ फोटो किताब के लिए दानिश ने अपने सुझाव दिए यह कहना उनके प्रोफेशनल एथिक्स और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है।
Public statement by Siddiqui family pic.twitter.com/PyTBAc8NmG
— Danish Siddiqui (@dansiddiqui) February 1, 2022
पिछले साल मोहम्मद मेहरबान और आसिफ मुज्तबा की ‘हम देखेंगे’ शीर्षक वाली फोटो बुक में 12 दिसंबर, 2019 से 22 मार्च, 2020 तक की घटनाओं की तस्वीरें शामिल हैं। मेहरबान ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से स्नातक किया था और मुज्तबा शाहीन बाग धरना प्रदर्शन से जुड़े थे। उन्होंने इस पुस्तक को अपने गुरु दानिश सिद्दीकी को समर्पित करते हुए कहा था कि यह मृत फोटो पत्रकार की सोच थी। किताब में कुल 223 फोटो हैं, जो 28 फोटोग्राफरों द्वारा खींची गई हैं।
दानिश के पिता अख्तर सिद्दीकी ने कहा, “किताब के लेखकों ने इसे रॉयटर्स फोटो जर्नलिस्ट दिवंगत दानिश सिद्दीकी को समर्पित किया है, जिनकी 2021 में अफगानिस्तान में एक असाइनमेंट के दौरान मृत्यु हो गई थी। इसके अलावा, मीडिया साक्षात्कार के दौरान, लेखकों ने यह भी दावा किया है कि यह किताब दानिश की सोच थी।” दानिश के परिवार ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपने प्रोजेक्ट के साथ दानिश का नाम जोड़ा, जो बिल्कुल गलत है।
दानिश के पिता ने आगे कहा, “हम यह भी बताना चाहते हैं कि मेरे बेटे दानिश ने एक पत्रकार के रूप में अपने जीवन और करियर के दौरान प्रेस की स्वतंत्रता और अखंडता को बनाए रखा। उसने कभी भी अपनी सीमा से बाहर जाने की कोशिश नहीं की। उसने शाहीन बाग प्रोटेस्ट को पूरी निष्पक्षता और तटस्थता के साथ कवर किया था। उसे इस तरह से झूठा दिखाकर उसकी पेशेवर नैतिकता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। हम पहले से ही दुखी हैं, लेकिन लेखकों ने ऐसा करके हमें और आहत किया है।”
बता दें कि दानिश सिद्दीकी रॉयटर्स समाचार एजेंसी से जुड़े फोटो जर्नलिस्ट थे और अपने असाइनमेंट के कारण अफगानिस्तान के युद्ध वाले क्षेत्र में गए थे। 16 जुलाई 2021 को खबर आई कि तालिबानियों ने उन्हें मार डाला। हालाँकि, उस बीच रवीश कुमार जैसे मीडिया गिरोह के लोग तालिबान को दोषी न बताकर उन गोलियों को जिम्मेदार ठहराते रहे जो दानिश के सीने में लगी थी। वहीं गिरोह के अन्य सदस्य उनके द्वारा खींची गई तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर करने लगे और तालिबानियों को दोषी बताने से गुरेज करते रहे।