इंडिया टुडे के वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई एक बार फिर झूठ परोसते पकड़े गए हैं। इस बार उनकी पोल उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने खोली है। 20 मई को उन्होंने अपने शो में असली भारत की कहानी दिखाने के नाम पर बताया था कि उत्तराखंड में सरकार मृतकों का दाह-संस्कार भी ढंग से नहीं करवा रही। मृतकों को खुले में जलाना पड़ रहा है।
इस स्टोरी पर राज्य स्वास्थ्य विभाग का जवाब आने के बाद से सरदेसाई की एक बार फिर थू- थू हो रही है। उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भैंसवाड़ा फार्म, प्रशासन द्वारा दाह संस्कार के लिए नामित स्थल है। यहाँ COVID-19 प्रोटोकॉल के अनुसार शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। यह कहानी सत्यापित नहीं की गई और इसकी प्रकृति सनसनीखेज है, ऐसा करना वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई के लिए अशोभनीय है।
Bhainswara Farm is the site designated by administration for cremation where the dead bodies are being cremated as per COVID-19 protocols. This story has not been verified & is sensational in nature, which is unbecoming of a senior journalist like Mr @sardesairajdeep. https://t.co/OykTG9jWuO pic.twitter.com/54nsLfjDOQ
— Ministry Of Health(Uttarakhand) (@MinOfHealthUK) May 21, 2021
अगले ट्वीट में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि एसडीएम अल्मोड़ा, एएमए-जेडपी और ईओ-एनपी अल्मोड़ा साइट के प्रभारी हैं। वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। पहाड़ियों में कोई नामित श्मशान नहीं है, लेकिन घाटों पर दाह-संस्कार के लिए इंतजाम किए गए हैं। पीपीई किट वाला व्यक्ति एक सरकारी कर्मचारी है जो अपने निर्दिष्ट कामों को कर रहा है।
Get Real India report comes from Almora where villagers are being forced to cremate the dead in open fields because crematoriums are refusing to accept COVID victims because of fear of virus. At least ensure dignity in death @TIRATHSRAWAT ji https://t.co/Jmk8GArvqj @IndiaToday
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) May 21, 2021
भैंसवाड़ा फार्म में कोविड संक्रमित शवों के लिए बनाए गए घाट का उल्लेख हमें मीडिया रिपोर्ट में भी देखने को मिलता है। अमर उजाला की रिपोर्ट में 16 मई 2021 को लिखा गया था, “कोविड की दूसरी लहर के दौर में कोरोना से मरने वालों की तादाद बढ़ रही है। प्रशासन को संक्रमितों के शवों को जलाने के लिए नई जगहों की तलाश करनी पड़ रही है। ऐसे में लमगड़ा क्षेत्र के भैंसवाड़ा फार्म को संक्रमित शवों के दाह संस्कार के लिए घाट बनाया गया है।”
एक ओर जहाँ उत्तराखंड सरकार के पास इस बात के प्रमाण हैं कि घाट को कोविड-संक्रमित शवों के लिए आरक्षित किया गया है।
वहीं सरदेसाई अपनी सहकर्मी ऐश्वर्या पालीवाल की ग्राउंड रिपोर्ट दिखाने से पहले कहते हैं कि कोरोना वायरस पहाड़ों में पहुँच गया और कोविड पीड़ितों के परिवार वाले खुले में शव जलाने के लिए मजबूर हैं।
@Twitter want to see you mentioning this Manipulated Media. If you are unbiased at all. We all know you are not and only Commercials matters to you.
— 🇮🇳అరవింద్ Aravind🚩 (@Arvi_N) May 21, 2021
अब सरदेसाई के इस शो की हकीकत खुलने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स उनके लिए कह रहे हैं कि इस आदमी को छुट्टी पर भेज देना चाहिए। इसे निलंबन के बाद भी अक्ल नहीं आई है। कुछ लोग ट्विटर से अपील कर रहे हैं कि वह सरदेसाई पर कार्रवाई करके दिखाएँ कि वो पक्षपात नहीं करते। वहीं कुछ ऐसे भी है जो उत्तराखंड सरकार से ये सवाल कर रहे हैं कि आखिर वो ऐसी झूठी खबर दिखाने के आरोप में इन पर एफआईआर क्यों नहीं करती।
Y don’t u file an FIR against him and arrest him
— amarom (@amarom46388487) May 21, 2021