इंडिया टुडे समूह का एक लहंगरा पोर्टल है। नाम है- द लल्लनटॉप (The Lallantop)। इस पोर्टल की पहचान ‘हिटलर का लिंग’ नापने वाली वेबसाइट के तौर पर भी है। लल्लनटॉप ने हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल पर एक नया कार्यक्रम शुरू किया है। नाम है- गेस्ट इन द न्यूजरूम (Guest in the Newsroom)।
इस कार्यक्रम में आने वाले मेहमान से सवाल-जवाब किए जाते हैं। कुछ उनकी जीवन यात्रा को लेकर। कुछ उनके काम को लेकर। कुछ उनके अनुभवों को लेकर। वगैरह वगैरह। इस कार्यक्रम के हालिया एपिसोड में इरा त्रिवेदी (Ira Trivedi) मेहमान बनकर आईं थी। इरा त्रिवेदी वही कुख्यात योग इंस्ट्रक्टर हैं, जो बीफ सेवन के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के मकसद से उसे प्रोटीन का सस्ता स्रोत बता चुकी हैं।
अमूमन ‘गेस्ट इन द न्यूजरूम’ को सौरव द्विवेदी (Saurabh Dwivedi) होस्ट करते हैं। वे संपादक हैं। ब्रा, पैंटी, योनि, सेक्स, लिंग, वीर्य से करियर बनाने वाले संपादक के तौर पर पहचान रखते हैं। एक बार अपने ही पिता की पार्टी को कंडोम बाँटते भी धराए थे। लेकिन इरा त्रिवेदी वाला एपिसोड हर्षिता ने होस्ट किया है। बकायदा बताया है कि कैसे सौरव ने उनको इसका मौका प्रदान किया है।
इरा त्रिवेदी वाले एपिसोड का वीडियो 29 अक्टूबर 2022 को अपलोड किया गया है। आप नीचे इसे देख सकते हैं। इस दौरान इरा ‘द लल्लनटॉप’ के न्यूजरूम में योगा टिप्स बाँटती और वहाँ मौजूद लोगों को योग करवाती भी दिख रही हैं।
कार्यक्रम के दौरान वह कहती हैं कि जब अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हुई तो युवाओं को जोड़ने की पहल की गई। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसमें रूचि दिखाई। फिर दूरदर्शन से अपने जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहती हैं, “दूरदर्शन पर योग कार्यक्रम शुरू हुआ। सबसे पहले यह धीरेन्द्र ब्रह्मचारी के साथ शुरू हुआ। उसके बाद आए बाबा रामदेव। फिर मैं आई। अब कितना कल्चर चेंज हुआ होगा दूरदर्शन में। वो मुझसे कहते थे कि आप स्लीवलेस मत पहनिए। थोड़ा सा आप… अब बाबा रामदेव तो कुछ भी नहीं पहनते हैं, और आप मुझको स्लीवलेस का बोल रहे हो।” इतना कहकर वह जोड़ से खिलखिला पड़ती हैं।
इस दौरान इरा ने यह नहीं बताया कि दूरदर्शन से उनकी छुट्टी क्यों हुई थी। न लल्लनटॉप ने इसकी वजह जानने की दिलचस्पी दिखाई, क्योंकि इससे उसके गेस्ट की हिंदू घृणा सामने आने का डर जो था।
उल्लेखनीय है कि इरा त्रिवेदी वामपंथी और लिबरल गिरोह को खुश करने का कोई मौका नहीं छोड़तीं। एक झूठे आँकड़े को आधार बनाकर उन्होंने बताया था कि गाय का माँस प्रोटीन का सबसे बेहतर स्रोत होता है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर नाराजगी के बाद ही उनकी दूरदर्शन से छुट्टी हुई थी। इस प्रकरण के बाद वो ट्विटर पर माफ़ी माँगती भी नजर आईं थी। वह हिन्दू धर्म को पिछड़ा और दकियानूसी सोच वाला, जबकि कुरान को प्रोग्रेसिव भी बता चुकी हैं।
वैसे फेक न्यूज और हिंदूफोबिया लल्लनटॉप के लिए नई बात नहीं है। हाल ही में मोरबी पुल हादसे के बाद संस्थान इसे छठ से जोड़कर झूठ फैलाते पकड़ा गया था। शायद यही कारण है कि नेटिजन्स इस संस्थान को दल्लनटॉप भी कहते हैं।