सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने अयोध्या बाबरी विध्वंस मामले में फैसला सुनाते हुए सभी 32 आरोपितों को बरी कर दिया और साथ ही कहा कि ये घटना पूर्व-नियोजित नहीं थी, अचानक घट गई – इसके बाद लिबरल गैंग का ‘मेल्टडाउन’ का दौर चालू हो गया है। लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और महंत नृत्यगोपालदास सहित सभी आरोपित बरी कर दिए गए। कोर्ट ने कहा कि संगठन ने रोकने की कोशिश की लेकिन ये घटना अचानक घट गई।
इधर इस मामले में फैसला आने के साथ ही सोशल मीडिया पर लिबरल गिरोह का रोना चालू हो गया है। राम मंदिर भूमिपूजन से बौखलाए लिबरल इस ताक में थे कि अयोध्या बाबरी ध्वंस मामले में भाजपा नेताओं को जेल होगी लेकिन अफ़सोस कि कोर्ट सोशल मीडिया से नहीं, गवाहों-सबूतों और संविधान के हिसाब से चलता है। यहाँ हम आपके समक्ष लिबरल गैंग के क्रंदन भरे शब्द पेश कर रहे हैं, आनंद लीजिए।
पेश है बॉलीवुड की ‘क्वीन’ और सबसे ‘बड़ी स्टार’ स्वरा भास्कर का ट्वीट:
बाबरी मस्जिद ख़ुद ही गिर गया था। 🙏🏽🙏🏽🙏🏽
— Swara Bhasker (@ReallySwara) September 30, 2020
पत्रकार अभिलाष मोहनन ने तंज कसते हुए लिखा, “बाबरी मस्जिद को किसी ने भी नहीं ध्वस्त किया। लॉन्ग लिव इंडियन जुडिशरी।” खुद को समुदाय विशेष का अख़बार बताने वाले ‘मिल्ली गैजेट’ ने लिखा, “इंसाफ हो गया ना भाई?” PFI महसचिव अनीश अहमद ने लिखा, ‘सभी आरोपितों को बरी कर कोर्ट ने साबित कर दिया है कि किसी ने भी बाबरी को ध्वस्त नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट ने न्याय को ध्वस्त किया तो सीबीआई कोर्ट ने इसे दफ़न कर डाला।‘
No one demolished the mosque. Long live Indian Judiciary #BabriMasjid
— Abhilash Mohanan (@abhilashmohanan) September 30, 2020
Insaaf hogaya na bhai? #NoOneDemolishedBabriMasjid#Cowards
— Milli Gazette (@milligazette) September 30, 2020
By acquitting all accused the CBI Court means that “NO ONE DEMOLISHED BABRI MASJID”
— Anis Ahmed (@AnisPFI) September 30, 2020
If the Supreme Court Babri Verdict Demolished Justice then today’s CBI Court verdict has buried Justice.
RIP Justice#BabriMasjid #BabriDemolitionCase
बता दें कि आज ये फैसला सुनाने के साथ ही जज सुरेंद्र यादव रिटायर हो रहे हैं। कोर्ट की कार्यवाही निर्बाध चलती रहे और मामला न लटके, इसीलिए उन्हें रिटायर होने के बावजूद एक्सटेंशन दिया गया था। प्रोपेगंडा पत्रकार आरफा खानुम शेरवानी ने पूछा कि दंगों में 1800 लोगों को किसे मारा? उन्होंने पूछा कि भारत की आत्मा के साथ अपराध करने के लिए कौन जिम्मेदार है? उन्होंने भी कोर्ट पे सवाल उठाए।
So all accused acquitted.
— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) September 30, 2020
Then who demolished the Babri Masjid ?
Who killed the 1800 people in the riots that followed ?
Who is responsible for the crimes committed on the soul of India ?
पत्रकार हरिंदर ने दावा किया कि पहले तो सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के बाबरी विध्वंस को ‘आपराधिक कृत्य’ कहा था लेकिन अब 28 वर्षों बाद ‘अचानक हुई घटना’ बताया जा रहा है। उन्होंने ये नहीं बताया था कि सुप्रीम कोर्ट ने ये नहीं कहा था कि ‘इन्हीं आरोपितों ने बाबरी को ध्वस्त किया’। वहीं प्रोपगंडा पत्रकार राना अयूब ने लिखा, “Yee..न्याय..भारत के स्टाइल में“। साथ ही उन्होंने लिखा कि हम साँस भी नहीं ले सकते।
Yayyy. Justice, India style https://t.co/7Z5X7Gx5mF
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) September 30, 2020
Please note: the Supreme Court had termed the demolition of the #BabriMasjid a ‘criminal’ act. Today, the special court has termed it a ‘spontaneous’ act. One wonders why it took 28 long years
— Harinder Baweja (@shammybaweja) September 30, 2020
इसी तरह ‘एडिटरजी’ के संस्थापक विक्रम चंद्रा ने दावा किया कि सभी आरोपितों को रिहा कर दिया गया, जबकि कइयों के ऊपर लगे आरोप दूसरों से ज्यादा गंभीर थे। उन्होंने दावा किया कि कुछ ने तो अपने किरदार के बारे में सार्वजनिक रूप से बताया भी था।वहीं ‘द हिन्दू’ की पत्रकार सुहासिनी हैदर ने लिखा, “किसी ने कुछ भी नहीं किया, ये बस हो जाता है।” वकील प्रशांत भूषण ने लिखा, “वहाँ कोई मस्जिद ही नहीं था, ये नए भारत का न्याय है।”
It’s interesting that all 32 accused have been acquitted. The case against some of them was stronger than against others; a couple had, in fact, publicly spoken about their role. #BabriMasjidDemolitionCase https://t.co/hCEpTSzfpU
— Vikram Chandra (@vikramchandra) September 30, 2020
No one does anything. It just happens.
— Suhasini Haidar (@suhasinih) September 30, 2020
There was no mosque there. Justice in new India! https://t.co/JdqfgWqzLm
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) September 30, 2020
लिबरल क्रन्दन के क्रम में मराठी पत्रकार निखिल वागले ने दावा किया कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विध्वंस भारतीय संविधान पर सबसे गंभीर हमला था। उन्होंने दावा किया कि अगर हम दोषियों को सज़ा नहीं दे सकते तो हमें खुद को सेक्युलर राष्ट्र बताना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने लिखा, “हिन्दू राष्ट्र में आपका स्वागत है!” उन्होंने कहा कि ये किसी भी अपराध के लिए ‘ओपन लाइसेंस’ की तरह है।
Babri Masjid demolition was one of the gravest attacks on Indian constitution. If we cannot punish the culprits, let us not boast of being a secular nation. Welcome to Hindu Rashtra! #BabriMasjidDemolitionCase
— nikhil wagle (@waglenikhil) September 30, 2020
वहीं खुद को एक्टिविस्ट बताने वाले तीस्ता सेतलवाड़ ने लिखा, ‘RIP भारतीय संविधान!‘ साथ ही उन्होंने लिखा कि ये सब पोस्ट-ट्रुथ है कि ये नेता लोग भीड़ को भड़का नहीं रहे थे बल्कि उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे थे।
Breaking : A 2,000 page judgement acquits all Guilty in the Babri Masjid Demolition Case! RIP Indian Constitution #BabriMasjid #BabriMasjidDemolition #BabriVerdict #BabriVerdict
— Teesta Setalvad (@TeestaSetalvad) September 30, 2020
इधर देश के क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के घर पर पहुँचे और उन्हें बधाई दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी ट्वीट कर इस फैसले पर ख़ुशी जताई।