रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के असिस्टेंट वाइस प्रेसीडेंट घनश्याम सिंह की बेल याचिका की सुनवाई को 24 नवंबर 2020 तक के लिए स्थगित किए जाने के बाद उनके ठिकाने की जानकारी भी किसी से साझा नहीं की जा रही है।
रिपब्लिक मीडिया चैनल ने अपने बयान में घनश्याम सिंह के लिए चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें यह तक नहीं पता कि आखिर उनके असिस्टेंट वाइस प्रेसीडेंट घनश्याम सिंह को कहाँ रखा गया है।
समाचार चैनल के अनुसार, “रिपब्लिक मीडिया के असिस्टेंट वाइस प्रेसीडेंट घनश्याम सिंह न्यायिक हिरासत में है। उनकी लोकेशन का खुलासा न रिपब्लिक टीवी से किया गया है और न ही उनके परिवार से। हमें उनकी, उनके स्वास्थ्य की, उनकी सुरक्षा की बहुत ज्यादा चिंता है।”
बयान में चैनल ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस को घनश्याम सिंह के ठिकाने के बारे में फौरन खुलासा करना चाहिए क्योंकि उनके परिवार को और रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को यह जानने का अधिकार है।
Republic’s Assistant Vice-president of Distribution Ghanshyam Singh has been in judicial custody. His location is not being divulged to either Republic or his family. We are deeply concerned about his physical whereabouts, his condition, and his safety. pic.twitter.com/cczLBMT1aC
— Republic (@republic) November 19, 2020
चैनल ने अपने दर्शकों को याद दिलाया है कि किस तरह घनश्याम को हिरासत में लिए जाने के बाद उन्हें कई बार काला मास्क पहना कर ले जाते देखा गया। रिपब्लिक टीवी का कहना है कि वह इस तरह मानवाधिकारों के दमन और बुनियादी कानून अधिकारों को नकारे जाने के मामले को कोर्ट में न्याय मिलने तक उठाते रहेंगे।
यहाँ स्पष्ट कर दें कि आज घनश्याम सिंह की बेल याचिका पर सुनवाई से पहले उन्हें तलोजा जेल में रखा गया था, लेकिन जब उनकी याचिका पर सुनवाई को 24 नवंबर तक के लिए स्थगित किया गया, उसके बाद रिपब्लिक टीवी ने यह बयान जारी किया। सूत्रों के अनुसार, सिंह की बेल याचिका पर जवाब देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 5 और दिनों का समय माँगा है।
घनश्याम सिंह की गिरफ्तारी फेक टीआरपी स्कैम केस में हुई है जिसमें मीडिया चैनल के नाम का उल्लेख तक नहीं है। इसी संबंध में कल मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग की ओर से समन जारी किया गया था। इस समन में उन्हें घनश्याम सिंह की गिरफ्तारी के मामले में 27 नवंबर से पहले आयोग के समक्ष पेश होने का आदेश दिया गया है। आयोग ने यह कार्रवाई वकील आदित्य आर मिश्रा की शिकायत पर की है।