दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह और रिया चक्रवर्ती के प्रकरण के बाद अब दीपिका पादुकोण, जिसे कि इंडिया टुडे के जर्नलिस्ट राहुल कँवल बॉलीवुड की महारानी बताते हैं, ड्रग्स के मामले में घिरती नजर आ रही हैं। ‘अपने पक्ष’ को फंसता देख इंडिया टुडे के न्यूज़ एंकर्स ने ‘नैतिकता’ को याद किया है। लेकिन इंडिया टुडे के न्यूज़ रिपोर्टर राहुल कँवल अपने ही ट्वीट और अपने ही बयान याद नहीं रख पाते।
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जाँच का सिलसिला आगे बढ़ा और बॉलीवुड में व्याप्त ड्रग्स के कारोबार का भी खेल लोगों के सामने आया। इस बीच समाचार चैनल्स का दोहरापन खुलकर सामने आया है।
राहुल कँवल ने NCB (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) की जाँच में बॉलीवुड अभिनेत्रियों की ड्रग्स की माँग को लेकर सामने आई व्हाट्सएप चैट के सम्बन्ध में ट्विटर पर सवाल उठाए हैं। सितम्बर 24, 2020 के दिन राहुल कँवल ने एक ट्वीट कर हैरानी जाहिर करते हुए लिखा है कि दीपिका पादुकोण की व्हाट्सएप चैट लीक होना लोगों की गोपनीयता और निजता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
राहुल कँवल ने अपने इसी ट्वीट में सवाल किया है कि आखिर NCB दीपिका और करिश्मा की व्हाट्सएप पर हुई निजी बातचीत तक कैसे पहुँची? क्या NCB, उनकी डिलीट की हुई चैट को वापस निकाल पाने के लिए किसी पर दबाव बना सकती है?
राहुल कँवल की जिज्ञासा और सवाल अपनी जगह पर सही होते अगर उन्होंने इस ट्वीट से कुछ ही दिनों पहले एक और ट्वीट में इसी काम के लिए अपनी पीठ न थपथपाई होती। दरअसल, अगस्त 31, 2020 को राहुल कँवल ने ही एक ट्वीट में इस बात को लेकर वाहवाही लूटने के लिए दावा किया था कि इंडिया टुडे समूह ने सुशांत सिंह और उनकी बहन के बीच हुई व्हाट्सएप चैट हासिल की है।
ऐसे में, जब अगस्त 31, 2020 को इंडिया टुडे खुद यह दावा कर रहा था कि उन्होंने सुशांत सिंह की एक चैट खोज कर निकाली है, तब राहुल कँवल की निजता को लेकर यह नैतिकता कहाँ छुपी रह गई थी? सोशल मीडिया पर भी राहुल कँवल के कारनामे को ‘चमत्कार’ और ‘हाहाकार’ बता रहे हैं-
Chamatkaar Hahakaar pic.twitter.com/Yx8Ofg2pjF
— Yo Yo Funny Singh (@moronhumor) September 24, 2020
इंडिया टुडे के दुःख का कारण अन्य चैनल्स की TRP तो नहीं?
बॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने सबसे ज्यादा अगर किसी को बेनकाब किया है, तो वह भारत के कुछ स्वघोषित समाचार चैनल हैं। इन चैनल्स में भी इंडिया टुडे जैसे गिरोह का स्थान सबसे पहले ही रखा जाना चाहिए। इसके पीछे कई वजह हैं।
इंडिया टुडे चैनल ने इस प्रकरण के शुरुआत से ही अपने हिस्से का ‘सच’ पकड़ा और उसे सही साबित करने का हर संभव प्रयास कर रहा है। इस कारनामे में उन्होंने सुशांत सिंह की मौत के मामले में मुख्य आरोपित उनकी प्रेमिका रिया चक्रवर्ती की प्यार एजेंसी की तरह काम किया और कभी साक्षात्कार, तो कभी ट्विटर के जरिए उसे निर्दोष और सुशांत सिंह को एक दर्ज एडिक्ट बताने का कारनामा किया।
यही इंडिया टुडे, जिसके ‘गिद्ध’ जर्नलिज्म पर दूसरों को ज्ञान देते नजर आ रहे थे, अब खुद भी दीपिका पादुकोण की कार का पीछा करते हुए देखा जा सकता है। कल तक यही लोग रिपब्लिक भारत की रिपोर्ट्स की शैली पर सवाल उठा रहे थे।
Chasing the lowest form of journalism …. By the way consulting editor of this channel @IndiaToday happens to be the great conscience bearer @sardesairajdeep the leader of the #UrbanNaxals & #Kittypartyjournalists . pic.twitter.com/5KmuvS0JAx
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) September 24, 2020
राहुल कँवल और राजदीप सरदेसाई ने इस पूरे प्रकरण में खुद को खुलकर बेनकाब किया है। स्वयं को गिद्ध बता चुके राजदीप सरदेसाई तो बृहस्पतिवार (सितम्बर 24, 2020) को ही रिपब्लिक भारत के पत्रकार के साथ ABP न्यूज़ के पत्रकार द्वारा की गई हाथापाई तक को जायज बता चुके हैं। ऐसे में, यह लोग जब TRP की दौड़ में कहीं पीछे छूटने के बाद नैतिकता का प्रश्न उठाते देखे जाते हैं तो समझा जा सकता है कि इनका वास्तविक मर्म क्या हो सकता है।