जब से अर्नब गोस्वामी की ‘R भारत’ ने TRP के मामले में सारे हिंदी चैनलों को पछाड़ा है और सालों से नंबर-1 पर बैठे ‘आजतक’ को पीछे छोड़ दिया, तब से कई पत्रकार मीडिया की नैतिकता का हवाला देते हुए ज्ञान दे रहे हैं। अंग्रेजी में भी ‘रिपब्लिक भारत’ ने ‘इंडिया टुडे’ सहित सभी चैनलों को तभी से पीछे छोड़ रखा है। इसी बहस के बीच भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने राजदीप सरदेसाई की क्लास ले ली।
सुशांत सिंह राजपूत की मौत की मीडिया कवरेज को लेकर हो रही बहस में ‘इंडिया टुडे’ पर संबित पात्रा ने कहा कि ये क्या ‘राजा-राजा-राजा’ लगा रखा है। संबित पात्रा ने कहा कि एक कॉन्ग्रेस नेता ने कहा है कि ‘राजा’ के इशारे पर ये सब हो रहा है। इसके बाद उन्होंने राजदीप सरदेसाई से पूछा कि आपको ‘राजा’ ने कब फोन कॉल कर के कहा कि आप रिया चक्रवर्ती के इंटरव्यू लो? क्या किसी भाजपा नेता या पीएम मोदी ने आपको रिया का इंटरव्यू लेने को कहा?
इसके बाद संबित पात्रा ने खुद जवाब देते हुए ये भी बताया कि आखिर राजदीप सरदेसाई ने रिया चक्रवर्ती का इंटरव्यू क्यों लिया। उन्होंने कहा कि ये सब इसीलिए किया गया, क्योंकि इसके पीछे एक खास एजेंडा था। उन्होंने कहा कि वो किसी का नाम नहीं लेंगे, लेकिन 13 दिसंबर 2001 को एक रिपोर्टर ने क्या किया था, वो ये बताना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार ने बताया था कि संसद में वो लोग माँस और शराब की पार्टी करने जा रहे थे।
बकौल संबित पात्रा, उस पत्रकार ने बताया था कि जैसे ही आतंकवादियों ने संसद भवन में घुसपैठ किया और चारों ओर कोलाहल फ़ैल गया, उसने गार्ड्स को कहा कि वो दरवाजों को बंद कर दे, ताकि कोई और पत्रकार अंदर घुस कर इस आतंकी हमले की कवरेज नहीं कर पाए। उस पत्रकार ने इसके बाद कहा कि वो अपने टीवी चैनल की टीआरपी बढ़ाना चाहता है, इसीलिए वो ऐसा कर रहा है। पात्रा ने कहा कि वो उस पत्रकार का नाम नहीं लेंगे।
Those who complain about TV channels trying to buy TRPs out of Rhea-Sushant case should be shown the mirror as well,for once they closed all the gates of Parliament to trade TRPs during terror attack ..they even confessed being #Vultures
— Sambit Patra (@sambitswaraj) September 11, 2020
I won’t name the ace reporter though!! pic.twitter.com/GJlTFKqclA
संबित पात्रा ने कहा कि उस पत्रकार ने आगे बताया था कि आखिर में तो वो लोग गिद्ध की तरह ही हैं, जो हमेशा ज्यादा से ज्यादा खून और माँस के लिए लालायित रहते हैं, क्योंकि इससे उन्हें ‘व्यक्तिगत संतुष्टि’ मिलती है। साथ ही संबित पात्रा ने कहा कि उक्त पत्रकार ने संसद भवन पर हुए हमले को अपनी ज़िंदगी का ‘ग्रेट डे’ करार दिया था। इस दौरान राजदीप सरदेसाई बगलें झाँकते नज़र आए और कहने लगे कि इसका इस केस से कोई रिश्ता नहीं है।
इससे पहले सुशांत मामले पर राय देते हुए राजदीप सरदेसाई ने कहा था कि पुलिस को अब जाँच नहीं करनी चाहिए और सुशांत सिंह राजपूत के परिवार को ‘चैन से शोक मनाने’ देना चाहिए और साथ ही उनकी आत्मा की शांति को भंग नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि ट्विटर और इंस्टाग्राम में हो-हल्ला के कारण ये सब हो रहा है। तब एक IPS अधिकारी ने राजदीप को समझाया था कि क़ानून के अनुसार आत्महत्या से हुई हर मौत के बाद जाँच होनी ही होनी है।