‘किसान प्रदर्शनकारियों’ ने पिछले एक वर्ष से दिल्ली को बंधक बनाए हुआ है। सड़क पर जगह-जगह पीर बाबाओं की मजारें उग आती हैं। नमाज पढ़ने वाली मुस्लिम भीड़ देश-विदेश में सड़क अपर ट्रैफिक जाम करवाती है। दंगों के दौरान यही मुस्लिम भीड़ पेट्रोल बम और पत्थर लेकर टूट पड़ती है। लेकिन, NDTV पत्रकार मोहम्मद ग़ज़ाली और विजेता सिंह को समस्या इस बात से है कि हिन्दू शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात क्यों रख रहे हैं?
दरअसल, मामला कुछ यूँ है कि गुरुग्राम के सेक्टर-47 में कुछ हिन्दू प्रबुद्धजनों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिनमें महिलाएँ भी शामिल थीं। जिस तरह से वहाँ खुले में नमाज के कारण आमजनों को दिक्कतें आ रही हैं, ये शांतिपूर्ण प्रदर्शन उसी के खिलाफ था। उन्होंने आशंका जताई कि बाहरी लोग यहाँ आकर ऐसा कर के अशांति फैलाना चाहते हैं, इसीलिए पुलिस को उनके आईडी कार्ड्स चेक करने चाहिए।
In sector 47, Gurgaon, residents gather to protest against namaz being offered in the open. They urge police to check the ID cards of the people offering namaz, alleging that they are outsiders causing security issues. @newslaundry pic.twitter.com/gDSUBvihFT
— Tanishka Sodhi (@tanishka_s2) October 15, 2021
इस दौरान ‘खुले में नमाज बंद करो’ और ‘नमाज मस्जिद में अदा करो’ जैसे पोस्टर्स भी उन्होंने दिखाए। बस इतनी सी बात पर पत्रकार विजेता सिंह भड़क गईं और उन्होंने असली समस्या की बात करने की बजाए हिन्दुओं पर हमले शुरू कर दिए। उन्होंने लिखा, “व्हाट्सएप्प वाले अंकल और आंटीज। साक्षात।” यानी, उन्होंने समस्या की बात करने की बजाए समस्या के समाधान की माँग कर रहे पीड़ित हिन्दुओं को भी भला-बुरा कहा।
बस, फिर क्या था। NDTV के पत्रकार मोहम्मद ग़ज़ाली ने इस मौके का इस्तेमाल योग का मजाक उड़ाने के लिए भी कर लिया। उन्होंने लिखा, “ये वाला समूह सुबह में अनुलोम-विलोम के साथ-साथ ज़हर भी खूब उगलते हैं।” मतलब, NDTV के पत्रकार मोहम्मद ग़ज़ाली के लिए हजारों लोगों का सड़क पर नमाज पढ़ कर घंटों ट्रैफिक जाम करना ठीक है, लेकिन उसके खिलाफ कुछ हिन्दू शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर दें तो दिक्कत है।
बता दें कि हरियाणा के गुरुग्राम में सार्वजनिक जगहों पर नमाज अदा करने के खिलाफ पिछले महीने (सितंबर 2021) से विरोध प्रदर्शन जारी है। शुक्रवार (15 अक्टूबर, 2021) को गुरुग्राम सेक्टर-47 में स्थानीय हिंदू लोगों ने लगातार चौथे सप्ताह भजन-कीर्तन कर प्रदर्शन किया। मौके पर पहुँचे पुलिस बल और अधिकारियों ने विरोध करने वालों को समझाने का प्रयास किया। इसको लेकर स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए और उन्होंने आरोप लगाया कि हमसे वादा किया गया था कि दस दिन में इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं किया गया।