मीडिया अपने पाठकों के साथ किस तरह की बेईमानी करता है, इसका ताजा उदाहरण एक बार फिर देखने को मिला। दरअसल, परसों एक खबर आई कि ड्रग्स मामले में एनसीबी ने टीवी कलाकार प्रीतिका चौहान के खिलाफ़ कार्रवाई की है और उन्हें 8 नवंबर तक के लिए जेल भेज दिया है।
इस खबर को लगभग हर मीडिया चैनल व समाचार पत्रों ने प्रमुखता से उठाया। दैनिक भास्कर भी इस भीड़ में पीछे नहीं छूटा। उन्होंने भी प्रीतिका के ख़िलाफ़ लिए गए एक्शन पर अपनी खबर की। हालाँकि, खबर के साथ उन्होंने एक तस्वीर का इस्तेमाल किया, जो न तो प्रीतिका की थी और न ही प्रतीकात्मक तस्वीर थी।
इसके बाद सोशल मीडिया पर यह मुद्दा उठा। दैनिक भास्कर की ‘जागरूकता’ की पोल खोलते हुए BefittingFacts ने तथ्य सामने रखे। ट्विटर अकॉउंट से बताया गया कि दैनिक भास्कर अपनी खबर में जिस लड़की को प्रीतिका चौहान बताकर खबर दे रहा है कि उन्हें ड्रग केस में अरेस्ट किया गया, वह लड़की अनीता भारती है, पटना में पढ़ती है न कि प्रीतिका चौहान।
.@DainikBhaskar (MP) using an IITian Anita Bharti’s picture in a drug related case in which an actress called Pritika Chauhan is arrested. Gutter level journalism by Dainik Bhaskar. @ChouhanShivraj pic.twitter.com/iP7Y86wZQ7
— Facts (@BefittingFacts) October 26, 2020
अपनी बात को साबित करने के लिए ट्विटर अकॉउंट होल्डर ने एक और पेपर की कटिंग शेयर की, जिसमें अनीता भारती और उनके भाई अभिषेक भारती की तस्वीर है। ये दोनों पिछले दिनों अपनी वेबसाइट ट्यूऑन खोलने के कारण चर्चा में आए थे। इन्होंने इस वेबसाइट के जरिए एक सकारात्मक पहल की शुरुआत की थी और बच्चों को एक ऐसा प्लेटफॉर्म मुहैया करवाया था, जहाँ वह मुफ्त ट्यूशन ले सकें।
इस पेपर कटिंग के मुताबिक अनीता एनआईटी पटना से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की छात्रा हैं। मगर, दैनिक भास्कर उनके चेहरे का इस्तेमाल प्रीतिका के रूप में कर रहा है। साथ ही बता रहा है कि उनके पास से 99 ग्राम गांजा बरामद हुआ है।
BefittingFacts अपने ट्वीट में लिखते हैं, “दैनिक भास्कर ने ड्रग संबंधी केस में हुई प्रीतिका चौहान की गिरफ्तारी के लिए अनीता भारती की तस्वीर का इस्तेमाल किया। दैनिक भास्कर द्वारा घटिया स्तर की पत्रकारिता।”
गौरतलब हो कि एक ओर जहाँ पर मौजूद जानकारी के मुताबिक साल 2019 तक इस अखबार का सर्कुलेशन प्रतिदिन 45,79,051 का है, ऐसे में सोचने वाली बात है कि अगर इनकी ऐसी लापरवाही की पोल सोशल मीडिया पर खुल भी गई तो क्या हर पाठक तक इनकी गलती पहुँच पाएगी। शायद नहीं!
‘दैनिक भास्कर’ मीडिया जगत में 6 दशक को पार कर चुका है और यह अखबार गाँव-गाँव तक में अपनी जगह बना चुका है। ऐसे में संभव ही नहीं है कि इनके बिना गलती माने इनकी लापरवाहियों की पोल हर किसी के सामने खुल पाए। ऐसे ही संस्थान हमेशा से पाठक को बेवकूफ बनाकर कामचलाऊ पत्रकारिता करते आए हैं। इन्होंने अपनी लापरवाही के नाम पर कभी मौलवी को बाबा बताया है तो कभी मुस्लिम आलिम को तांत्रिक लिखने का काम किया है।