Monday, November 4, 2024
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भूमिपूजन पर भगवा झंडे-पटाखे दिए जलाना डरा रहा है संप्रदाय विशेष को: शन्नो की शिकायत पर ‘वायर’ की तरफदारी

"हमारे क्षेत्र में एक शन्नो, पत्नी सलीम, रहती है जो कि हर आए दिन हमारे क्षेत्र में माहौल ख़राब करने में लगी रहती है और झगड़ा करने की कोशिश करती है। वह लगातार झूठी शिकायत करती रहती है और कहती है कि मेरी हाईकोर्ट के वकील से पहचान है। मैं सबको दंगों और लड़ाई के साथ अन्य आरोपों में फँसा दूँगी।"

प्रोपेगेंडा न्यूज़ वेबसाइट ‘द वायर’ ने अपनी एक सनसनीखेज रिपोर्ट में दावा किया है कि अयोध्या श्रीराम मंदिर के भूमिपूजन के अगले दिन दिल्ली की एक ‘मस्जिद’ वाली गली में भगवा झंडे लगा दी गए। द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के सुभाष मोहल्ले में लेन नंबर 2 क्षेत्र के निवासियों ने ‘द वायर’ के पास शिकायत की है कि वहाँ पर भूमिपूजन के बाद ‘अशोभनीय’ और ‘सांप्रदायिक ‘ नारेबाजी की गईं।

इस बेहद काल्पनिक घटना का विवरण देते हुए ‘द वायर’ ने अपनी इस तथाकथित रिपोर्ट में लिखा है कि इस साल की शुरुआत में फरवरी में दिल्ली के दंगों से पहले ये लेन खुली होती थी, लेकिन अब इस पर गेट लग चुके हैं।

इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वहाँ के निवासियों ने वायर को बताया कि भूमिपूजन की रात को ‘मीडिया हाइप’ और आरएसएस की कारस्तानी से लोगों ने दीए जलाए और रात के करीब 1 बजे वहाँ मौजूद लोगों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए ‘गद्दारों को बाहर निकालो’ और ‘मुल्लों बाहर निकलो’ की आवाजें लगाईं।

हालाँकि, वायर ने ये रिपोर्ट किसी ‘अनम*’ नाम के हवाले से लगाए हैं लेकिन इसमें नाम के साथ लगे हुए स्टार के चिन्ह के बारे में द वायर ने कोई नोट नहीं लिखा है कि ये नाम वास्तविक हैं या फिर वायर की इस रिपोर्ट के अनुसार ही मनगढ़ंत किरदार हैं।

इस रिपोर्ट के अनुसार, “अनम को एहसास हुआ कि उस रात उसके पति ने जो कहा, वह सच था। यह अहसास तब हुआ जब उसने शनिवार रात उत्तर-पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा पुलिस स्टेशन में एक घटना के बारे में सुना।”

द वायर के अनुसार, शन्नो नाम की एक महिला ने रोते-बिलखते हुए आरोप लगाए हैं कि उनके गाल पर थप्पड़ के भी निशान हैं और उनकी 17 साल की बेटी को भी चांटे मारे गए साथ ही, उनकी छाती पर हाथ मार कर उसका कुरता फाड़ दिया गया।

वायर की रिपोर्ट के अनुसार, शन्नो ने कहा कि वो लोग भगवा झंडे लेकर ‘संप्रदाय विशेष’ की गली में घुसे जिससे गली में साम्प्रदायिक तनाव का माहौल हो गया है। शन्नो का कहना है कि
आज उन्होंने मस्जिद के पास भगवा झंडे बाँध दिए हैं और उसके गेट के बाहर पटाखे फोड़ रहे हैं, अगर उन्हें दंड नहीं मिला तो वो कल मस्जिद के अंदर ऐसा करेंगे।”

संप्रदाय विशेष के पत्रकार लोगों से मिलकर कर रहे हैं फर्जी रिपोर्टिंग

जब ऑपइंडिया ने सुभाष मोहल्ले के स्थानीय लोगों से इस सम्बन्ध में बातचीत की तो उन लोगों ने बताया कि भूमिपूजन की रात उन्होंने दीए जलाए और पटाखे जरुर फोड़े लेकिन किसी प्रकार की नारेबाजी नहीं की।

स्थानीय लोगों ने बताया कि सब कुछ सामान्य ही था लेकिन इसके कुछ दिन बाद संप्रदाय विशेष के पत्रकारों ने वहाँ मौजूद परिवारों से बातचीत कर इसे मजहबी रंग देने का प्रयास किया। जब भूमिपूजन के उत्साह में लोगों ने दीए जलाए और पटाखे फोड़े तो शन्नो नाम की इस महिला ने लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की।

आज भी कुछ संप्रदाय विशेष के पत्रकार उस गली में गए थे, लेकिन आज वहाँ मौजूद लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी कि ये लोग मामले की गलत रिपोर्टिंग कर रहे हैं जिसके बाद पुलिस उन पत्रकारों को ही थाने ले गई।

शन्नो को लेकर दर्ज हुई है शिकायत

उल्लेखनीय है कि ‘द वायर’ की रिपोर्ट में शन्नो के किए गए दावों के विपरीत सुभाष मोहल्ला के लोगों ने सलीम की पत्नी शन्नो के खिलाफ लोगों को परेशान करने और उन्हें अपनी ‘ऊँची पहुँच’ को लेकर धमकाने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।

पूर्वोत्तर दिल्ली के भजनपुरा थाने में दर्ज शिकायत में स्थानीय लोगों ने कहा है कि फरवरी माह में हुए दंगों के बाद से ही इलाके माहौल शांतिपूर्ण है लेकिन शन्नो जबरन यहाँ तनाव पैदा करने का प्रयास करती हैं।

अगस्त 11, 2020 को दर्ज इस शिकायत के अनुसार, “हमारे क्षेत्र में एक शन्नो, पत्नी सलीम, रहती है जो कि हर आए दिन हमारे क्षेत्र में माहौल ख़राब करने में लगी रहती है और झगड़ा करने की कोशिश करती है। वह लगातार झूठी शिकायत करती रहती है और कहती है कि मेरी हाईकोर्ट के वकील से पहचान है। मैं सबको दंगों और लड़ाई के साथ अन्य आरोपों में फँसा दूँगी। साथ ही, अन्य महिलाओं को भी हमारे खिलाफ भड़का रही है, जिससे मोहल्ले का माहौल ख़राब होने का अंदेशा है। हम सभी क्षेत्रवासी परेशान हैं। आपसे अनुरोध करते हैं कि इस महिला से हमें बचाया जाए और ऐसे साम्प्रदायिक माहौल ख़राब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।”

शिकायत की कॉपी

इस शिकायत में दीपक गोस्वामी, रवि तिवारी और फखरुद्दीन समेत कुल 14 लोगों के हस्ताक्षर दर्ज हैं। ऐसे में सवाल यह उठते हैं कि प्रोपेगेंडा वेबसाइट ‘द वायर’ की इस खोजी रिपोर्ट और इसके कथित पीड़ित किरादारों में से एक शन्नो के सभी आरोप कितने सही हैं?

इस रिपोर्ट और इसके आरोपों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गली में यदि कोई भगवा झंडे लेकर घुसा भी है तो वह पाकिस्तान की गली में नहीं बल्कि भारत की राजधानी दिल्ली की ही किसी गली में घुसे होंगे और यदि वो कथित तौर पर भगवा झंडे लगा रहे हैं तो फिर भगवा झंडे लगा देने में शन्नो को सांप्रदायिक तनाव पैदा होने की उम्मीद क्यों नजर आ रही है?

जिस तरह की भूमिका द वायर जैसे प्रपंचकारियों ने श्रीराम मंदिर के शुरुआत से लेकर इसके आखिरी फैसले, और अब भूमिपूजन के दौरान इसे दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों से जोड़ने के लिए किए, उससे यही साबित होता है कि यह इस्लामिक विचारधारा के समर्थक तथाकथित मीडिया चैनल्स अभी तक भी राम मंदिर में विवाद पैदा करने की अपनी हर आखिरी कोशिश में जुटें हुए हैं।

द वायर की इसी रिपोर्ट में शन्नो विवाद पर भजनपुरा के SHO अशोक शर्मा ने कहा है कि इस इलाके में हिंदू और संप्रदाय विशेष दोनों तरह के लोग रहते हैं। उन्होंने पटाखे भी फोड़े। अब वे हमें उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कह रहे हैं। जब राष्ट्र में हर कोई जश्न मना रहा है, दीया जला रहा है और पटाखे फोड़ रहा है, तो फिर मुद्दा क्या है?

SHO शर्मा ने कहा कि यह एक समस्या तब होती, जब उनके घर के दरवाजे पर यह किया गया होता, दीया जलाना और केसरिया झंडे लगाना कोई अपराध नहीं है। अशोक शर्मा ने कहा है कि इस विषय में स्थानीय लोगों के साथ बात करने पर ही पता चल पाएगा कि यह मुद्दा क्या है और यदि कोई विवाद है तो क्या यह आपसी बातचीत से हल किया जा सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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