‘इंडिया टुडे ग्रुप’ ने प्रोपेगंडा पोर्टल न्यूजलॉन्ड्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। मंगलवार (16 नवंबर, 2021) को दिल्ली उच्च-न्यायालय में इसकी सुनवाई हुई। 2 करोड़ रुपए के इस नोटिस में मीडिया समूह ने न्यूजलॉन्ड्री पर अपने पत्रकारों और एंकरों के अलावा प्रबंधन की मानहानि और कॉपीराइट का मामला भी ठोका है। सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यूजलॉन्ड्री से कहा कि पैरोडी क्रिएटिव होनी चाहिए, लेकिन ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ के जरिए किसी की प्रतिष्ठा को ठेस नहीं पहुँचाया जाना चाहिए।
न्यूजलॉन्ड्री ने अपने बचाव में तर्क दिया कि ये मानहानि नहीं है, बल्कि पैरोडी है। वहीं ‘टीवी टुडे’ ने अपने वकील के माध्यम से दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि मीडिया एक विकसित हो रही इंडस्ट्री है और इसका हिस्सा होने के कारण दोनों एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हुए, ऐसे में न्यूजलॉन्ड्री अपने बारे में कुछ भी कह सकता है और खुद को सर्वश्रेष्ठ बता सकता है, लेकिन दूसरों के विरुद्ध दावे करने का अधिकार उसे नहीं है। साथ ही कहा कि वीडियो में न्यूजलॉन्ड्री ने ये दिखाने की कोशिश की कि ‘टीवी टुडे’ विज्ञापनदाताओं की दया पर टिका हुआ है, जो FOE के अंतर्गत नहीं आता।
Bench: One cannot be allowed to harm another’s reputation under garb of freedom of speech. Commenting doesn’t really add to information.#DelhiHighCourt @newslaundry
— Live Law (@LiveLawIndia) November 16, 2021
साथ ही ये भी कहा गया कि न्यूजलॉन्ड्री वालों ने जिस क्षण ‘इंडिया टुडे’ के कंटेंट्स चलाए, उसी क्षण ये कॉपीराइट उल्लंघन का मामला बन गया। ‘टीवी टुडे’ ने कहा कि इस कंटेंट का प्रयोग करना सिर्फ हमारी कंपनी का अधिकार है। न्यूजलॉन्ड्री ने दावा किया कि उन्होंने इस कंटेंट का ‘स्वच्छ तरीके से प्रयोग’ किया है, जबकि ‘टीवी टुडे’ ने कहा कि ये आलोचना के भी अंतर्गत नहीं आता, ये उससे भी बढ़ कर है। ‘टीवी टुडे’ ने आरोप लगाया कि उसके कार्यक्रमों के आधार पर न्यूजलॉन्ड्री वाले अपना शो बना रहे हैं।
‘टीवी टुडे’ के काउंसल ने कहा कि चैनल ने इतनी मेहनत कर के और संसाधन लगा कर कंटेंट तैयार किया, जबकि वो एक पुरुष और एक महिला को बिठा कर इसका इस्तेमाल कर के वीडियो बना रहे हैं। न्यूजलॉन्ड्री ने कहा कि ये ‘कमेंट्री’ है, इसीलिए उनका कंटेंट दिखाना ज़रूरी है। उसने कहा कि वो ये दिखाने की कोशिश कर रहा था कि ‘टीवी टुडे’ के पत्रकार अपना काम ठीक से नहीं कर रहे। न्यूजलॉन्ड्री पर कोर्ट की सुनवाई के वीडियो बनाने के भी आरोप लगे।
फटकार लगने के बाद प्रोपेगंडा पोर्टल ने ‘बार एंड बेंच’ और ‘लाइव लॉ’ की तरह कोर्ट की सुनवाई की बिना कमेंट्री के रिपोर्टिंग की अनुमति माँगी। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ के चोले में आप किसी की प्रतिष्ठा को हानि नहीं पहुँचा सकते। उच्च-न्यायालय ने कहा कि टिप्पणी देना, सूचना नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा कि पैरोडी क्रिएटिव होनी चाहिए। न्यूजलॉन्ड्री ने कहा कि ‘इंडिया टुडे’ के पास इसे बर्दाश्त करने की क्षमता है, क्योंकि हम एक-दूसरे की आलोचना कर सकते हैं।
@newslaundry counsel submits he will take down video with commentary and upload one with only reportage, without any comments.
— Live Law (@LiveLawIndia) November 16, 2021
Court agrees. You know how @LiveLawIndia and @barandbench report, it says.#DelhiHighCourt @newslaundry
साथ ही ये भी दावा किया कि ‘इंडिया टुडे’ रोज नेताओं की आलोचना करता है। न्यूजलॉन्ड्री ने कहा कि वो कोर्ट की रिपोर्टिंग पर टिप्पणी किए गए वीडियोज को हटाएगा और आगे से बिना किसी प्रतिक्रिया के रिपोर्टिंग करेगा। इसके बाद सुनवाई ख़त्म हो गई। असल में न्यूजलॉन्ड्री के बारे में ‘टीवी टुडे’ के काउंसल ने ही बताया था कि वो न सिर्फ कोर्ट की सुनवाई पर वीडियो बना-बना कर डाल रहे हैं, बल्कि उस पर टिप्पणियाँ और प्रतिक्रियाएँ भी दे रहे हैं।
बता दें कि न्यूजलॉन्ड्री के सीईओ अभिनंदन सेखरी, डायरेक्टर प्रशांत सरीन और रूपक कपूर, कार्यकारी संपादक मनीषा पांडे और अतुल चौरसिया, प्रबंध संपादक रमन कृपाल, संवाददाता आयुष तिवारी और स्तंभकार हृदयेश जोशी को इस मामले में पक्षकार बनाया गया है। साथ ही सोशल मीडिया दिग्गज ट्विटर, फेसबुक और गूगल को भी इस मुकदमे में पक्षकार बनाया गया है। आरोप है कि चैनल के समाचार, रिपोर्टिंग, प्रबंधन और न्यूज एंकरों के बारे में अनुचित, अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण रूप से अपमानजनक टिप्पणी की गई है।