रिपब्लिक भारत और मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह मामले में रिपब्लिक भारत के कंसल्टिंग एडिटर प्रदीप भंडारी की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने परमबीर सिंह द्वारा की गई दमनकारी कार्रवाई की जम कर आलोचना की है और मामले से जुड़ी कई अहम बातें कही हैं। प्रदीप भंडारी का कहना है कि परमबीर सिंह अपनी वर्दी के हकदार नहीं हैं क्योंकि BARC द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के बाद रिपब्लिक भारत पर टीआरपी में बदलाव के आरोप निराधार साबित होते हैं।
इसके अलावा प्रदीप भंडारी ने परमबीर सिंह पर कार्रवाई की माँग भी उठाई है। प्रदीप भंडारी ने राष्ट्रपति से निवेदन किया कि वह परमबीर सिंह पर रिपब्लिक भारत के खिलाफ़ फ़र्ज़ी ख़बर फैलाने के लिए कार्रवाई करें। गैर कानूनी तरीके से खुद को हिरासत में लिए जाने, पूछताछ करने और मोबाइल छीने जाने की बात का ज़िक्र करते हुए प्रदीप भंडारी ने कहा कि परमबीर सिंह ने अदालत के आदेश की अवहेलना की है क्योंकि अदालत ने उन्हें पहले ही अग्रिम जमानत दी थी।
प्रदीप भंडारी ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा, “मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह आप वर्दी के हकदार नहीं हैं। आपने इस वर्दी में रहते हुए झूठ बोला है और रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क ने पहले ही BARC द्वारा रखे पक्ष का खुलासा कर दिया था। जिसमें रिपब्लिक द्वारा टीआरपी में किए गए किसी भी तरह के बदलाव का ज़िक्र नहीं है। परमबीर सिंह आपने देश के लोगों से झूठ बोला है और उनके साथ धोखा किया है।”
#RepublicExposesParamBir | Param Bir Singh ji, I want to tell you that you don’t deserve the uniform: WATCH @pradip103‘s message as BARC exposes Mumbai CP’s lies against Republic Media Network https://t.co/RZHKU3wOei pic.twitter.com/3qacJw8RcT
— Republic (@republic) October 18, 2020
इसके बाद उन्होंने गैर कानूनी तरीके से हिरासत में लिए जाने के बाद हुई पूछताछ पर भी अपनी बात कही। प्रदीप भंडारी ने कहा, “आपने अपने अधिकारियों से कह कर मुझे पूछताछ के लिए 10 घंटे तक हिरासत में बंद करके रखा। इस दौरान न मुझे कुछ खाने के लिए दिया गया और न ही पानी दिया गया। अदालत द्वारा अग्रिम जमानत का आदेश जारी हो जाने के बावजूद आपने मेरा मोबाइल फोन छीना जो कि क़ानून तोड़ने जैसा है। इससे साबित होता है कि आप षडयंत्रों की मदद से सच को छिपाना चाहते थे लेकिन सच को कैसे छिपाया जा सकता है।”
इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बिजयंत जय पांडा ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुझे इस बात से हैरानी हो रही है। कुछ समय पहले तक मुंबई पुलिस की छवि बेहतर हुआ करती थी लेकिन इस तरह की कार्रवाई नियम और क़ानून का पूरी तरह उल्लंघन है। पत्रकारों को सड़क से उठा लेना, इस तरह की घटनाएँ हम पाकिस्तान जैसे देशों में प्रतिदिन पढ़ते हैं जहाँ उन पत्रकारों पर अत्याचार होता है जो प्रशासन की सच्चाई सामने लेकर आते हैं। पुलिस द्वारा की गई इस तरह की कार्रवाई हैरान कर देने वाली है, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।”
जम्मू कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने भी इस घटना की आलोचना की। उन्होंने कहा, “BARC ने अपनी तरफ से जो रिपोर्ट जारी की थी उसके आधार पर यह साफ़ था कि रिपब्लिक भारत पर लगाए गए आरोप नकली थे। इससे यह साबित होता है कि महाराष्ट्र जानबूझ कर मीडिया समूहों को परेशान कर रही है, जिनका नाम भी नहीं था आरोप में उस पर एफ़आईआर दर्ज करना गलत है, उन्हें हिरासत में रखना भी सरासर गलत है। इस तरह की बातें आपातकाल में देखने के लिए मिलती थीं।”
इसके आलावा सोशल मीडिया पर भी लोगों ने जोर-शोर से परमबीर सिंह के इस्तीफे की माँग की है।