Friday, November 22, 2024
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केजरीवाल के बचाव में प्रोपेगेंडा पोर्टल Alt News, किया Satire का फैक्ट चेक: AAP के विज्ञापनों पर सवाल से मिर्ची

समाचार पत्रों के विज्ञापनों पर जनता का पैसा खर्च करने के बाद 'आप' ने केंद्र सरकार पर ही आरोप मढ़ दिया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर दिल्ली को वैक्सीन व धन उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया था, जबकि वह कोरोना की बेकाबू रफ्तार को काबू करने में विफल रहे थे।

खुद को फैक्ट-चेकर बताने वाले प्रोपेगेंडा पोर्टल AltNews ने आम आदमी पार्टी के बचाव में शनिवार (26 जून 2021) को एक व्यंग्यपूर्ण वीडियो का ‘फैक्ट चैक’ किया, जिसमें समाचार पत्रों के विज्ञापनों पर ‘आप’ द्वारा सार्वजनिक धन के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग के पाखंड को उजागर किया गया था। इससे पहले, इस पोर्टल ने कॉन्ग्रेस को लेकर भी एक फैक्ट चेक किया था।

हाल ही में, Political Kida नाम के एक व्यंग्यपूर्ण ट्विटर अकाउंट ने अपने YouTube चैनल पर एक ​एडिटेड वीडियो साझा किया था। वीडियो में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के विज्ञापनों पर भारी खर्च करने के पाखंड को उजागर किया गया था। बीते दिनों एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र की टीकाकरण नीति पर सवाल उठाते हुए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का इस ट्विटर अकाउंट ने एक व्यंग्यपूर्ण वीडियो शेयर किया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर किया गया था, जिसको लेकर यूजर्स ने दिल्ली सरकार पर कोविड-19 के कुप्रबंधन को लेकर सवाल उठाया था।

दरअसल, प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनीष सिसोदिया ने विज्ञापन पर पैसा खर्च करने को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाया था और वैक्सीन की खरीद पर पैसा खर्च नहीं करने के लिए सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था, “मोदी सरकार कोविड-19 के टीकों की बजाए विज्ञापनों पर पैसे खर्च कर रही है।” जैसे ही मनीष सिसोदिया का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, कई नेटिजन्स ने आम आदमी पार्टी को घेर लिया। उन्होंने ‘आप’ नेताओं के पाखंड को लेकर कहा कि यह केंद्र नहीं बल्कि दिल्ली सरकार है, जो जनता के करोड़ों रुपए अरविंद केजरीवाल की छवि को सुधारने के लिए जनसंपर्क गतिविधियों (PR activities) में खर्च कर रही है।

जब दिल्ली कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रही थी। उस दौरान कई लोगों ने अरविंद केजरीवाल और उनकी दिल्ली सरकार पर समाचार पत्रों में विज्ञापनों पर भारी खर्च करने के लिए सवाल उठाया था। उन्होंने दिल्ली सरकार को अपनी छवि सुधारने के लिए फालतू खर्च करने और करदाताओं के पैसे बर्बाद करने के लिए उन पर हमला बोला था। दरअसल, इन लोगों ने ‘आप’ सरकार से दिल्ली के लोगों के लिए विज्ञापन के पैसों को वैक्सीन की खरीद पर खर्च करने को कहा था।

दिल्ली में कोरोना के खिलाफ चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान को चलाने में असफल रहे अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते हुए नेटिजन्स ने पूरे पेज के विज्ञापनों के स्क्रीनशॉट साझा किए थे। जिन पर AAP सरकार ने अपनी झूठी उपलब्धियों और अपनी छवि सुधारने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए थे।

प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों के पहले पेज पर ‘आप’ के विज्ञापन।

यहाँ ध्यान दें कि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना महामारी में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्चा करने की बजाए समाचार पत्रों के अलावा विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर विज्ञापनों और प्रचार पर जनवरी 2021 से मार्च 2021 तक 150 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यानी केजरीवाल सरकार ने पिछले दो साल में लगभग 800 करोड़ से ज्यादा रुपए विज्ञापनों पर खर्च किए हैं।

समाचार पत्रों के विज्ञापनों पर जनता का पैसा खर्च करने के बाद ‘आप’ ने केंद्र सरकार पर ही आरोप मढ़ दिया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर दिल्ली को वैक्सीन व धन उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया था, जबकि वह कोरोना की बेकाबू रफ्तार को काबू करने में विफल रहे थे।

उसी के जवाब में Political Kida ने एक व्यंग्यपूर्ण वीडियो (satirical video) पब्लिश किया था। वीडियो में ‘आप’ के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के पाखंड पर सवाल उठाया गया था, जिसमें उन्होंने केंद्र पर विज्ञापनों पर कथित रूप से खर्च करने का आरोप लगाया गया था। जबकि सच तो यह है कि उनके नेता अरविंद केजरीवाल अपनी छवि सुधारने के लिए विज्ञापनों पर करोड़ों रुपए खर्च कर रहे थे। पॉलिटिकल कीड़ा ने बाईं ओर मनीष सिसोदिया के भाषण और दाईं ओर कोरोना महामारी के दौरान पीआर एक्टिविटी यानी विज्ञापनों पर दिल्ली सरकार द्वारा खर्च किए गए करोड़ों रुपए के तथ्य को उजागर किया है।

कई सोशल मीडिया यूजर्स ने पॉलिटिकल कीड़ा द्वारा प्रकाशित इस व्यंग्य वीडियो को विभिन्न प्लेटफॉर्म पर शेयर किया, जो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो ने आम आदमी पार्टी के पाखंड को सबके सामने ला दिया है, क्योंकि वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे ‘आप’ इस तरह की पीआर गतिविधियों में संलिप्त होने के बावजूद विज्ञापनों को लेकर केंद्र पर हमला करके घटिया राजनीति कर रही है। मौका पाकर ऑल्ट न्यूज ने एक मीम वीडियो का ‘फैक्ट चेक’ किया, जो जाहिर तौर पर एक मजाक है। ऑल्ट न्यूज ने तब व्यंग्यपूर्ण वीडियो को ‘​एडिट’ और ‘फैक्ट चेक’ मैटेरियल पाया।

जब ऑल्ट न्यूज से जुड़े लोग तथाकथित घृणा अपराधों के बारे में फर्जी खबरें फैलाने में व्यस्त नहीं होते हैं, जिससे देश में सांप्रदायिक दंगे हो सकते हैं, तब वे मीम्स का ‘फैक्ट-चेक’ करते हैं। ऑल्ट न्यूज ने अपने ‘फैक्ट चेक’ में कहीं भी इसका जिक्र नहीं किया है कि ये वीडियो व्यंग्यपूर्ण है। भले ही वह ‘आप’ के पाखंड को उजागर करना चाहते हों। इससे पहले भी कई बार, आम लोगों द्वारा पोस्ट किए गए मीम्स, व्यंग्य वीडियो के ‘फैक्ट चेक’ में प्रोपेगेंडा आउटलेट ने शर्मनाक पलों का सामना किया है।

यहाँ एक ऐसा ही उदाहरण है:

ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने 2017 में राहुल गाँधी का मजाक उड़ाते हुए एक व्यंग्यपूर्ण वीडियो का ‘फैक्ट-चैक’ किया था। गौरतलब है कि अभी हाल ही में प्रोपेगेंडा वेबसाइट ऑल्ट न्यूज को टूलकिट गड़बड़ी मामले में कॉन्ग्रेस को क्लीन चिट देते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। ऑल्ट न्यूज कॉन्ग्रेस को बचाने के चक्कर में खुद ही फँस गया था।

इसी बीच ऑल्ट न्यूज द्वारा सुपर लोंडे का एक और वीडियो ‘फैक्ट चेक’ करने से पहले हम यह बता दें कि यह एक व्यंग्य है। आप वीडियो को यहाँ देख सकते हैं।

अन्य संदिग्ध ‘फैक्ट चेक’ वेबसाइट भी पॉलिटिकल कीड़ा के व्यंग्य वीडियो का सच उजागर करती हैं, फेसबुक का कहना है कि इस वीडियो में छेड़छाड़ (manipulated) की गई है। सिर्फ ऑल्ट न्यूज ही नहीं, यह तक कि अन्य संदिग्ध ‘फैक्ट-चैक’ वेबसाइट जैसे बूम लाइव और वामपंथी वेबसाइट द क्विंट ने विज्ञापन खर्च पर ‘आप’ के पाखंड पर पॉलिटिकल कीड़ा द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो के बहुत ही मेहनत से जाँच की। फेसबुक द्वारा ‘इंडिपेंडेंट’ फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट के रूप में मान्यता प्राप्त दो वेबसाइटों ने व्यंग्य वीडियो को ‘doctored’ घोषित किया।

द क्विंट ने अपने कथित ‘फैक्ट चेक’ में दावा किया कि मनीष सिसोदिया का दिल्ली के सीएम को फटकारने का वीडियो एडिटेड है। खैर, वह यह बताने में विफल रहा कि व्यंग्य वीडियो एडिट किए गए हैं और एक बिना तथ्यों की जाँच की गई सामग्री को प्रकाशित किया गया है।

पॉलिटिकल किडा के व्यंग्य वीडियो पर क्विंट की रिपोर्ट।

इसी तरह एक अन्य ‘फैक्ट चेक’ पोर्टल बूम लाइव ने इसका जिक्र किए बिना कि ये वीडियो व्यंग्य का काम है। उसने व्यंग्यपूर्ण वीडियो को ‘doctored’ घोषित कर दिया।

बूम लाइव का फैक्ट-चेक

जैसा कि दो फेसबुक-प्रमाणित फैक्ट-चेकर्स ने घोषणा की थी कि व्यंग्य वीडियो में ‘छेड़छाड़’ की गई थी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने अब इस वीडियो को ‘भ्रामक‘ के रूप में चिह्नित किया है।

फेसबुक ने व्यंग्यपूर्ण वीडियो को ‘भ्रामक’ बताया

यह पहली बार नहीं है जब प्रोपेगेंडा आउटलेट ने मीम का ‘फैक्ट चेक’ किया है। जुलाई 2020 में, लद्दाख में एलएसी के पास गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था। इसमें दावा किया गया था कि भारतीय वायु सेना के अपाचे हेलीकॉप्टरों को लद्दाख में पैंगोंग झील के ऊपर से उड़ते हुए दिखाया गया था। यह दोनों देशों के बीच संघर्ष का एक और स्थल है। इसे व्यापक रूप से शेयर किए जाने के बाद ट्विटर पर कई लोगों ने बताया कि यह यूएसए का एक पुराना वीडियो था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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