Friday, November 8, 2024
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‘घरों तक नहीं पहुँचने देंगे TOI’: हिन्दू विरोधी कार्टून के बाद भड़के लोगों ने जलाई अख़बार की प्रतियाँ, उज्जैन रेप केस के नाम पर प्रोपेगंडा का विरोध

'हिंदू चेतना समिति' ने कहा कि यदि 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो वो उसके अखबार लोगों के घरों में नहीं पहुँचने देंगे।

मध्य प्रदेश के उज्जैन में नाबालिग बच्ची के साथ हुए बलात्कार को लेकर टाइम्स ऑफ इंडिया ने हिंदू धर्म को निशाने बनाते हुए एक कार्टून बनाया था। इसको लेकर हिंदू संगठन गुस्से में हैं। इस बीच मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में हिंदू संगठन ने टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) के अखबार को प्रतियाँ जलाकर विरोध जताया।

शनिवार (30 सितंबर, 2023) को ‘हिंदू चेतना सेवा समिति’ के कार्यकर्ता विदिशा के माधवगंज रेलवे स्टेशन पर इकट्ठा हुए। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के संपादक और उसके मुख्य कार्टूनिस्ट संदीप अध्वर्यु के खिलाफ कार्रवाई की माँग की। ‘हिंदू चेतना समिति’ ने कहा कि यदि ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो वो उसके अखबार लोगों के घरों में नहीं पहुँचने देंगे।

विरोध कर रही समिति के संस्थापक रामपाल सिंह राजपूत ने कार्टून गलत तरीके से बनाने और हिंदूफोबिक होने को लेकर कार्टूनिस्ट की आलोचना की। साथ ही कहा यदि सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो उनका संगठन पूरे प्रदेश में ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के खिलाफ प्रदर्शन करेगा। वहीं हिं’दू चेतना सेवा समिति’ के जिला अध्यक्ष नितिन सिरभैया ने कार्टूनिस्ट संदीप अध्वर्यु के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की माँग की। सिरभैया ने यह भी कहा कि इस कृत्य के लिए ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के डायरेक्टर को माफी माँगनी चाहिए।

मध्य प्रदेश के विदिशा में ‘हिंदू चेतना सेवा समिति’ के कार्यकर्ताओं ने जलाई TOI की प्रतियाँ

बता दें कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में 15 साल की बच्ची के साथ बलात्कार का मामला सामने आया था। इसके बाद ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुख्य कार्टूनिस्ट संदीप अध्वर्यु ने एक विवादित कार्टून पोस्ट किया था। इस कार्टून में दिखाया गया था कि पीड़ित लड़की लोगों से मदद माँगते हुए भटक रही है, वहीं हिंदू गाय की पूजा कर रहे हैं।

‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के लोगो वाला कार्टून

TOI के कार्टूनिस्ट ने अपने कार्टून में लड़की की पीड़ा या उसके प्रति समाज की उदासीनता को दिखाने की जगह अपने हिंदूफोबिक होने का प्रदर्शन किया था। उसने यह दिखाने की कोशिश की थी कि हिंदू जिस गाय को अपनी माँ मानते हैं उसकी पूजा कर रहे हैं। वहीं उनकी बेटी यानी एक हिंदू लड़की दर्द के साथ खून से लहूलुहान हो दर-दर भटक रही है।

वास्तव में यदि कार्टूनिस्ट को पीड़िता का दर्द और समाज की उदासीनता को दिखाना ही था तो वह सामान्य लोगों को भी दिखा सकते थे। इसके अलावा उज्जैन में अन्य मजहबों की भी बड़ी आबादी रहती है। वह उन्हें दिखा सकते थे। लेकिन सच्चाई यह है कि सबका और सॉफ्ट टारगेट हिंदू ही हैं।

उल्लेखनीय है कि बलात्कार पीड़िता की मदद करने वाला कोई अन्य नहीं बल्कि गाय की पूजा करने वाले एक गुरुकुल के आचार्य राहुल शर्मा थे। लेकिन कार्टूनिस्ट ने अपने कार्टून में उनका भी जिक्र नहीं किया था।

गौरतलब है कि बलात्कार पीड़िता मदद माँगने के लिए उज्जैन शहर में करीब 8 किलोमीटर तक पैदल चलती रही। वह लगातार लोगों से मदद माँग रही थी। लेकिन लोग सिर्फ मूक दर्शक बने देखते रहे। हालाँकि, जब वह उज्जैन के ही बड़नगर रोड स्थित दांडी आश्रम के पास पहुँची तो वहाँ के आचार्य राहुल शर्मा ने उसे कपड़े पहनाए पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने उसे हॉस्पिटल पहुँचाया।

बता दें कि ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के कार्टून सामने आने के बाद ही इसको लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा शुरू हो गया था। इसके बाद कार्टूनिस्ट संदीप अध्वर्यु ने एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि यह उसका व्यक्तिगत कार्टून था, इसका ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ से कोई लेना-देना नहीं है। हालाँकि, कार्टून में साफ तौर पर TOI और उसके रेगुलर स्टाइल में ‘लाइन ऑफ नो कंट्रोल’ लिखा हुआ था। कार्टूनिस्ट ने दावा किया, “मेरी पिछली पोस्ट में गलती से TOI लिखा रह गया था। मैं पोस्ट करने से पहले इसे फ्रेम के स्टैंटर्ड फॉर्मेट से हटाना भूल गया था।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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